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Gaza Vs Israel: इस्राइली-फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने एक साथ निकाली शांति रैली, पत्रकार मरियम को दी श्रद्धांजलि

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, तेल अवीव Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sat, 30 Aug 2025 05:10 PM IST
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सार

नाजरेथ में इस्राइली और फलस्तीनी कार्यकर्ताओं ने गाजा में शांति की मांग करते हुए पत्रकारों की हत्या का विरोध किया। इसी बीच खान यूनिस में नासेर अस्पताल पर इस्राइली हमले में मारी गई पत्रकार मरियम दग्गा के पिता और परिवार गहरे सदमे में हैं। मरियम गाजा के हालात की रिपोर्टिंग कर रही थीं। 

Gaza Israel Protest Israeli Palestinian protesters held joint peace rally paid tribute to journalist Maryam
इस्राइल में प्रदर्शन (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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इस्राइल और फलस्तीन के बीच जारी युद्ध की भयावहता ने एक बार फिर पत्रकारिता की स्वतंत्रता और मानवता पर गहरी चोट की है। नाजरेथ की सड़कों पर शुक्रवार को इस्राइली और फलस्तीनी कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। उन्होंने पत्रकारों की पहचान वाले ‘प्रेस’ स्टिकर पहनकर गाजा में शांति की अपील की। प्रदर्शनकारियों का संदेश साफ था कि पत्रकारिता अपराध नहीं है। इस रैली में कई लोग उन पत्रकारों की तस्वीरें लिए खड़े थे, जिन्हें इस संघर्ष में अपनी जान गंवानी पड़ी।
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नाजरेथ की इस रैली में लोगों ने बैनर उठाए, जिन पर लिखा था कि सच का कत्ल मत करो। कुछ प्रदर्शनकारियों ने खाली बर्तनों को बजाकर गाजा में भुखमरी और पत्रकारों की हत्या का विरोध जताया। गाजा युद्ध में अब तक करीब 200 पत्रकारों की मौत हो चुकी है। इन्हीं में 33 वर्षीय मरियम दग्गा भी थीं, जो एसोसिएटेड प्रेस के लिए फ्रीलांस करती थीं। इस हफ्ते खान यूनिस के नासेर अस्पताल पर इस्राइली हमले में वे चार अन्य पत्रकारों और 17 लोगों के साथ मारी गईं।
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मरियम दग्गा की कहानी
मरियम उन पत्रकारों में थीं जो युद्ध के दौरान नासेर अस्पताल में रहकर लगातार रिपोर्टिंग कर रही थीं। वे विस्थापित फलस्तीनियों की परेशानियां, डॉक्टरों और नर्सों की मेहनत और भूख से जूझते बच्चों की हालत दुनिया तक पहुंचा रही थीं। इस्राइली सेना ने दावा किया कि उसने अस्पताल पर हमले में हमास के निगरानी कैमरे को निशाना बनाया था, न कि पत्रकारों को। प्रधानमंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। लेकिन यह सफाई मरियम के परिवार के गहरे दर्द को कम नहीं कर सकी।

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पिता और बहन की आंखों से आखिरी पल
खान यूनिस में मरियम के पिता रियाद अपनी बेटी की आखिरी तस्वीरों को देखते हुए फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने कहा कि खबर सुनते ही मेरे पैर जवाब दे गए। मुझे समझ ही नहीं आया कि मेरे आसपास क्या हो रहा है। किसी ने कहा मरियम शहीद हो गई है, और मैं वहीं ढह गया। उनकी बहन नदा अस्पताल में उनके साथ थीं और उन्होंने आखिरी बार अपनी बहन को मुस्कुराते हुए देखा था, जब दूसरी मिसाइल सीढ़ियों पर गिरी और मरियम वहीं मारी गईं।

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भाई की बेबसी और अंतिम तस्वीरें
मरियम के भाई मोहम्मद ने अपनी बहन को मलबे से बाहर निकाला। वे उन्हें चौथी मंजिल से उठाकर ऑपरेशन रूम तक ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि अब केवल शव रिसेप्शन पर ले जाया जाएगा। मरियम की आखिरी तस्वीरों में वही टूटा हुआ अस्पताल का सीढ़ीदार हिस्सा दिखता है, जहां बाद में उनकी जान गई। तस्वीरों में लोग पहली बमबारी के बाद सीढ़ियां चढ़ते दिखते हैं, और खिड़कियों से बाहर झांकते नजर आते हैं। इन तस्वीरों ने मरियम की आखिरी गवाही के रूप में दुनिया को युद्ध की सच्चाई दिखा दी।

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