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अमेरिका नया पैंतरा; 'रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में करें मदद', जी7 देशों से ट्रंप के मंत्री
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 13 Sep 2025 11:20 AM IST
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सार
अमेरिका ने भारत पर इस आधार पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है कि वह रूस से तेल खरीदता रहा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पहले घोषित 25 फीसदी टैरिफ के अतिरिक्त है। अब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने जी 7 देशों से कहा है कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में अमेरिका की मदद करें।

स्कॉट बेसेंट, अमेरिका के वित्त मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
टैरिफ को लेकर अमेरिका ने नया पैंतरा अपनाया है। अब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने जी 7 देशों से कहा है कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में अमेरिका की मदद करें। उन्होंने रूसी संपत्तियों को स्थिर करने के प्रयासों का स्वागत किया। अमेरिका ने भारत पर इस आधार पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है कि वह रूस से तेल खरीदता रहा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पहले घोषित 25 फीसदी टैरिफ के अतिरिक्त है।
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि जी 7 के वित्त मंत्रियों के साथ कॉल के दौरान सचिव बेसेंट ने राष्ट्रपति ट्रंप के आह्वान को दोहराया कि यदि वे वास्तव में यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो उन्हें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में संयुक्त राज्य अमेरिका का साथ देना चाहिए। बेसेंट, राजदूत ग्रीर ने प्रतिबंधों के दबाव को बढ़ाने और यूक्रेन को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए रूसी संप्रभु संपत्तियों का उपयोग करने की प्रतिबद्धताओं का भी स्वागत किया।
बयान कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व की बदौलत अमेरिका ने रूसी तेल खरीदारों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर दी है। हम अपने साथी जी-7 देशों के इस आश्वासन से उत्साहित हैं कि वे इस युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें उम्मीद है कि वे इस महत्वपूर्ण समय में निर्णायक कार्रवाई करने में हमारा साथ देंगे।
एससीओ बैठक को बताया दिखावा
इससे पहले दो सितंबर को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्कॉट बेसेंट से जब चीन में आयोजित हुई एससीओ बैठक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'यह बैठक पहले से तय थी और यह व्यापक तौर पर दिखावा लगा। आखिर में भारत, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसके मूल्य हमारे ज्यादा करीब हैं और उसके बाद चीन के और फिर कहीं रूस के करीब हैं।'
उन्होंने कहा कि ये सभी गलत कर रहे हैं। भारत, रूस की युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है और उसी तरह चीन भी ऐसा कर रहा है। मुझे लगता है कि एक पॉइंट पर अमेरिका और इसके सहयोगियों को आगे आना पड़ेगा।' स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत, रूसी तेल खरीदकर उसे रिफाइन करके बेचकर, यूक्रेन में रूस युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि ट्रंप प्रशासन रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। ।
पीएम मोदी से बात करने को उत्सुक: ट्रंप
ट्रंप ने 10 सितंबर को ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी!' राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं होगी और वह आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
पीएम मोदी ने दिया जवाब
ट्रंप के पोस्ट के जवाब में पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए भी उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।'

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अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि जी 7 के वित्त मंत्रियों के साथ कॉल के दौरान सचिव बेसेंट ने राष्ट्रपति ट्रंप के आह्वान को दोहराया कि यदि वे वास्तव में यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो उन्हें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने में संयुक्त राज्य अमेरिका का साथ देना चाहिए। बेसेंट, राजदूत ग्रीर ने प्रतिबंधों के दबाव को बढ़ाने और यूक्रेन को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए रूसी संप्रभु संपत्तियों का उपयोग करने की प्रतिबद्धताओं का भी स्वागत किया।
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बयान कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व की बदौलत अमेरिका ने रूसी तेल खरीदारों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर दी है। हम अपने साथी जी-7 देशों के इस आश्वासन से उत्साहित हैं कि वे इस युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें उम्मीद है कि वे इस महत्वपूर्ण समय में निर्णायक कार्रवाई करने में हमारा साथ देंगे।
एससीओ बैठक को बताया दिखावा
इससे पहले दो सितंबर को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्कॉट बेसेंट से जब चीन में आयोजित हुई एससीओ बैठक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'यह बैठक पहले से तय थी और यह व्यापक तौर पर दिखावा लगा। आखिर में भारत, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसके मूल्य हमारे ज्यादा करीब हैं और उसके बाद चीन के और फिर कहीं रूस के करीब हैं।'
उन्होंने कहा कि ये सभी गलत कर रहे हैं। भारत, रूस की युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है और उसी तरह चीन भी ऐसा कर रहा है। मुझे लगता है कि एक पॉइंट पर अमेरिका और इसके सहयोगियों को आगे आना पड़ेगा।' स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत, रूसी तेल खरीदकर उसे रिफाइन करके बेचकर, यूक्रेन में रूस युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि ट्रंप प्रशासन रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। ।
पीएम मोदी से बात करने को उत्सुक: ट्रंप
ट्रंप ने 10 सितंबर को ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी!' राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं होगी और वह आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
पीएम मोदी ने दिया जवाब
ट्रंप के पोस्ट के जवाब में पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए भी उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।'