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Op Sagar Bandhu: चक्रवात दित्वाह के प्रभाव से जूझ रहे श्रीलंका की मदद में जुटा भारत, राहत सामग्री पहुंचाई
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 29 Nov 2025 10:04 AM IST
सार
भारत ने शुक्रवार को श्रीलंका की इस गंभीर स्थिति में मदद के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था। पहली खेप की राहत सामग्री आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि के जरिए भेजी गई, जिसे बाद में श्रीलंका को सौंप दिया गया।
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भारत ने श्रीलंका को पहुंचाई राहत सामग्री।
- फोटो : X/@MEA
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विस्तार
चक्रवात दित्वाह की वजह से बारिश और बाढ़ की चुनौती का सामना कर रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने हाथ बढ़ाया है। भारतीय वायुसेना का एक विमान शनिवार को बाढ़ से विस्थापित लोगों के लिए आपातकालीन राहत सामग्री लेकर श्रीलंका पहुंचा।
भारत की तरफ से सी-130 विमान भोजन सामग्री और स्वच्छता से जुड़ी अहम वस्तुएं लेकर कोलंबो के बांदरणायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तड़के करीब 1.30 बजे उतरा, जहां भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों और श्रीलंका वायुसेना के अधिकारियों ने उसे लिया।
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भारत ने शुक्रवार को श्रीलंका की इस गंभीर स्थिति में मदद के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था। पहली खेप की राहत सामग्री आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि के जरिए भेजी गई, जिसे बाद में श्रीलंका को सौंप दिया गया। राहत ऐसे समय में पहुंची है जब श्रीलंकाई अधिकारियों ने पश्चिमी प्रांत में शुक्रवार रात से केलानी और अट्टनागालु नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते जबरदस्त आपदा स्थिति की चेतावनी दी थी।
अब तक 69 मौतों की पुष्टि
चक्रवात दित्वाह की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है। इससे बड़े स्तर पर तबाही और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। श्रीलंका के डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के मुताबिक, शनिवार सुबह 6 बजे तक 69 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कम से कम 34 लोग अब भी लापता हैं। आपदा से 61,000 परिवारों के 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
अब तक 69 मौतों की पुष्टि
चक्रवात दित्वाह की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है। इससे बड़े स्तर पर तबाही और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। श्रीलंका के डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के मुताबिक, शनिवार सुबह 6 बजे तक 69 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कम से कम 34 लोग अब भी लापता हैं। आपदा से 61,000 परिवारों के 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
हालांकि मध्य प्रांत के कैंडी में राहत अधिकारियों ने कहा कि वास्तविक मृत्यु संख्या इससे काफी अधिक हो सकती है, क्योंकि केवल कैंडी जिले में ही शुक्रवार देर रात तक 50 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई थीं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर अभी सत्यापित किया जाना बाकी है। इसके अलावा मध्य पहाड़ी क्षेत्र का बंदरावेला (बडुला) जिला भी भूस्खलनों से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है, जहां कई लोग लापता हैं और 35 से अधिक की मौत हो चुकी है। चक्रवात ने अधिकतर नदियों और जलाशयों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। इस स्थिति में अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग ने कहा कि 200 मिमी से अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है, हालांकि दित्वाह शनिवार देर रात तक द्वीप से आगे बढ़ सकता है। बताया गया है कि लगभग 35 प्रतिशत क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह से बिजली आपूर्ति बाधित है, जिससे राज्य विद्युत संस्था श्रीलंका बिजली बोर्ड के करीब 70 लाख उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण बहाली कार्य गंभीर रूप से बाधित हुआ है।
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मौसम विभाग ने कहा कि 200 मिमी से अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है, हालांकि दित्वाह शनिवार देर रात तक द्वीप से आगे बढ़ सकता है। बताया गया है कि लगभग 35 प्रतिशत क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह से बिजली आपूर्ति बाधित है, जिससे राज्य विद्युत संस्था श्रीलंका बिजली बोर्ड के करीब 70 लाख उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण बहाली कार्य गंभीर रूप से बाधित हुआ है।
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