Interview: यूक्रेन की सांसद बोलीं- पुतिन शांति चाहते हैं तो युद्ध बंद करें, पीएम मोदी से साफ संदेश की उम्मीद
रूस के राष्ट्रपित व्लादिमीर पुतिन इस समय भारत दौरे पर हैं। रूस और भारत के बीच संंबंधों को बढ़ाने के लिए यह दौरा काफी अहम है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हो रहे इस दौरे पर दुनियाभर की नजरें हैं। पुतिन के इस दौरे के बीच अमर उजाला ने यूक्रेन की सांसद यूलिया क्लाइमेंको से बातचीत की। पढ़िए इस बातचीत के खास अंश...
विस्तार
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस संबंधों की 23वीं शिखर बैठक के लिए भारत यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत में यूक्रेन युद्ध पूरी तरह छाया हुआ है। शिखर बैठक की औपचारिक बातचीत से पहले शुरुआती बातचीत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि भारत निष्पक्ष नहीं है। वह शांति के पक्ष में है। इस बीच यूक्रेन क्या सोच रहा है, वह दोनों नेताओं के बीच इस शिखर बैठक से कितनी उम्मीद लगाए हुए है, यह जानने के लिए हमारे संवाददाता ने यूक्रेन की सांसद यूलिया क्लाइमेंको से बातचीत की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-
प्रश्न- यूक्रेन इस भारत-रूस शिखर बैठक को किस तरह देख रहा है?
यूलिया क्लाइमेंको- हम भी इस शिखर बैठक को बहुत ध्यान से देख रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत बुद्धिमान नेता हैं। हमें उम्मीद है कि वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध रोकने के लिए बहुत साफ और स्पष्ट संदेश देंगे और युद्ध रोकने के लिए कहेंगे। राष्ट्रपति पुतिन को वह युद्ध तत्काल रोकना चाहिए जो उन्होंने यूक्रेन में शुरू किया हुआ है। उन्हें वास्तविक शांति के लिए बातचीत करना चाहिए और इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। इस युद्ध में हजारों निरपराध लोगों, बच्चों-महिलाओं की जान जा चुकी है। इन मौतों के लिए पुतिन जिम्मेदार हैं।
प्रश्न- पुतिन इस युद्ध को शुरू करने के लिए यूक्रेन और राष्ट्रपति जेलेंस्की को ही जिम्मेदार मानते हैं। वे बार-बार इस बात को दोहरा चुके हैं।
यूलिया क्लाइमेंको- यह पूरी तरह झूठ है। पूरी दुनिया जानती है कि स्वयं पुतिन ने ही इसकी शुरुआत की थी। 2014 में क्रीमिया को जबरन यूक्रेन से अलग करके इस पर कब्जा करके उन्होंने इस युद्ध की शुरुआत की थी। आधुनिक विश्व में इस तरह किसी संप्रभु देश पर हमला कर उसके भूभाग पर कब्जा जमाना किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं कहा जा सकता, लेकिन रूस ने पूरी दुनिया के सामने जबरदस्ती दिखाते हुए यह किया और पूरी दुनिया ने ऐसा होते हुए देखा।
प्रश्न- पुतिन ने कहा है कि यह युद्ध तभी रुक सकता है जब रूस को दक्षिणी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा मिल जाए। उन्होंने कहा है कि या तो रूस की सेना इस पर कब्जा कर लेगी, या यूक्रेन की सेना स्वयं इन इलाकों से पीछे हट जाए। इसका क्या अर्थ है?
यूलिया क्लाइमेंको- हां, उनके इरादे इसी तरह के हैं। लेकिन यूक्रेन ने बहुत साफ किया है कि रूस को उसके गलत कार्यों के लिए ईनाम नहीं दिया जा सकता। रूस ने पहले क्रीमिया पर कब्जा किया था और अब वे यूक्रेन के दूसरे हिस्सों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसे होने नहीं दिया जा सकता। यूक्रेन इसे स्वीकार नहीं कर सकता। ऐसा होता है तो पूरी दुनिया में बहुत गलत संदेश जाएगा।
प्रश्न- पुतिन कह रहे हैं कि वे यूक्रेन के इन हिस्सों में (जिन पर वे रूस का नियंत्रण चाहते हैं) रूसी संस्कृति, भाषा और परंपराओं का संरक्षण करेंगे।
यूलिया क्लाइमेंको- उन्हें यूक्रेन के किसी हिस्से की संस्कृति, परंपरा की रक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। हम अपने देश की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करने में समर्थ हैं। इसके पीछे वे अपने विस्तारवादी सोच को पूर्ण करना चाहते हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। रुस के पास दुनिया में सबसे अधिक भूमि है। वे उसे विकसित नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि रूस के लोग गरीब हैं। नैतिक रूप से भी, और आर्थिक तौर पर भी। लेकिन अब वे यूक्रेन की विकसित भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। हमारे पास हमारी अपनी संस्कृति-परंपरा है। हम अपनी संस्कृति-परंपरा बचाने में पूरी तरह सक्षम हैं। उनके पास उनकी अपनी संस्कृति-परंपरा है। वे अपनी संस्कृति-परंपरा बचाएं। उन्हें हमारी संस्कृति और परंपरा से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
प्रश्न- ऐसी स्थिति में रूस-यूक्रेन के बीच शांति कैसे आएगी? क्या यूक्रेन अमेरिका-यूरोप के द्वारा किए जा रहे शांति प्रयासों से यह उम्मीद लगाए हुए है कि इससे युद्ध रुक जाएगा?
यूलिया क्लाइमेंको- हां, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। हमें लगता है कि इस समय केवल दो लोग हैं जो इस युद्ध को रोक सकते हैं और वे हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
प्रश्न- कुछ इस तरह के समाचार भी सामने आए थे कि व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि यह युद्ध रोकने के पहले आपके राष्ट्रपति जेलेंस्की का इस्तीफा लिया जाए। क्या यह सच है? क्या उनकी लोकप्रियता भी घटी है?
यूलिया क्लाइमेंको- नहीं, मुझे लगता है कि इन समाचारों में कोई सच्चाई नहीं है। यह कोरी अफवाह है। राष्ट्रपति जेलेंस्की अभी इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं। हम बीच युद्ध में हैं। इस बीच ऐसा कोई जनमत संग्रह नहीं हुआ है जो यह बता सके कि राष्ट्रपति जेलेंस्की की लोकप्रियता घटी है, या बढ़ी है। अभी हम केवल युद्ध से निपटने और यह युद्ध रोकने के बारे में सोच रहे हैं।
प्रश्न- पुतिन ने कहा है कि अमेरिका का शांति प्रस्ताव उपयोगी है, लेकिन यह बहुत कठिन है। आप क्या कहेंगी?
यूलिया क्लाइमेंको- इस बात से मैं भी सहमत हूं। अमेरिकी प्रस्तावों में कई ऐसी चीजें हैं जो इसे शांति की टेबल पर मुश्किल बनाती हैं। मैं इस बात से सहमत हूं कि इसमें अपेक्षित बदलाव करना चाहिए। लेकिन यदि पुतिन ऐसी बात कह रहे हैं, और वे शांति प्रस्तावों पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं तो सबसे पहले उन्हें तत्काल युद्ध बंद करना चाहिए।