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Deportation Order: ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की तैयारी, अमेरिकी न्यायाधीश ने दी चेतावनी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 16 Apr 2025 11:04 PM IST
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सार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के खिलाफ एक संघीय जज ने अवमानना की कार्यवाही की बात कही है। ये कार्रवाई उस आदेश के उल्लंघन में की जा रही है, जिसमें निर्वासित किए गए लोगों को ले जा रहे विमान को वापस बुलाने का निर्देश दिया गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि उन्हें ट्रंप प्रशासन को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त आधार मिल चुके हैं। यह कार्रवाई उस आदेश के उल्लंघन को लेकर की जा रही है, जिसमें निर्वासित किए जा रहे प्रवासियों को ले जा रहे विमानों को वापस बुलाने का निर्देश दिया गया था।
यह भी पढ़ें - Bullet Train: जापान ने भारत को गिफ्ट में दी ये दो खास ट्रेनें, जाने क्या है इनकी खासियत
क्या है मामला?
अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स ई. बोसबर्ग ने ट्रंप प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उसने खुद को अवमानना से मुक्त करने की कोशिश नहीं की, तो सुनवाई शुरू की जाएगी और मामला आपराधिक अभियोजन के लिए भेजा जा सकता है। बोसबर्ग ने अपने आदेश में कहा, 'न्यायालय इस निष्कर्ष पर जल्दबाजी में या हल्के में नहीं पहुंचा है। प्रतिवादियों को अपने कार्यों को सही ठहराने का पर्याप्त अवसर दिया गया, लेकिन उनकी कोई भी सफाई संतोषजनक नहीं रही।' यह मामला न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच टकराव का संकेत देता है, जिसमें एक तरफ न्यायालय के आदेश हैं और दूसरी तरफ राष्ट्रपति की नीतियों को लागू करने की कोशिशें।
निर्वासन और कैसे शुरू हुआ विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ट्रंप प्रशासन ने 1798 के युद्धकालीन कानून- एलियन एनेमीज एक्ट का हवाला देते हुए कुछ प्रवासियों को निर्वासित करना शुरू किया। ट्रंप का दावा था कि वेनुज़ुएला के 'ट्रेन डी अरागुआ' गिरोह के लोगों ने अमेरिका में 'आक्रमण' किया है। जज बोसबर्ग ने पिछले महीने आदेश दिया था कि इन प्रवासियों को फिलहाल निर्वासित नहीं किया जाए।
जब उन्हें पता चला कि अमेरिका से कुछ विमान अल सल्वाडोर की ओर रवाना हो चुके हैं, तो उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि विमानों को तुरंत वापस अमेरिका बुलाया जाए। लेकिन कुछ ही घंटों बाद, अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर घोषणा कर दी कि निर्वासित किए गए लोग वहां पहुंच चुके हैं। उन्होंने एक मजाकिया टिप्पणी करते हुए लिखा –बहुत देर हो गई।'
यह भी पढ़ें - Trump Plan: यूक्रेन पर रूस तो फलस्तीन पर इस्राइल के हमले जारी, चुपचाप देख रहा अमेरिका; जानें क्या है रणनीति
ट्रंप प्रशासन का बचाव
ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने न्यायालय का कोई आदेश नहीं तोड़ा। उनका कहना था कि न्यायाधीश का वापसी का आदेश मौखिक था और लिखित आदेश में इसका जिक्र नहीं था। इसके अलावा, प्रशासन ने कहा कि जब आदेश आया, तब तक विमान अमेरिकी सीमा से बाहर जा चुके थे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और तनाव
ट्रंप ने न्यायाधीश बोसबर्ग के महाभियोग की मांग की है। वहीं, न्याय विभाग ने न्यायाधीश पर सीमाएं पार करने का आरोप लगाया है। जज बोसबर्ग को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरफ से नियुक्त किया गया था। जज बोसबर्ग ने कहा है कि अगर ट्रंप प्रशासन इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं देता, तो वह आपराधिक सुनवाई शुरू करेंगे और जरूरी हुआ तो मामला अभियोजन के लिए भेजा जाएगा।

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क्या है मामला?
अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स ई. बोसबर्ग ने ट्रंप प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उसने खुद को अवमानना से मुक्त करने की कोशिश नहीं की, तो सुनवाई शुरू की जाएगी और मामला आपराधिक अभियोजन के लिए भेजा जा सकता है। बोसबर्ग ने अपने आदेश में कहा, 'न्यायालय इस निष्कर्ष पर जल्दबाजी में या हल्के में नहीं पहुंचा है। प्रतिवादियों को अपने कार्यों को सही ठहराने का पर्याप्त अवसर दिया गया, लेकिन उनकी कोई भी सफाई संतोषजनक नहीं रही।' यह मामला न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच टकराव का संकेत देता है, जिसमें एक तरफ न्यायालय के आदेश हैं और दूसरी तरफ राष्ट्रपति की नीतियों को लागू करने की कोशिशें।
निर्वासन और कैसे शुरू हुआ विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ट्रंप प्रशासन ने 1798 के युद्धकालीन कानून- एलियन एनेमीज एक्ट का हवाला देते हुए कुछ प्रवासियों को निर्वासित करना शुरू किया। ट्रंप का दावा था कि वेनुज़ुएला के 'ट्रेन डी अरागुआ' गिरोह के लोगों ने अमेरिका में 'आक्रमण' किया है। जज बोसबर्ग ने पिछले महीने आदेश दिया था कि इन प्रवासियों को फिलहाल निर्वासित नहीं किया जाए।
जब उन्हें पता चला कि अमेरिका से कुछ विमान अल सल्वाडोर की ओर रवाना हो चुके हैं, तो उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि विमानों को तुरंत वापस अमेरिका बुलाया जाए। लेकिन कुछ ही घंटों बाद, अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर घोषणा कर दी कि निर्वासित किए गए लोग वहां पहुंच चुके हैं। उन्होंने एक मजाकिया टिप्पणी करते हुए लिखा –बहुत देर हो गई।'
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ट्रंप प्रशासन का बचाव
ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने न्यायालय का कोई आदेश नहीं तोड़ा। उनका कहना था कि न्यायाधीश का वापसी का आदेश मौखिक था और लिखित आदेश में इसका जिक्र नहीं था। इसके अलावा, प्रशासन ने कहा कि जब आदेश आया, तब तक विमान अमेरिकी सीमा से बाहर जा चुके थे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और तनाव
ट्रंप ने न्यायाधीश बोसबर्ग के महाभियोग की मांग की है। वहीं, न्याय विभाग ने न्यायाधीश पर सीमाएं पार करने का आरोप लगाया है। जज बोसबर्ग को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरफ से नियुक्त किया गया था। जज बोसबर्ग ने कहा है कि अगर ट्रंप प्रशासन इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं देता, तो वह आपराधिक सुनवाई शुरू करेंगे और जरूरी हुआ तो मामला अभियोजन के लिए भेजा जाएगा।
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