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Iran vs Israel: ईरान में इस्राइल के लिए जासूसी के शक पर हुई फांसी, कार्यकर्ताओं का आरोप- प्रताड़ित भी किया गया

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, तेहरान। Published by: ज्योति भास्कर Updated Wed, 17 Sep 2025 10:31 AM IST
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सार

ईरान में कथित जासूसी के आरोप में एक शख्स को सजा-ए-मौत दिए जाने की खबर है। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने प्रताड़ित कर उससे जबरन जुर्म कबूल कराया, जिसके बाद फांसी की सजा दी गई। जानिए क्या है पूरा मामला

Man Execution in Iran accusation of spying for Israel tortured for false confession know hindi news in detail
ईरान में शख्स को इस्राइल के लिए जासूसी करने के आरोप में हुई फांसी (सांकेतिक) - फोटो : एडॉब स्टॉक
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ईरान में इस्राइल के लिए जासूसी के शक पर एक व्यक्ति को फांसी दे दी गई। सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। ईरान ने जिस आरोपी को फांसी पर लटकाया, उसकी पहचान बाबक शहबाजी के रूप में हुई है। तेहरान से संचालित एजेंसी मिजान की रिपोर्ट के मुताबिक बाबक पर डाटा सेंटर्स और सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी इस्राइली एजेंटों तक पहुंचाने और बेचने के आरोप लगाए गए। हालांकि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने इस दावे को चुनौती देते हुए कहा कि शहबाजी को झूठे आरोपों में फंसाया गया। अधिकारियों ने यातनाएं देकर उस पर अपराध कबूल करने का दबाव बनाया, जिसके बाद फांसी दे दी गई।

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शहबाजी ने जेलेंस्की को पत्र लिखा, इसके बाद ईरान ने फांसी पर लटकाया
इस्राइल के साथ तनावपूर्ण रिश्ते रखने वाले देश ईरान के सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक बुधवार को हुई फांसी से पहले शहबाजी को उस समय हिरासत में लिया गया था जब उसने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि शहबाजी ने जेलेंस्की को पत्र लिखकर रूस के खिलाफ युद्ध में मदद की पेशकश की थी। बता दें कि ईरान रूस को ड्रोन उपलब्ध कराता रहा है। इनका यूक्रेन पर हमलों में इस्तेमाल भी किया गया है।
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यूक्रेन की मदद के ऑफर को ईरान ने इस्राइल के लिए जासूसी माना
शहबाजी की फांसी से पहले ही मानवाधिकार संगठन- 'ईरान ह्यूमन राइट्स' ने आगाह किया था कि शहबाजी को मौत की सजा दी जा सकती है। संगठन के मुताबिक ईरान ने 'यूक्रेन की मदद की पेशकश को इस्राइल के लिए जासूसी' करार दिया। इसे सबूत की तरह इस्तेमाल करते हुए शहबाजी को फांसी दे दी गई।

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इस्राइल के साथ टकराव के बाद ईरान में अब तक आठ लोगों को सजा-ए-मौत
इस मामले में ईरान ने शहबाजी को मौत की सजा देने की सटीक प्रक्रिया नहीं बताई है। हालांकि, आमतौर पर इस देश के कानून के मुताबिक मृत्युदंड पाने वाले अपराधियों या दोषियों को फांसी पर लटकाया जाता है। शहबाजी का मामला सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ने लगी है। इसका कारण है कि कुछ ही महीने पहले ईरान इस्राइल के साथ 12 दिन तक चले संघर्ष के बाद कथित जासूसी के आरोप में अब तक आठ लोगों को मौत की सजा दे चुका है।

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क्या ईरान फांसी से डर का माहौल बनाना चाहता है?
बता दें कि इस्राइली हवाई हमलों में ईरान के लगभग 1,100 लोग मारे गए थे। मृतकों में कई सैन्य कमांडरों के नाम भी शामिल हैं। इस्राइल पर पलटवार करते हुए ईरान ने भी मिसाइल हमले किए थे। ऐसे में इस देश के मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस बात का डर है कि ईरान अब बड़े पैमाने पर फांसी की सजा देकर डर का माहौल बना सकता है।

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