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Indians In Georgia: 'खाना-शौचालय कुछ नहीं, जॉर्जिया में मवेशी सा बर्ताव'; पर्यटक ने बताया 56 भारतीयों का दर्द
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Wed, 17 Sep 2025 11:37 AM IST
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सार
पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया के पास बसे देश जॉर्जिया में हालात ठीक नहीं हैं। बदहाली को बयां करते हुए इंस्टाग्राम यूजर ने कहा है कि भारतीय पर्यटकों के साथ यहां जानवरों जैसा बर्ताव हो रहा है। लोगों की शिकायत है कि उन्हें खाने पीने की चीजों के साथ-साथ शौचालय जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला

पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया के पास बसे देश जॉर्जिया में बदहाली, इंस्टाग्राम यूजर ने बयां किया हाल
- फोटो : इंस्टाग्राम@pateldhruvee / एएनआई- रॉयटर्स
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विस्तार
जॉर्जिया में हालात बेहद दयनीय हैं। ये कहना है एक भारतीय महिला पर्यटक का। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कड़वे अनुभवों को साझा करते हुए कहा है कि इस देश में न तो खाने-पीने के सामान उपलब्ध हो रहे हैं न शौचालय जैसी बुनियादी चीजें नसीब हो रही हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखे अपने इस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय का आधिकारिक हैंडल, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, भारतीय दूतावास, पीएम मोदी के हाथों सम्मानित हो चुकीं सेलिब्रिटी कर्ली टेल्स समेत कई लोगों को टैग किया है। उन्होंने कहा है कि हाड़ कंपाने वाले सर्द मौसम में उन्हें पांच घंटे तक बिना खाने और शौचालय के इंतजार कराया गया।
'56 भारतीयों को सीमा पर अमानवीय हालात झेलने पड़े'
भारतीय पर्यटकों के साथ अपमानजनक व्यवहार के इस मामले में इंस्टाग्राम यूजर ध्रुवी पटेल(@pateldhruvee) ने आरोप लगाया कि 56 भारतीय यात्रियों को आर्मेनिया से जॉर्जिया प्रवेश करने के दौरान सीमा पर अमानवीय हालात झेलने पड़े। उन्होंने कहा कि वैध ई-वीजा और दस्तावेज दिखाने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें सादाखलो बॉर्डर पर कई घंटें तक रोके रखा।
जमा देने वाली ठंड में बिना भोजन और शौचालय के इंतजार
पटेल के मुताबिक भारतीय समूह को 5 घंटे से अधिक वक्त जमा देने वाली ठंड में बिना भोजन और शौचालय के इंतजार कराया गया। अधिकारियों ने पासपोर्ट दो घंटे से ज्यादा जब्त रखे। यात्रियों को सड़क किनारे 'मवेशियों' की तरह बैठा कर रखा गया।
अधिकारियों ने वीजा को 'गलत' बताकर अपमानजनक व्यवहार किया
जॉर्जिया की इस चिंताजनक घटना को लेकर भारतीय महिला ध्रुवी यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने यात्रियों के वीडियो इस तरीके से रिकॉर्ड किए जैसा सलूक अपराधियों के साथ किया जाता है। जब पर्यटकों के समूह में शामिल किसी ने वीडियो बनाने की पहल की तो उन्हें रिकॉर्डिंग करने से रोका गया। उन्होंने कहा, दस्तावेजों की ठीक से जांच किए बिना वीजा को 'गलत' कहकर अपमानजनक व्यवहार किया गया।
पीएम मोदी और विदेश मंत्री डॉ जयशंकर से कड़ा एक्शन लेने की मांग
जॉर्जिया में मिले दर्दनाक अनुभवों को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा करने वाली भारतीय महिला ध्रुवी पटेल ने इंसाफ की आस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाते हुए कहा, भारत को इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहिए। जॉर्जिया में भारतीय लोगों के साथ किया गया व्यवहार। शर्मनाक और अस्वीकार्य है।
ये भी पढ़ें- Slovakia Protest: स्लोवाकिया में PM फिको की आर्थिक और रूस समर्थक नीतियों के खिलाफ नाराजगी, सड़क पर हजारों लोग
इस मामले पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट्स
बता दें कि सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आए ये चौंकाने वाले दावे और जॉर्जिया की यह घटना उस समय चर्चा का विषय बनी जब कई अन्य यूजर्स ने भी पटेल के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। जिन लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, उनमें से एक यूजर ने लिखा, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जॉर्जिया में लंबे समय से भारतीयों के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है। एक अन्य ने सवाल पूछा कि जब यह समस्या लगातार बनी हुई है, तो भारतीय पर्यटक ऐसे देश में लगातार क्यों जा रहे हैं?
ये भी पढ़ें- ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा का विरोध: दौरे से पहले ब्रिटिश महल पर दिखाईं ट्रंप-एपस्टीन की तस्वीरें, चार गिरफ्तार
कई मौकों पर भारतीय लोगों के साथ हुआ है अपमानजनक सलूक
कई कमेंट्स में इस देश में कथित नस्लीय भेदभाव की तरफ भी संकेत किया गया। लोगों का कहना है कि जॉर्जिया की सरकार भारतीयों के साथ भेदभाव करती रही है। एक अन्य यूजर के मुताबिक करीब छह वर्ष पहले साल 2019 में रूस से प्रवेश के समय भी उन्होंने ऐसी कहानियां सुनी थीं। उन्हें आसानी से प्रवेश मिला और यात्रा सुखद रही। हालांकि, उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि बीते कई वर्षों में भारतीयों को कई बार परेशान किया गया है।

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'56 भारतीयों को सीमा पर अमानवीय हालात झेलने पड़े'
भारतीय पर्यटकों के साथ अपमानजनक व्यवहार के इस मामले में इंस्टाग्राम यूजर ध्रुवी पटेल(@pateldhruvee) ने आरोप लगाया कि 56 भारतीय यात्रियों को आर्मेनिया से जॉर्जिया प्रवेश करने के दौरान सीमा पर अमानवीय हालात झेलने पड़े। उन्होंने कहा कि वैध ई-वीजा और दस्तावेज दिखाने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें सादाखलो बॉर्डर पर कई घंटें तक रोके रखा।
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जमा देने वाली ठंड में बिना भोजन और शौचालय के इंतजार
पटेल के मुताबिक भारतीय समूह को 5 घंटे से अधिक वक्त जमा देने वाली ठंड में बिना भोजन और शौचालय के इंतजार कराया गया। अधिकारियों ने पासपोर्ट दो घंटे से ज्यादा जब्त रखे। यात्रियों को सड़क किनारे 'मवेशियों' की तरह बैठा कर रखा गया।
अधिकारियों ने वीजा को 'गलत' बताकर अपमानजनक व्यवहार किया
जॉर्जिया की इस चिंताजनक घटना को लेकर भारतीय महिला ध्रुवी यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने यात्रियों के वीडियो इस तरीके से रिकॉर्ड किए जैसा सलूक अपराधियों के साथ किया जाता है। जब पर्यटकों के समूह में शामिल किसी ने वीडियो बनाने की पहल की तो उन्हें रिकॉर्डिंग करने से रोका गया। उन्होंने कहा, दस्तावेजों की ठीक से जांच किए बिना वीजा को 'गलत' कहकर अपमानजनक व्यवहार किया गया।

पीएम मोदी और विदेश मंत्री डॉ जयशंकर से कड़ा एक्शन लेने की मांग
जॉर्जिया में मिले दर्दनाक अनुभवों को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा करने वाली भारतीय महिला ध्रुवी पटेल ने इंसाफ की आस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाते हुए कहा, भारत को इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहिए। जॉर्जिया में भारतीय लोगों के साथ किया गया व्यवहार। शर्मनाक और अस्वीकार्य है।
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इस मामले पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट्स
बता दें कि सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आए ये चौंकाने वाले दावे और जॉर्जिया की यह घटना उस समय चर्चा का विषय बनी जब कई अन्य यूजर्स ने भी पटेल के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। जिन लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, उनमें से एक यूजर ने लिखा, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जॉर्जिया में लंबे समय से भारतीयों के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है। एक अन्य ने सवाल पूछा कि जब यह समस्या लगातार बनी हुई है, तो भारतीय पर्यटक ऐसे देश में लगातार क्यों जा रहे हैं?
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कई मौकों पर भारतीय लोगों के साथ हुआ है अपमानजनक सलूक
कई कमेंट्स में इस देश में कथित नस्लीय भेदभाव की तरफ भी संकेत किया गया। लोगों का कहना है कि जॉर्जिया की सरकार भारतीयों के साथ भेदभाव करती रही है। एक अन्य यूजर के मुताबिक करीब छह वर्ष पहले साल 2019 में रूस से प्रवेश के समय भी उन्होंने ऐसी कहानियां सुनी थीं। उन्हें आसानी से प्रवेश मिला और यात्रा सुखद रही। हालांकि, उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि बीते कई वर्षों में भारतीयों को कई बार परेशान किया गया है।