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Nepal: शक्ति परीक्षण में नए प्रधानमंत्री ओली को वोट नहीं देंगे विपक्षी दल, प्रचंड के साथ मिलकर बनाई रणनीति

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू Published by: बशु जैन Updated Sat, 20 Jul 2024 05:44 PM IST
सार

पिछले सप्ताह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर से ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद ओली ने नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इसके चलते प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए थे।

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Opposition parties to not vote in favour of Oli in floor test
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का रविवार को संसद में शक्ति परीक्षण होगा। इसमें तीन विपक्षी दलों ने रणनीति बनाकर ओली के पक्ष में मतदान न करने का फैसला लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व में हुई बैठक में तीन दलों के नेताओं ने शक्ति परीक्षण को लेकर चर्चा की। हालांकि ओली के पास बहुमत का आंकड़ा 138 मत पाने के लिए पर्याप्त 165 से ज्यादा सदस्य हैं। 

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पिछले सप्ताह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर से ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद ओली ने नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इसके चलते प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। रविवार को उनको भी संसद में विश्वास मत हासिल करना है। 
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प्रचंड के निजी सचिव रमेश मल्ला ने बताया कि सिंघा दरबार में विश्वास मत को लेकर शुक्रवार को प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी), राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के रबी लामिछाने, और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड सोशलिस्ट (सीपीएन-यूएस)  के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल ने बैठक की और ओली को विश्वास मत न देने का फैसला किया। हालांकि इन पार्टियों के पास संसद में कुल 62 ही सीटें हैं। इससे ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस गठबंधन को कोई खतरा नहीं है। क्योंकि उनके पास पहले से ही 165 सदस्य हैं।  

सुप्रीम कोर्ट में भी होगी सुनवाई
एक ओर रविवार को जहां ओली संसद में शक्ति परीक्षण करा रहे होंगे तो दूसरी ओर उनकी नियुक्ति को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में डाली गई याचिका में ओली की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की गई थी। वहीं मामले में तीन अधिवक्ताओं ने रिट दायर कर कहा था कि अगर गठित सरकार शक्ति परीक्षण में विफल रहती है तो राष्ट्रपति को नई सरकार के गठन के लिए दूसरे गठबंधन को बुलाना चाहिए। मामले में कोर्ट 21 जुलाई को सुनवाई करेगी। 

ओली के विश्वास मत जीतने की संभावना
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली रविवार को संसद में विश्वास मत जीत सकते हैं। बीते सोमवार को उन्होंने 21 मंत्रिमंडल सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। नेपाल संविधान के मुताबिक ओली को प्रधानमंत्री बनने के 30 दिन में संसद में विश्वास मत हासिल करना है। जिसे वह आसानी से हासिल कर लेंगे। 275 सदस्यों वाली नेपाल की संसद में सरकार बनाने के लिए 138 सदस्यों का बहुमत चाहिए। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के पास 167 सदस्य हैं। इसके अलावा दो अन्य दलों का भी समर्थन प्राप्त है। जिनके पास 11 सीटें हैं। वहीं गठबंधन को राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी), जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (जेएसपी), नागरिक उन्मुक्ति पार्टी (एनयूपी) और जनमत पार्टी, जिनके पास 29 सीटें का भी समर्थन मिलने की संभावना है। इससे साफ है कि ओली को 200 से ज्यादा विश्वास मत मिलेंगे। 

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