Pakistan : कभी असीम मुनीर ने इमरान की पत्नी पर घूसखोरी का लगाया था इल्जाम, पहले ISI चीफ अब सेना के प्रमुख बने

22 करोड़ की आबादी, 350 अरब डॉलर की जीडीपी और परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान को अगला सेना प्रमुख मिल चुका है। 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेने वाले असीम मुनीर सबसे ज्यादा चर्चा में 2019 में आए। तब उन्होंने आईएसआई चीफ के नाते तत्कालीन पीएम इमरान खान के सामने उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। अब आर्थिक, सियासी व इस्लामी कट्टरपंथियों की चुनौती के बीच मुनीर के फैसले पाकिस्तान की दशा और दिशा तय करेंगे, क्योंकि पाकिस्तान की घरेलू राजनीति और विदेश नीति सेना प्रमुख के इर्द-गिर्द ही घूमती है।

पूर्व प्रधानमंत्री की बढ़ेंगी मुश्किलें
अक्तूबर 2018 में इमरान ने खुद मुनीर को आईएसआई प्रमुख नियुक्त करने की मंजूरी दी, लेकिन खान की पत्नी बुशरा बीबी व उसके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो महज आठ माह में मुनीर को आईएसआई चीफ का ओहदा खोना पड़ा। इसके बाद जन. बाजवा व खान में नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर लंबी खींचतान चली। इमरान लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को आईएसआई चीफ बनाना चाहते थे, लेकिन जनरल बाजवा ने ले. जनरल नदीम अंजुम को यह पद दिया। वहीं, शरीफ मुनीर को सेना मुख्यालय पर तैनात कर दिया गया। ऐसे में पूर्व पीएम की अब मुश्किलें बढ़ना तय है।
पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड और दो खुफिया एजेंसियों प्रमुख रहे मुनीर
14 फरवरी, 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा के पास सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले केा असल मास्टरमांइड लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी सेना के नए प्रमुख घोषित किए गए हैं। भारत से नफरत और क्रूर साजिशें रचने में माहिर मुनीर आतंकियों को पालने के लिए कुख्यात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और मिलिट्री इंटेलिजेंस दोनों के प्रमुख रह चुके हैं। इस हमले में भारत ने सीआरपीएफ के 40 जवान खोए थे।
पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को सेना प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने सिफारिश राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से की है। राष्ट्रपति पूर्व पीएम इमरान खान के वफादार हैं अतः वह इस घोषणा के घंटे भर के भीतर खान से मिलने लाहौर पहुंचे।
हालांकि बाद में उन्होंने मुनीर के नाम को मंजूरी दे दी। मुनीर को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का विश्वस्त भी माना जाता है। सीआईए ने मुनीर के जरिये पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कई अहम अभियानों को अंजाम दिया था। खासतौर पर ले. जनरल मुनीर ने सीआईए की ड्रोन हमलों में मदद की थी। असीम मुनीर ऐसे पहले सेना प्रमुख होंगे जिन्हें कुरान का विद्वान (हाफिज-ए-कुरान) माना जाता है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) के सदस्य और कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव रहे तिलक देवशेर के कहते हैं, मुनीर पाकिस्तान में उन लोगों में से हैं, जिन्होंने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की मंजूरी दी और साजिश रची। पुलवामा हमला तब हुआ था, जब मुनीर आईएसआई के महानिदेशक थे। भारत पर कोई भी आतंकी हमला आईएसआई प्रमुख की मंजूरी और रुचि के बिना नहीं हो सकता।
भारत के साथ बढ़ेगा तनाव
असीम मुनीर खासतौर पर भारत विरोधी आतंकियों के संरक्षण के लिए कुख्यात हैं। उनके ही संरक्षण में भारत से लगती पाकिस्तानी सीमा पर जगह-जगह आतंकी लॉन्च पैड बनाए गए। मुनीर के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें, तो साफ हो जाता है कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ेगा। जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में तैनात पाकिस्तानी सेना की ट्रिपल एक्स और उत्तरी कमान के प्रमुख के तौर पर मुनीर ने लंबा वक्त भारत की सीमा के पास बिताया है। भारत से नफरत पाकिस्तानी सेना प्रमुख के व्यक्तित्व की प्रमुख जरूरत है। लिहाजा, मुनीर भी इसका अपवाद नहीं होंगे और उसके पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बन जाने से सीमा पर कोई बदलाव नहीं आने वाला। बल्कि, भारत को और भी ज्यादा सजग होने की जरूरत है।
लंबे समय बाद वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति...
पाकिस्तान में शरीफ खानदान की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की सरकार अब तक हर बार पसंद के हिसाब से सेना प्रमुख नियुक्त करती रही है। यह पहली बार है, जब वरिष्ठता के आधार पर सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस तरह से सरकार और सेना दोनों तरफ से एक-दूसरे के मामलों में दखलंदाजी कम करने का संकल्प जताया है। सेवानिवृत्त हो रहे सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने बुधवार को अपने विदाई भाषण में भी इस मुद्दे पर कहा, सेना 70 साल से सरकार में दखल देती आ रही है। अब यह नहीं चलेगा, लेकिन नेताओं को भी अपनी जुबान पर लगाम लगाकर सेना का सम्मान करना सीखना होगा।
पाकिस्तान में भी बढ़ेगा टकराव
माना जा रहा है कि इमरान मुनीर को सेना प्रमुख बनाए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं, क्योंकि मुनीर से उनके व्यक्तिगत संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। लिहाजा, मुनीर की नियुक्ति को सियासी रंग देकर इमरान पहले ही 26 नवंबर को फौज के शहर रावलपिंडी में रैली का ऐलान कर चुके हैं। इमरान पहले से ही आरोप लगाते आ रहे हैं कि सरकार किसी ऐसे अधिकारी को सेना प्रमुख बनाएगी, जो उन्हें और उनकी पार्टी को पाकिस्तान के राजनीतिक मैदान से पूरी तरह से मिटा दे।
इसी वजह से इमरान सेना प्रमुख की नियुक्ति से पहले चुनावों का एलान करने की जिद कर रहे थे। दूसरी तरफ सरकार और फौज इसलिए परेशान है, क्योंकि इमरान की वजह से सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का पाकिस्तान दौरा रद्द हो चुका है। खान की पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि 26 नवंबर को होने वाली रैली ऐसी होगी, जैसी पाकिस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुई होगी। इमरान के लॉन्ग मार्च में अब तक एक महिला जर्नलिस्ट समेत 3 लोग मारे जा चुके हैं।