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Pakistan: 'किसी पर भी हमला दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा', घबराए पाकिस्तान ने सऊदी अरब से किया रक्षा समझौता
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, रियाद
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 18 Sep 2025 08:10 AM IST
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सार
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की गई, जिसमें कहा गया है कि किसी भी देश के खिलाफ किसी भी आक्रमण को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा।

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच समझौता
- फोटो : X/@CMShehbaz
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विस्तार
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' से घबराए पाकिस्तान ने अब दूसरों के सामने अपनी सुरक्षा के लिए मदद की भीख मांगना शुरू कर दिया है। इसके तहत पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत किसी भी देश के खिलाफ किसी भी हमले को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। एक न्यूज की रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रियाद की राजकीय यात्रा के दौरान 'रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते' पर हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले शहबाज का स्वागत क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने अल-यममाह पैलेस में किया।

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डॉन अखबार के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की गई, जिसमें कहा गया है कि किसी भी देश के खिलाफ किसी भी आक्रमण को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। हस्ताक्षर समारोह के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, 'लगभग आठ दशकों से चली आ रही साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए और भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों के बंधनों पर आधारित दोनों पक्षों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए।'
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किसी भी आक्रमण के विरुद्ध संयुक्त प्रतिरोध को मजबूत करना
बयान में कहा गया है कि यह समझौता द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति में योगदान देने की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को और विकसित करना और किसी भी आक्रमण के विरुद्ध संयुक्त प्रतिरोध को मजबूत करना है। महत्वपूर्ण बात यह है कि समझौते में यह प्रावधान है कि किसी एक देश के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को दोनों देशों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।
शहबाज के साथ कौन-कौन गया?
इससे पहले सऊदी अरब की राजधानी पहुंचने पर प्रधानमंत्री शरीफ का स्वागत रियाद के उप-गवर्नर मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन अब्दुलअजीज ने किया। उनके साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातमी भी थे।
नए रास्ते तलाशने का भी अवसर
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं, जो साझा आस्था, मूल्यों और आपसी विश्वास पर आधारित हैं। विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री की तेल-समृद्ध सऊदी अरब यात्रा से पहले कहा था कि यह यात्रा दोनों नेताओं को इस अनूठी साझेदारी को और मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी, साथ ही दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए सहयोग के नए रास्ते तलाशने का भी अवसर प्रदान करेगी।
एक हफ्ते के भीतर खाड़ी क्षेत्र की तीसरी यात्रा
एक हफ्ते के भीतर खाड़ी क्षेत्र की यह उनकी तीसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने कतर का दौरा किया था। उन्होंने कतर में हमास नेतृत्व पर इस्राइल के हमले के बाद दोहा के साथ एकजुटता व्यक्त की थी और इस मुद्दे पर अरब-इस्लामी देशों की एक आपात बैठक में भाग लिया था।