Pakistan: जहां सेना तय करती है शासन, वहां चुनाव धांधली को चुनौती देगी इमरान की पार्टी; जानें क्या है तैयारी
श्वेत पत्र के आर्थिक मंदी और भ्रष्टाचार से जुड़े हिस्से के बारे में कैसर ने कहा कि अन्य टीमें अलग-अलग मुद्दों पर काम करेंगी और आखिर में सभी को श्वेत पत्र में एकसाथ लाया जाएगा। श्वेत पत्र अगले महीने जारी किया जाएगा।
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पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र जारी करने का फैसला लिया है। इस श्वेत पत्र में हाल के उपचुनावों में धांधली , भ्रष्टाचार , देश में खराब कानून-व्यवस्था के हालात, हालिया कानून में दुर्भावना और पाकिस्तान में आर्थिक मंदी में सरकार की कथित भूमिका का सबूतों के साथ खुलासा किया जाएगा।
पार्टी के दिग्गज नेता असद कैसर ने कहा कि उम्मीद है कि श्वेत पत्र अगले महीने जारी कर दिया जाएगा, क्योंकि अलग-अलग टीमें इस पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी सबूतों को एक साथ लाने का काम जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए उपचुनावों में खासतौर से हरिपुर में हुई धांधली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौजूदा सरकार विफल हो गई है और अलोकप्रिय हो गई है।
कैसर ने कहा, 'श्वेत पत्र में आर्थिक स्थिति, भ्रष्टाचार, चुनावी धांधली, कानून-व्यवस्था के हालात आदि सभी मुद्दों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा हम मौजूदा सरकार के कामकाज की तुलना पीटीआई के कार्यकाल से भी करेंगे।' उन्होंने कहा कि पीटीआई महासचिव सलमान अकरम राजा के नेतृत्व वाली कानूनी टीम श्वेत पत्र के तहत कानून, चुनाव में धांधली और सरकार की ओर से पारित कानून से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगी। उन्होंने कहा, 'यह सच है कि मौजूदा सरकार ने कई विधेयक पारित किए हैं और कानून बनाए हैं, लेकिन जनता के मुद्दों को हल करने के लिए एक भी कानून नहीं बनाया गया।'
श्वेत पत्र के आर्थिक मंदी और भ्रष्टाचार से जुड़े हिस्से के बारे में कैसर ने कहा कि तैमूर खान झगरा, मुहम्मद जुबैर और मुजम्मिल असलम समेत अन्य पार्टी नेता इस पर काम करेंगे। उन्होंने कहा, 'इसी तरह अन्य टीमें अलग-अलग मुद्दों पर काम करेंगी और आखिर में सभी को श्वेत पत्र में एकसाथ लाया जाएगा। श्वेत पत्र अगले महीने जारी किया जाएगा।'
पीटीआई महासचिव सलमान अकरम राजा ने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) में सुनवाई के दौरान अली बुखारी ने मांग की थी कि सभी पार्टी सदस्यों के साथ एक जैसा बर्ताव किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रांत के नेताओं ने खैबर पख्तूनख्वा की यात्रा की और बयान दिए, लेकिन ईसीपी ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।
उन्होंने कहा, 'हरिपुर में पीठासीन अधिकारी खैबर पख्तूनख्वा सरकार के कर्मचारी थे, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ईसीपी से थे। उनके कार्यालय के कर्मचारी संघीय सरकार से थे, इसलिए उन्होंने दबाव के बावजूद फॉर्म 45 जारी किया।' उन्होंने ये भी कहा कि इमरान खान की रिहाई को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।
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