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शार्ली हेब्दो के कार्टून में महिला का बुर्का उठाते दिख रहे तुर्की के राष्ट्रपति हुए आगबबूला, ईरान की फ्रांस को 'रक्तपात' की चेतावनी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, अंकारा Published by: अमर शर्मा Updated Thu, 29 Oct 2020 02:02 PM IST
सार

तुर्की और अन्य इस्लामिक देशों के मुखर होने के बीच में अब ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने भी फ्रांस को चेतावनी दे डाली है। रुहानी ने कहा है कि पैगंबर की आलोचना करने से 'हिंसा और रक्तपात' को बढ़ावा मिलेगा। 

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Hassan Rouhani - फोटो : For Reference Only
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विस्तार
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पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर तुर्की और फ्रांस के बीच तनातनी जारी है। फ्रांस की साप्ताहिक पत्रिका शार्ली हेब्दो में पहले पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने पर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी। अब इस पत्रिका में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान का कार्टून छपने पर तुर्की भड़क गया है। कार्टून में तुर्की के राष्ट्रपति को महिला का बुर्का उठाते दिखाया गया है। एर्दोगान ने कार्टून बनाने वालों को 'दुष्ट' कहा है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा इस्लामी आतंकवाद को लेकर दिए बयान के बाद कई मुस्लिम देशों ने फ्रांस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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इससे पहले तुर्की ने मोहम्मद के कार्टून छपने पर कहा था कि पश्चिमी देश इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ना चाहते हैं। अब ईरान ने फ्रांस को चेतावनी दी है कि पैगंबर का अपमान करने से खूबखराबा बढ़ सकता है। वहीं, पिछले कुछ समय से तुर्की के नजदीकी बने हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे इस्लाम पर हमला बताया है। 
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गौरतलब है कि पांच साल पहले पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के बाद आतंकी हमले का शिकार बनी फ्रांस की पत्रिका शार्ली हेब्दो एक बार फिर विवादों में है। अब मैगजीन ने तुर्की के राष्ट्रपति का कार्टून बनाया है जिससे बवाल खड़ा हो गया है। 

एर्दोगान का कार्टून
शार्ली हेब्दो के बुधवार को रिलीज हुए ऑनलाइन संस्करण में एर्दोगान टी-शर्ट और अंडरपैंट में दिख रहे थे, वह कैन से बीयर पी रहे थे और हिजाब पहने एक महिला की स्कर्ट उठा रहे थे। इसमें लिखा था - 'एर्दोगान: प्राइवेट में वह काफी फनी हैं।' 

शार्ली हेब्दो के कार्टून छपने पर तुर्की के राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश इस्लाम के खिलाफ एक बार फिर से क्रूसेड (धर्मयुद्ध) शुरू करना चाहते हैं। एर्दोगान ने कहा, "मैं इन दुष्टों के बारे में कुछ नहीं कहूंगा जिन्होंने इतने बड़े पैमाने पर हमारे पैगंबर को अपमानित किया।" 

उन्होंने कहा कि यह बहुत ही 'घिनौना हमला' है। तुर्की ने कहा है कि वह इस कार्टून के लिए फ्रांस के खिलाफ राजनयिक और कानूनी कार्रवाई करेगा। 

शिक्षक का सिर काटने पर बहस जारी
शार्ली हेब्दो ने यह कार्टून ऐसे समय में प्रकाशित किया है जब एर्दोगान, मैक्रों और यूरोप के नेताओं के बीच फ्रांस के स्कूल में शिक्षक का सिर काटे जाने पर बहस जारी है।

फ्रांस में एक स्कूल शिक्षक की एक इस्लामिक हमलावर ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक, शिक्षक इतिहास पढ़ाता था और उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का क्लास में कैरिकेचर दिखाया था। सैम्युएल पैटी को शुक्रवार को कॉनफ्लैंस सेंट-होनोरिन में 18 वर्षीय एक लड़के ने गर्दन काटकर हत्या कर दी, जिसे बाद में पुलिस ने गोली मार दी। शरणार्थी इस्लामिक आतंकवादी का जन्म मॉस्को में हुआ था और यह चेचेन्या का शरणार्थी था। उसने सिर कलम करने का वीडियो भी बनाया और उसके बाद उस गंभीर क्लिप को ऑनलाइन पोस्ट कर दिया था। 

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस घटना को इस्लामी आतंकवादी हमला करार दिया था। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी और धर्म का उपहास उड़ाने के अधिकार का जमकर समर्थन किया है। हालांकि इसके बाद से वे मुस्लिम देशों की आलोचना का शिकार हो गए हैं। 

पैगंबर की आलोचना करने से 'रक्तपात' को मिलेगा बढ़ावा
इस मुद्दे पर तुर्की और अन्य इस्लामिक देशों के मुखर होने के बीच में अब ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने भी फ्रांस को चेतावनी दे डाली है। रुहानी ने कहा है कि पैगंबर की आलोचना करने से 'हिंसा और रक्तपात' को बढ़ावा मिलेगा। 

रुहानी ने कहा, "पश्चिमी देशों को यह समझना होगा कि पैगंबर की आलोचना करना सभी मुस्लिमों, सभी पैगंबरों और सभी मानवीय मूल्यों की आलोचना करना है। पैगंबर की आलोचना करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। यह अनैतिक है। यह हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।" 

उधर, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने बयान दिया है कि अगर इस बात से दुनिया के डेढ़ अरब लोग नाराज हो जाते हैं तो अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक ही लगा देनी चाहिए। वहीं, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मुस्लिम देशों को पत्र लिखकर कहा है कि गैर-मुस्लिम देशों खासकर पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ते इस्लामोफोबिया का जवाब दें। 

मुस्लिम देशों ने खोला मोर्चा
सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और कतर  में फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है। जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश में फ्रांस के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए हैं। इन सबके बावजूद फ्रांस में कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

120 से ज्यादा जगहों पर चलाया गया सर्विलांस कार्यक्रम, आतंकी कोण से जांच जारी
बता दें कि फ्रांस में शिक्षक सैनुअल पेटी का गला काटकर हत्या करने के बाद से ही देश में सख्ती बरती जा रही है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने जब इस वारदात को इस्लामी आतंकवाद से जोड़ा तो तुर्की के राष्ट्रपति ने मुस्लिम देशों से फ्रांस के सामान का बायकॉट करने की अपील कर डाली। लेकिन इसके बाद भी फ्रांस ने इस्लामी आंदोलन में शामिल होने के आरोप में बड़े स्तर पर सर्विलांस कार्यक्रम चलाया हुआ है।

सरकार ने न सिर्फ मस्जिदों में जांच अभियान चलाया बल्कि घरों और व्यावसायिक स्थानों समेत करीब 120 से ज्यादा जगहों पर जांचें की हैं ताकि इस्लामी आतंकवादियों की जांच की जा सके। बता दें कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया संकट में है। इसके विरोध में कई मुस्लिम देशों में प्रांस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। 

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