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Russia: तेल पर और ज्यादा रियायत और एस-400 की सप्लाई बढ़ाएगा रूस, अमेरिकी टैरिफ के बीच पुतिन का भारत को तोहफा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 03 Sep 2025 09:03 AM IST
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सार
सितंबर माह में भारत द्वारा खरीदे गए रूसी कच्चे तेल में अगस्त के मुकाबले 10-20 प्रतिशत का उछाल आया था यानी कि भारत ने रूस से 1.50 लाख से 3 लाख बैरल की अतिरिक्त खरीद की थी। अब और छूट मिलने पर यह संख्या और बढ़ सकती है।

नरेंद्र मोदी, व्लादिमीर पुतिन
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
भारत द्वारा रूस से खरीदे जा रहे कच्चे तेल पर जल्द ही और ज्यादा रियायत मिल सकती है। साथ ही भारत और रूस से और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी मिल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है। अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ दबाव बनाने के बीच ये रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत के लिए तोहफा माना जा रहा है। भारत पहले ही रूस से डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है और अब और ज्यादा डिस्काउंट मिलने से भारत का काफी पैसा बचेगा।
कच्चे तेल पर रियायत से मिलेगी बड़ी राहत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूराल क्रूड की कीमत अब ब्रेंट क्रूड की तुलना में 3-4 डॉलर प्रति बैरल कम हो सकती है। सितंबर के अंत में और अक्तूबर माह में इस छूट का लाभ मिल सकता है। बीते हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर प्रति बैरल थी और जुलाई माह में यह 1 डॉलर प्रति बैरल थी। बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिनमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए लगाया गया था। अमेरिका का आरोप है कि भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषण मिल रहा है। टैरिफ से भारत पर आर्थिक दबाव पड़ा है, लेकिन अब अगर रूस से कच्चे तेल पर और ज्यादा रियायत मिलती है तो यकीनन इससे भारत पर पड़ रहा आर्थिक दबाव कुछ हद तक कम होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर माह में भारत द्वारा खरीदे गए रूसी कच्चे तेल में अगस्त के मुकाबले 10-20 प्रतिशत का उछाल आया था यानी कि भारत ने रूस से 1.50 लाख से 3 लाख बैरल की अतिरिक्त खरीद की थी। अब और छूट मिलने पर यह संख्या और बढ़ सकती है।
ये भी पढ़ें- US Tariffs: 'भारत से रिश्ते अच्छे, मगर कई साल से...', अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया टैरिफ लगाने के फैसले का बचाव
भारत को एस-400 की सप्लाई बढ़ेगी
मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है। भारत और रूस के बीच साल 2018 में ही 5.5 अरब डॉलर में पांच एस-400 डिफेंस सिस्टम की डील हुई थी, जिनमें से तीन सिस्टम भारत को मिल चुके हैं और बाकी दो एस-400 सिस्टम साल 2026 और 2027 में मिलने की उम्मीद है। रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कॉपरेशन के मुखिया दिमित्री सुगायेव के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि एस-400 को लेकर दोनों देश सहयोग बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं और इसके चलते और डील हो सकती है और फिलहाल इसके लिए बातचीत चल रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और भारतीय एयर डिफेंस को चाक-चौबंद बनाने में शानदार काम किया था। यही वजह रही कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस न कर सके। यही वजह है कि अब भारत और एस-400 खरीदने पर विचार कर रहा है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूराल क्रूड की कीमत अब ब्रेंट क्रूड की तुलना में 3-4 डॉलर प्रति बैरल कम हो सकती है। सितंबर के अंत में और अक्तूबर माह में इस छूट का लाभ मिल सकता है। बीते हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर प्रति बैरल थी और जुलाई माह में यह 1 डॉलर प्रति बैरल थी। बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिनमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए लगाया गया था। अमेरिका का आरोप है कि भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषण मिल रहा है। टैरिफ से भारत पर आर्थिक दबाव पड़ा है, लेकिन अब अगर रूस से कच्चे तेल पर और ज्यादा रियायत मिलती है तो यकीनन इससे भारत पर पड़ रहा आर्थिक दबाव कुछ हद तक कम होगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर माह में भारत द्वारा खरीदे गए रूसी कच्चे तेल में अगस्त के मुकाबले 10-20 प्रतिशत का उछाल आया था यानी कि भारत ने रूस से 1.50 लाख से 3 लाख बैरल की अतिरिक्त खरीद की थी। अब और छूट मिलने पर यह संख्या और बढ़ सकती है।
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भारत को एस-400 की सप्लाई बढ़ेगी
मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है। भारत और रूस के बीच साल 2018 में ही 5.5 अरब डॉलर में पांच एस-400 डिफेंस सिस्टम की डील हुई थी, जिनमें से तीन सिस्टम भारत को मिल चुके हैं और बाकी दो एस-400 सिस्टम साल 2026 और 2027 में मिलने की उम्मीद है। रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कॉपरेशन के मुखिया दिमित्री सुगायेव के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि एस-400 को लेकर दोनों देश सहयोग बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं और इसके चलते और डील हो सकती है और फिलहाल इसके लिए बातचीत चल रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और भारतीय एयर डिफेंस को चाक-चौबंद बनाने में शानदार काम किया था। यही वजह रही कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस न कर सके। यही वजह है कि अब भारत और एस-400 खरीदने पर विचार कर रहा है।
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