Russia-Ukraine Crisis: तुर्किये में होने वाली बैठक में नहीं शामिल होंगे पुतिन; यूक्रेन की तरफ से संस्पेस कायम
पश्चिमी और यूरोपीय नेताओं की ओर से किसी शर्त के एक महीने के युद्ध विराम को लागू करने की पेशकश की थी, जिसे रूस ने खारिज कर दिया था। साथ ही पुतिन ने 11 मई को इस प्रस्ताव के बजाय तुर्किये में सीधे बातचीत की पेशकश की थी।


विस्तार
रूस-यूक्रेन के बीच में तीन साल से जारी जंग पर विराम लगाने की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में आज तुर्किये में रूस-यूक्रेन वार्ता होगी। हालांकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस वार्ता में खुद मौजूद नहीं रहेंगे। उन्होंने वार्ता के लिए रूसी प्रतिनिधिमंडल का एलान भी कर दिया है। रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व क्रेमलिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे। गौरतलब है कि संघर्ष विराम की इस पहल की पेशकश रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने खुद की थी।
पुतिन द्वारा घोषित रूसी प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुजिन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन और इगोर कोस्त्युकोव शामिल होंगे। इतना ही नहीं, पुतिन ने इस शांति वार्ता में सहयोग के लिए विशेषज्ञों के एक समूह को भी नामित किया है। इनमें जनरल स्टाफ के सूचना विभाग के उप प्रमुख अलेक्जेंडर जोरिन, राष्ट्रपति निदेशालय की उप प्रमुख येलेना पोडोब्रेयेव्स्काया, विदेश मंत्रालय में सेकेंड सीआईएस विभाग के निदेशक एलेक्सी पोलिशचुक और रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग निदेशालय के उप प्रमुख विक्टर शेवत्सोव शामिल हैं।
क्रेमलिन के सहायक यूरी उशाकोव ने आज होने वाली बैठक की पुष्टि करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज यूक्रेन के साथ इस्तांबुल में वार्ता फिर से शुरू होगी। हालांकि अभी यूक्रेन ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि उनकी तरफ से इस वार्ता में कौन-कौन शामिल होगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस बाबत बयान भी जारी किया था, उन्होंने कहा था कि यूक्रेन अपने अगले कदम तय करने से पहले इस बात पर बारीकी से नजर रख रहा है कि रूस तुर्कीये में होने वाली आगामी वार्ता में किसे भेजता है।
पुतिन के इस्तांबुल न आने पर बोले ट्रंप
इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन की वार्ता में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के न आने के फैसले पर अमेरिकी राषट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तुर्की में यूक्रेन के साथ होने वाली शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे।
ट्रंप का यह बयान मिडिल ईस्ट की उनकी यात्रा के बीच में आया है। उन्होंने दोहा में एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के दौरान कहा कि मुझे नहीं लगता कि पुतिन के लिए वहां जाना संभव है, अगर मैं वहां नहीं हूं। बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने संभावना जताई थी कि वे रूस-यूक्रेन के बीच होने वाली बैठक में मौजू रहेंगे। हालांकि उन्होंने गुरुवार को बताया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो नाटो समकक्षों के साथ बैठकों के लिए वहां पहले से हैं। साथ ही ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए शुक्रवार को इस्तांबुल में रहेंगे।
पुतिन ने की थी सीधी वार्ता की पेशकश
इससे पहले, पश्चिमी और यूरोपीय नेताओं की ओर से किसी शर्त के एक महीने के युद्ध विराम को लागू करने की पेशकश की थी, जिसे रूस ने खारिज कर दिया था। इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन पर 100 से अधिक ड्रोन भी दागे। पुतिन ने 11 मई को इस प्रस्ताव के बजाय तुर्किये में सीधे बातचीत की पेशकश की थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने जोर देकर कहा था कि रूसी प्रतिनिधिमंडल बिना किसी पूर्व शर्त के इस्तांबुल में बातचीत के लिए तैयार रहेगा।
जेलेंस्की ने जताया रूस के इरादों पर संदेह
जेलेंस्की ने रूस के इरादों पर भी संदेह जताया था। साथ ही कहा था कि रूसी राष्ट्रपति की पेशकश अविश्वसनीय प्रतीत होती है। उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी वार्ता में भाग लेने पर विचार कर रहे हैं। बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा था कि हमने तुर्किये में वार्ता के प्रारूप के बारे में टीम के साथ कई बैठकें कीं। मैं यह देखने का इंतजार कर रहा हूं कि रूस से कौन आएगा। इसके बाद ही मैं तय करूंगा कि यूक्रेन को कौन से कदम उठाने चाहिए।
जेलेंस्की ने यह भी कहा कि अब तक, मीडिया में उनके द्वारा दिए गए संकेत अविश्वसनीय हैं। रूस केवल युद्ध और हत्याओं को बढ़ा रहा है। मैं हर देश, हर नेता को धन्यवाद देना चाहता हूं जो अब रूस पर दबाव डाल रहा है, ताकि गोलाबारी आखिरकार बंद हो जाए, ताकि सार्थक बातचीत उस स्तर पर हो सके जहां वास्तविक निर्णय लिए जा सकें।
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बड़े युद्ध की तैयारी में हैं दोनों देश
दोनों देश गर्मी में फिर से बड़े युद्ध की तैयारी में हैं। 1,000 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा पर अब तक दोनों ओर से हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं।वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक 'इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर' ने सोमवार को कहा कि रूस तेजी से नए सैनिकों की भर्ती कर रहा है ताकि अग्रिम मोर्चे पर पकड़ बनी रहे। रूस ने अमेरिका और यूरोपीय नेताओं की ओर से की गई युद्धविराम की पेशकश को खारिज किया, लेकिन सीधी बातचीत की पेशकश की।
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पुतिन कई बार जेलेंस्की की सरकार की वैधता पर सवाल उठा चुके हैं, क्योंकि उनके अनुसार जेलेंस्की का कार्यकाल पिछले साल खत्म हो चुका है। हालांकि, यूक्रेन का संविधान कहता है कि मार्शल लॉ के दौरान चुनाव नहीं कराए जा सकते। 2022 में यूक्रेन सरकार ने एक आदेश पारित किया था, जिसके तहत पुतिन से किसी भी तरह की बातचीत पर रोक लगा दी गई थी।
लेकिन अमेरिका दोनों देशों पर युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बना रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड के विदेश मंत्रियों से लंदन में बातचीत की, ताकि युद्धविराम और शांति वार्ता को लेकर चर्चा हो सके। इन यूरोपीय देशों ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर वह युद्धविराम नहीं मानता, तो उस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे, लेकिन अब तक नए प्रतिबंधों की कोई घोषणा नहीं की गई है।
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