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US: यूक्रेन संकट के बीच इस बीच इस देश में साथ काम कर रहीं अमेरिका-रूस की सेनाएं, एक बेस पर मौजूद हैं सैनिक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नियामे
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 03 May 2024 09:12 AM IST
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सार
रूस और अमेरिका के सैनिक नाइजर के एयर बेस 101 पर मौजूद हैं। रूस के सैनिक बेस के एक हैंगर से ऑपरेट कर रहे हैं। हालांकि एक बेस पर काम करने के चलते दोनों देशों के सैनिकों में जुड़ाव बना हुआ है।

नाइजर में अमेरिकी सेना का हो रहा विरोध
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
रूस और अमेरिका की प्रतिद्वंदिता जगजाहिर है, लेकिन अफ्रीकी देश नाइजर में दोनों देशों की सेनाएं साथ काम कर रही हैं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका और रूस के सैनिक नाइजर में बीते कई हफ्तों से एक ही सैन्य अड्डे पर ठहरे हुए हैं। हालांकि नाइजर की सेना अमेरिका के सैनिकों को देश छोड़ने को कह चुकी है।
नाइजर के एयर बेस पर मौजूद अमेरिका और रूस के सैनिक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस और अमेरिका के सैनिक नाइजर के एयर बेस 101 पर मौजूद हैं। रूस के सैनिक बेस के एक हैंगर से ऑपरेट कर रहे हैं। हालांकि एक बेस पर काम करने के चलते दोनों देशों के सैनिकों में जुड़ाव बना हुआ है। नाइजर में जुलाई 2023 में हुए तख्तापलट में नाइजर की सेना जुंटा सत्ता पर काबिज हो गई है। नाइजर की सेना अपने देश से अमेरिका के सैनिकों को निकालना चाहती है। साल 2014 में अमेरिका और नाइजर के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत अमेरिका के सैनिक और नागरिक स्टाफ नाइजर में तैनात किए जा सकते हैं। अब तख्तापलट के बाद नाइजर की सेना ने उस समझौते को खत्म कर दिया है और अमेरिकी सैनिकों की तैनाती का विरोध किया है। वहीं नाइजर में रूस का प्रभाव बढ़ रहा है।
नाइजर में रूस का बढ़ रहा प्रभाव
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में नाइजर के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने का एलान किया था। इसके तहत रूस ने नाइजर की सेना को प्रशिक्षित करने के लिए 100 ट्रेनर भेजने का एलान किया था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अप्रैल से पहले से ही नाइजर में रूसी सैनिक मौजूद हैं। अफ्रीकी देश चाड से भी अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो गई है। चाड में अमेरिकी सैनिक फ्रांस के सैन्य बेस पर ठहरे हुए थे, लेकिन चाड की आपत्ति के बाद अमेरिका के सैनिकों को वहां से निकाल लिया गया है।

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नाइजर के एयर बेस पर मौजूद अमेरिका और रूस के सैनिक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस और अमेरिका के सैनिक नाइजर के एयर बेस 101 पर मौजूद हैं। रूस के सैनिक बेस के एक हैंगर से ऑपरेट कर रहे हैं। हालांकि एक बेस पर काम करने के चलते दोनों देशों के सैनिकों में जुड़ाव बना हुआ है। नाइजर में जुलाई 2023 में हुए तख्तापलट में नाइजर की सेना जुंटा सत्ता पर काबिज हो गई है। नाइजर की सेना अपने देश से अमेरिका के सैनिकों को निकालना चाहती है। साल 2014 में अमेरिका और नाइजर के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत अमेरिका के सैनिक और नागरिक स्टाफ नाइजर में तैनात किए जा सकते हैं। अब तख्तापलट के बाद नाइजर की सेना ने उस समझौते को खत्म कर दिया है और अमेरिकी सैनिकों की तैनाती का विरोध किया है। वहीं नाइजर में रूस का प्रभाव बढ़ रहा है।
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नाइजर में रूस का बढ़ रहा प्रभाव
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में नाइजर के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने का एलान किया था। इसके तहत रूस ने नाइजर की सेना को प्रशिक्षित करने के लिए 100 ट्रेनर भेजने का एलान किया था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अप्रैल से पहले से ही नाइजर में रूसी सैनिक मौजूद हैं। अफ्रीकी देश चाड से भी अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो गई है। चाड में अमेरिकी सैनिक फ्रांस के सैन्य बेस पर ठहरे हुए थे, लेकिन चाड की आपत्ति के बाद अमेरिका के सैनिकों को वहां से निकाल लिया गया है।