RIC Ties: 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गुणात्मक रूप से नई प्रणाली का निर्माण', रूस-भारत-चीन संबंधों पर रूसी दूत
रूसी राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि रूस, भारत और चीन की बढ़ती साझेदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक 'गुणात्मक रूप से नई प्रणाली' का निर्माण है। उल्यानोव ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं।'

विस्तार
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि रूस, भारत और चीन की बढ़ती साझेदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक 'गुणात्मक रूप से नई प्रणाली' का निर्माण है। उन्होंने यह बात वैश्विक अनिश्चितताओं, खासकर अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों के बीच कही।

उल्यानोव ने एक्स पर एक पोस्ट को फिर से साझा करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर को रीपोस्ट किया, जिसमें बहुध्रुवीयता पर संदेश लिखा था। उल्यानोव ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं।'
We are witnessing the formation of a qualitatively new system of international relations. https://t.co/8QsWuC0NhG
— Mikhail Ulyanov (@Amb_Ulyanov) August 31, 2025
पीएम मोदी की जिनपिंग से मुलाकात के बाद की टिप्पणी
रूसी राजदूत मिखाइल का यह बयान उस समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अक्तूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर कजान में हुई अपनी पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और निरंतर प्रगति का स्वागत किया।
भारत-चीन विकास साझेदार, प्रतिद्वंदी नहीं
दोनों नेताओं ने दोहराया कि भारत और चीन 'विकास साझेदार' हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं। इस दौरान उन्होंने मतभेदों को विवाद में बदलने से बचाने और स्थिर संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास के लिए, बल्कि 21वीं सदी की प्रवृत्तियों के अनुरूप एक बहुध्रुवीय दुनिया और बहुध्रुवीय एशिया के लिए भी जरूरी है।
उल्यानोव ने जिस पोस्ट को साझा किया, वह 2018 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक की तस्वीर थी।
Deepening engagement with valued development partners.
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2018
President Vladimir Putin, President Xi Jinping and PM @narendramodi participate in the RIC (Russia, India, China) trilateral in Buenos Aires. @KremlinRussia pic.twitter.com/G8zj5C1ezZ
आज रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां वह 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाली 25वीं एससीओ शिखर बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले, रविवार को उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की और अब आज वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति-स्थिरता पर दिया जोर
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को दोनों देशों के बीच लगातार विकास के लिए बेहद जरूरी बताया। दोनों नेताओं ने पिछले साल सफल सैन्य वापसी और उसके बाद सीमा पर शांति बनाए रखने पर संतोष जताया। साथ ही, सीमा विवाद के 'निष्पक्ष, तार्किक और परस्पर स्वीकार्य समाधान' के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों ने हाल ही में विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ताओं में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत किया और आगे उनके प्रयासों को समर्थन देने पर सहमति जताई।
दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर दिया जोर
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया- जैसे सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा में सुधार, कैलाश मानसरोवर यात्रा और टूरिस्ट वीजा की बहाली को आधार बनाकर रिश्ते मजबूत करने पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति जिनपिंग ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।