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अध्ययन: बचपन में कैंसर से बचे वयस्कों को कोविड का ज्यादा खतरा, वैक्सीन व सुरक्षा में मिले प्राथमिकता
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, स्टॉकहोम काउंटी
Published by: शुभम कुमार
Updated Mon, 07 Jul 2025 07:39 AM IST
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सार
स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के अध्ययन में सामने आया कि बचपन में कैंसर से जूझ चुके लोगों को कोविड संक्रमण होने पर सामान्य लोगों की तुलना में 58% अधिक गंभीर बीमारी का खतरा होता है। इनमें अस्पताल में भर्ती, आईसीयू और मौत की आशंका भी ज्यादा पाई गई।

कोविड टेस्ट
- फोटो : Freepik.com
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विस्तार
बचपन में कैंसर से जूझ चुके वयस्कों को कोविड-19 होने पर गंभीर बीमारी का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक है। यह खुलासा स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के एक नए अध्ययन में हुआ है। वैज्ञानिक प्रगति के चलते अब अधिक बच्चे कैंसर से बच रहे हैं, लेकिन इलाज के वर्षों बाद भी उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव बना रह सकता है।

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इसे समझने के लिए स्वीडन और डेनमार्क में एक रजिस्ट्री अध्ययन किया गया। इसमें 13,000 से अधिक ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें 20 साल की उम्र से पहले कैंसर हुआ था और जो महामारी शुरू होने तक वयस्क बन चुके थे। इनकी तुलना उनके भाई-बहनों और समान उम्र व लिंग के सामान्य लोगों से की गई। अध्ययन में पाया गया कि इन लोगों को संक्रमण होने की संभावना कम थी,लेकिन एक बार संक्रमित होने पर उन्हें 58 फीसदी अधिक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा। इसके चलते इन्हें अस्पताल में भर्ती, आईसीयू से लेकर मौत का सामना करना पड़ा।
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अल्फा और ओमिक्रोन जैसे वेरिएंट के तेज फैलाव के समय यह खतरा और भी साफ दिखाई दिया था। शोध के प्रमुख लेखक और कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में पर्यावरण चिकित्सा संस्थान में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता जेवियर लौरो के मुताबिक,यह समझना अहम है कि भले ही ये लोग अधिक बार संक्रमित नहीं हुए, लेकिन जब वे बीमार पड़े तो परिणाम अधिक गंभीर रहे। अल्फा और ओमिक्रोन जैसे वेरिएंट के तेज फैलाव के समय यह खतरा और भी साफ दिखाई दिया था।
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स्वीडन में जहां महामारी प्रबंधन में मुख्यत
सुझाव दिए गए थे, वहां यह खतरा सख्त पाबंदियां लगाने वाले डेनमार्क से ज्यादा था। लौरो ने आगे कहा, हमारा शोध बताता है कि भविष्य की महामारी या स्वास्थ्य संकटों में बचपन में कैंसर से बचे लोगों को खतरे में होने वाला समूह माना जाना चाहिए। उन्हें प्राथमिकता से वैक्सीन और विशेष सुरक्षा दी जानी चाहिए।