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Thailand: दाह संस्कार के लिए 500 किमी दूर ले गया भाई, आग लगने से पहले ताबूत में हुई दस्तक, जिंदा निकली महिला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बैंकॉक Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Tue, 25 Nov 2025 03:41 PM IST
सार

मंदिर के कर्मचारी ने बताया कि मैं थोड़ा हैरान था, इसलिए मैंने उनसे ताबूत खोलने को कहा और सब चौंक गए। उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि उसने अपनी आंखें थोड़ी खोलीं और ताबूत के किनारे पर दस्तक दी। वह शायद काफी देर से दस्तक दे रही होगी।

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Thai woman found alive in coffin after being brought in for cremation Wat Rat Prakhong Tham Buddhist temple
ताबूत से जिंदा निकली थाईलैंड की महिला (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : ANI
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विस्तार
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थाईलैंड में एक महिला का दाह संस्कार किए जाने से पहले अचानक ताबूत में दस्तक हुई। इसके बाद जब ताबूत खोलकर देखा गया तो उसमें महिला जिंदा निकली। इस घटना से मंदिर के कर्मचारियों भी चौंक गए। अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने के बाद महिला अपने ताबूत में हिलने लगी थी।

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बैंकॉक के बाहरी इलाके में नोनथाबुरी प्रांत में स्थित बौद्ध मंदिर वाट रत प्रखोंग थाम ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें एक महिला को एक पिकअप ट्रक के पीछे सफेद ताबूत में लेटे हुए दिखाया गया है, जो अपने हाथों और सिर को थोड़ा हिला रही है, जिससे मंदिर के कर्मचारी हैरान रह गए।
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मंदिर के सामान्य और वित्तीय मामलों के प्रबंधक, पायरत सूदथूप ने सोमवार को बताया कि 65 वर्षीय महिला का भाई उसे दाह संस्कार के लिए फिट्सानुलोक प्रांत से गाड़ी में लेकर आया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने ताबूत से हल्की सी दस्तक सुनी।

मंदिर के कर्मचारी ने बताया कि मैं थोड़ा हैरान था, इसलिए मैंने उनसे ताबूत खोलने को कहा और सब चौंक गए। उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि उसने अपनी आंखें थोड़ी खोलीं और ताबूत के किनारे पर दस्तक दी। वह शायद काफी देर से दस्तक दे रही होगी।

पायरत के मुताबिक उसके भाई ने बताया कि उसकी बहन लगभग दो साल से बिस्तर पर थी। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश हो गई। ऐसा लगा जैसे दो दिन पहले उसकी सांसें थम गई हों। फिर भाई ने उसे एक ताबूत में रखा और 500 किलोमीटर का सफर तय करके बैंकॉक के एक अस्पताल पहुंचा, जहां महिला ने अपने अंगदान की इच्छा जताई थी।

पायरत ने बताया कि अस्पताल ने भाई के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसके पास आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं था। उनके मंदिर में मुफ्त दाह संस्कार की सुविधा है, इसलिए भाई ने रविवार को उनसे संपर्क किया, लेकिन दस्तावेज न होने के कारण उन्हें भी मना कर दिया गया।

मंदिर प्रबंधक ने बताया कि जब वह उसे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का तरीका समझा रहे थे, तभी उन्हें ताबूत से दस्तक सुनाई दी। फिर उन्होंने उसकी जांच की और उसे पास के अस्पताल भेज दिया। पायरत के अनुसार मठाधीश ने कहा कि मंदिर उनके इलाज का सारा खर्च उठाएगा।

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