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पाकिस्तान में बाढ़ से भीषण तबाही: पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में हालात गंभीर, 24 घंटे में 15 लोगों की हुई मौत
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेशावर / लाहौर
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 31 Aug 2025 11:16 PM IST
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सार
पाकिस्तान इस वक्त अपने हालिया इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ आपदा से गुजर रहा है। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के लाखों लोग बेघर हो चुके हैं, फसलें और मवेशी बह गए हैं। सरकार राहत और बचाव कार्य में जुटी है, लेकिन बारिश और नदियों के उफान के चलते मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

पाकिस्तान के पंजाब में बाढ़
- फोटो : ANI
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विस्तार
पाकिस्तान के कई हिस्सों में लगातार मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में ही कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा में भी हालात गंभीर बने हुए हैं।
मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा
केवल पिछले 24 घंटे में पंजाब में 10 और खैबर पख्तूनख्वा में पांच लोगों की मौत हुई। इस साल 26 जून से अब तक पूरे पाकिस्तान में 854 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें 130 बच्चे और 227 महिलाएं भी शामिल हैं।
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पंजाब में बाढ़ ने तोड़ी रफ्तार
पंजाब में अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने बताया कि अब तक 7.6 लाख लोगों और पांच लाख से ज्यादा मवेशियों को बचाया गया है। लाहौर, हफीजाबाद और मुल्तान समेत कई जिलों में बीते 24 घंटे में 60 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। इनमें से चार जगहों पर तो 120 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। पंजाब सरकार ने स्वीकार किया कि राज्य इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ों में से एक से जूझ रहा है।
खैबर पख्तूनख्वा में बच्चों और महिलाओं पर कहर
खैबर पख्तूनख्वा में इस मानसून के दौरान अब तक 484 मौतें हुई हैं, जो पूरे पाकिस्तान में सबसे ज्यादा है। बीते 24 घंटे में यहां चार बच्चों और एक महिला की मौत हुई। राजधानी पेशावर में सिर्फ 24 घंटे में 41 मिमी बारिश हुई। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तलाश में हैं।
पाकिस्तान के अन्य प्रांतों का हाल
पंजाब में अब तक 209 मौतें दर्ज हुईं। वहीं सिंध में 58, बलूचिस्तान में 25, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 70 और इस्लामाबाद में 8 मौतें हुई हैं। पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसादिक मलिक ने बताया कि अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। लेकिन सरकार की सबसे बड़ी चिंता 80 लाख गरीब बाढ़ पीड़ित हैं, जिन्हें पानीजनित बीमारियों का खतरा है। उन्होंने कहा, 'हमें पीने का साफ पानी, दवाइयां, बिजली, टेंट, मच्छरदानी और खाना तुरंत पहुंचाना होगा।'
यह भी पढ़ें - Mishap In London: ईस्ट लंदन में गणपति विसर्जन के बाद सामुदायिक केंद्र में आग, इमारत जलकर खाक; कोई हताहत नहीं
भारत से आई नई चुनौती
पंजाब सरकार ने दावा किया कि सतलुज नदी में भारत से छोड़े गए पानी के कारण कई जिलों में बांध टूट गए हैं। आने वाले दो दिनों में यह पानी हेड मराला पहुंचने की आशंका जताई गई है। सरकार का लक्ष्य है कि पानी का बहाव 10 लाख क्यूसेक से ज्यादा न हो, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।

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मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा
केवल पिछले 24 घंटे में पंजाब में 10 और खैबर पख्तूनख्वा में पांच लोगों की मौत हुई। इस साल 26 जून से अब तक पूरे पाकिस्तान में 854 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें 130 बच्चे और 227 महिलाएं भी शामिल हैं।
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पंजाब में अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने बताया कि अब तक 7.6 लाख लोगों और पांच लाख से ज्यादा मवेशियों को बचाया गया है। लाहौर, हफीजाबाद और मुल्तान समेत कई जिलों में बीते 24 घंटे में 60 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। इनमें से चार जगहों पर तो 120 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। पंजाब सरकार ने स्वीकार किया कि राज्य इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ों में से एक से जूझ रहा है।
खैबर पख्तूनख्वा में बच्चों और महिलाओं पर कहर
खैबर पख्तूनख्वा में इस मानसून के दौरान अब तक 484 मौतें हुई हैं, जो पूरे पाकिस्तान में सबसे ज्यादा है। बीते 24 घंटे में यहां चार बच्चों और एक महिला की मौत हुई। राजधानी पेशावर में सिर्फ 24 घंटे में 41 मिमी बारिश हुई। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तलाश में हैं।
पाकिस्तान के अन्य प्रांतों का हाल
पंजाब में अब तक 209 मौतें दर्ज हुईं। वहीं सिंध में 58, बलूचिस्तान में 25, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 70 और इस्लामाबाद में 8 मौतें हुई हैं। पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसादिक मलिक ने बताया कि अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। लेकिन सरकार की सबसे बड़ी चिंता 80 लाख गरीब बाढ़ पीड़ित हैं, जिन्हें पानीजनित बीमारियों का खतरा है। उन्होंने कहा, 'हमें पीने का साफ पानी, दवाइयां, बिजली, टेंट, मच्छरदानी और खाना तुरंत पहुंचाना होगा।'
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पंजाब सरकार ने दावा किया कि सतलुज नदी में भारत से छोड़े गए पानी के कारण कई जिलों में बांध टूट गए हैं। आने वाले दो दिनों में यह पानी हेड मराला पहुंचने की आशंका जताई गई है। सरकार का लक्ष्य है कि पानी का बहाव 10 लाख क्यूसेक से ज्यादा न हो, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।