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Trump-Epstein Birthday Note: ट्रंप-एपस्टीन बर्थडे नोट पर गहराया विवाद, FBI निदेशक काश पटेल जांच के लिए तैयार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: हिमांशु चंदेल Updated Thu, 18 Sep 2025 07:37 AM IST
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सार

एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने डोनाल्ड ट्रंप और जेफ्री एपस्टीन के बीच कथित बर्थडे नोट विवाद की जांच पर सहमति दी है। व्हाइट हाउस ने इस दस्तावेज को फर्जी बताया, जबकि ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल पर मानहानि का मुकदमा किया है। रिपब्लिकन नेता जांच को एपस्टीन पीड़ितों पर केंद्रित रखना चाहते हैं, वहीं डेमोक्रेट्स राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जालसाजी को गंभीर अपराध मान रहे हैं।

Trump-Epstein Birthday Note Controversy escalates FBI Director Kash Patel ready to investigate
एफबीआई प्रमुख काश पटेल (फाइल) - फोटो : एक्स@FBIDirectorKash
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विस्तार
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एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दिवंगत अरबपति जेफ्री एपस्टीन के बीच कथित ‘बर्थडे नोट’ विवाद की जांच पर सहमति जताई है। यह नोट एपस्टीन की 50वीं सालगिरह पर लिखा गया बताया जा रहा है, जिसमें महिला आकृति की तस्वीर और ट्रंप के कथित हस्ताक्षर मौजूद हैं। व्हाइट हाउस ने इसे फर्जी करार दिया है, जबकि ट्रंप ने इस रिपोर्टिंग पर कानूनी कार्रवाई भी शुरू की है।
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यह मामला तब गरमाया जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की ओवरसाइट कमेटी की सुनवाई के दौरान डेमोक्रेट सांसद जैरेड मोस्कोविट्ज ने सवाल उठाए। उन्होंने पटेल से कहा कि यह दस्तावेज राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जालसाजी का मामला है और इस पर जांच होनी चाहिए। शुरुआत में पटेल ने आधार पर सवाल किया, लेकिन बाद में साफ किया कि इसे जांच के दायरे में लिया जाएगा।
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विवादित दस्तावेज और ट्रंप का बयान
इस नोट में एक महिला शरीर की आकृति के साथ संदेश लिखा गया है जिसमें कहा गया कि ट्रंप और एपस्टीन के बीच कुछ चीजें समान हैं। व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि इसमें ट्रंप का हस्ताक्षर असली नहीं है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दोहराया कि राष्ट्रपति ने न तो यह ड्राइंग बनाई है और न ही हस्ताक्षर किए हैं।

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रिपब्लिकन चेयर का विरोध
कमेटी के चेयर जेम्स कोमर ने डेमोक्रेट्स की मांग को खारिज कर दिया था, जिसमें दस्तावेज की जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट बुलाने का सुझाव दिया गया था। कोमर का कहना है कि जांच का मकसद पीड़ितों को न्याय दिलाना और एपस्टीन आइलैंड की सच्चाई सामने लाना है, न कि 20 साल पुराने बर्थडे कार्ड पर बहस करना।

ट्रंप ने मीडिया पर बोला हमला
ट्रंप ने इस मामले पर वॉल स्ट्रीट जर्नल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया है। अखबार ने जुलाई में इस कथित पत्र पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। ट्रंप का कहना है कि यह पूरी तरह झूठ है और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। साथ ही उन्होंने डेमोक्रेट्स पर हमला बोलते हुए कहा कि एपस्टीन केस में पारदर्शिता की मांग सिर्फ एक 'डेमोक्रेट षड्यंत्र' है।

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कांग्रेस में दबाव
अमेरिकी कांग्रेस में एपस्टीन मामले से जुड़े पूरे दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग लगातार तेज हो रही है। कई सांसदों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एपस्टीन तक सीमित नहीं है बल्कि यह देखना जरूरी है कि कहीं सरकारी संस्थाओं की कोई भूमिका तो नहीं रही। इसी पृष्ठभूमि में यह बर्थडे नोट भी राजनीतिक मुद्दा बन गया है।

व्हाइट हाउस का रुख
व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि यह दस्तावेज पूरी तरह फर्जी है और ट्रंप के हस्ताक्षर की जालसाजी की गई है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति और उनकी टीम कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे और ऐसे फर्जी दस्तावेजों को हर स्तर पर चुनौती देंगे। एफबीआई की जांच से अब यह मामला और गंभीर हो गया है।

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