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Russia: 'रूस के लड़ाकू विमानों के लिए फ्यूल एडिटिव्स का सबसे बड़ा निर्यातक भारत', यूक्रेनी थिंक टैंक का दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 13 Oct 2025 11:24 AM IST
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सार
यूक्रेनी थिंक टैंक की रिपोर्ट में दावा है कि रूस के एसयू-34 और एसयू-35एस लड़ाकू विमानों में फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्हीं विमानों से रूस ने यूक्रेन पर क्रूज सुपरसोनिक और गाइडेड मिसाइलों से हमले किए।

रूस-यूक्रेन युद्ध
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान किया था। ट्रंप ने भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का गंभीर आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। अब यूक्रेन के एक थिंक टैंक ने भारत पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। यूक्रेनी थिंक टैंक ने दावा किया है कि भारत, रूस के लड़ाकू विमानों के लिए फ्यूल एडीटिव्स का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और रूसी लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन को बेहतर करने में मदद कर रहा है।
लड़ाकू विमानों के इंजन के प्रदर्शन को बेहतर बनाते हैं फ्यूल एडिटिव्स
यूक्रेनी थिंक टैंक 'इकॉनोमिक सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ यूक्रेन' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत, रूस के लड़ाकू विमानों के लिए फ्यूल एडिटिव्स (ईंधन योजक) का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। साल 2024 में रूस के कुल आयातित फ्यूल एडिटिव्स में से करीब आधा भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात किया गया। फ्यूल एडिटिव्स एक तरल रसायनिक तत्व होता है, जो वाणिज्यिक और सैन्य विमानों के इंजन के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए ईंधन के साथ मिलाया जाता है।
यूक्रेनी थिंक टैंक की रिपोर्ट में दावा है कि रूस के एसयू-34 और एसयू-35एस लड़ाकू विमानों में फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन्हीं विमानों से रूस ने यूक्रेन पर क्रूज सुपरसोनिक और गाइडेड मिसाइलों से हमले किए। इन्हीं लड़ाकू विमानों से रूस, यूक्रेन के पश्चिम में दूर-दराज के इलाकों में हमले कर रहा है।
ये भी पढ़ें- South China Sea: दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी, तटरक्षक बल ने फिलीपींस के सरकारी जहाज को निशाना बनाया
अमेरिका समेत कई देशों को फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात करता है भारत
फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमाल वाणिज्यिक और लड़ाकू विमानों, दोनों के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत द्वारा अमेरिका और कई अन्य देशों को भी इन फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात किया जाता है, लेकिन यूक्रेनी थिंक टैंक का मानना है कि रूस द्वारा इन फ्यूट एडिटिव्स का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्य के लिए किया जा रहा है। यूक्रेनी थिंक टैंक के हवाले से द इंडीपेंडेंट ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने भारत से करीब 2,456 टन फ्यूल एडिटिव्स आयात किया है, जो उसके कुल आयात का करीब 49 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में उन भारतीय कंपनियों का भी जिक्र किया गया है, जो रूस को फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात करती हैं।

लड़ाकू विमानों के इंजन के प्रदर्शन को बेहतर बनाते हैं फ्यूल एडिटिव्स
यूक्रेनी थिंक टैंक 'इकॉनोमिक सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ यूक्रेन' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत, रूस के लड़ाकू विमानों के लिए फ्यूल एडिटिव्स (ईंधन योजक) का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। साल 2024 में रूस के कुल आयातित फ्यूल एडिटिव्स में से करीब आधा भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात किया गया। फ्यूल एडिटिव्स एक तरल रसायनिक तत्व होता है, जो वाणिज्यिक और सैन्य विमानों के इंजन के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए ईंधन के साथ मिलाया जाता है।
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यूक्रेनी थिंक टैंक की रिपोर्ट में दावा है कि रूस के एसयू-34 और एसयू-35एस लड़ाकू विमानों में फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन्हीं विमानों से रूस ने यूक्रेन पर क्रूज सुपरसोनिक और गाइडेड मिसाइलों से हमले किए। इन्हीं लड़ाकू विमानों से रूस, यूक्रेन के पश्चिम में दूर-दराज के इलाकों में हमले कर रहा है।
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अमेरिका समेत कई देशों को फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात करता है भारत
फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमाल वाणिज्यिक और लड़ाकू विमानों, दोनों के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत द्वारा अमेरिका और कई अन्य देशों को भी इन फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात किया जाता है, लेकिन यूक्रेनी थिंक टैंक का मानना है कि रूस द्वारा इन फ्यूट एडिटिव्स का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्य के लिए किया जा रहा है। यूक्रेनी थिंक टैंक के हवाले से द इंडीपेंडेंट ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने भारत से करीब 2,456 टन फ्यूल एडिटिव्स आयात किया है, जो उसके कुल आयात का करीब 49 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में उन भारतीय कंपनियों का भी जिक्र किया गया है, जो रूस को फ्यूल एडिटिव्स का निर्यात करती हैं।