US Nuclear Test: क्या अमेरिका फिर करेगा परमाणु परीक्षण? ट्रंप की नई योजना से मचा हड़कंप; ऊर्जा सचिव ने दी सफाई
ऊर्जा सचिव राइट ने बताया कि अमेरिका ने 1960 से लेकर 1980 के दशक तक कई परमाणु विस्फोट किए थे। उन्होंने कहा अब हमारे पास इतनी उन्नत तकनीक है कि हम बिना विस्फोट किए यह अनुमान लगा सकते हैं कि नया बम किस तरह प्रतिक्रिया देगा और उसकी क्षमता क्या होगी।
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अमेरिका में एक बार फिर परमाणु परीक्षणों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया घोषणा ने इस बहस को हवा दी, जब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर संकेत दिया कि अमेरिका 33 साल बाद अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण की प्रक्रिया फिर शुरू कर सकता है। हालांकि इस पर अब अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा है कि फिलहाल जिन परीक्षणों की बात हो रही है, उनमें वास्तविक परमाणु विस्फोट शामिल नहीं होंगे।
फॉक्स न्यूज से बातचीत में राइट ने कहा ये परीक्षण केवल सिस्टम चेक के लिए होंगे, जिन्हें हम गैर-परमाणु विस्फोट कहते हैं। इनमें असली परमाणु विस्फोट नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन परीक्षणों का उद्देश्य नए हथियारों की डिजाइन और संरचना को जांचना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं और जरूरत पड़ने पर सही ढंग से काम करें।
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ट्रंप की पोस्ट से मचा भ्रम
पिछले गुरुवार को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके बाद से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या अमेरिका 33 साल बाद फिर से परमाणु विस्फोट करेगा? ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले यह पोस्ट की थी, जिससे यह संदेश देने की कोशिश समझी जा रही थी कि अमेरिका अब चीन और रूस जैसे परमाणु शक्तियों के बराबर तैयारी कर रहा है। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या इसमें भूमिगत परमाणु परीक्षण शामिल होंगे, तो उन्होंने सीधे जवाब देने से इनकार कर दिया।
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अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में किया था परमाणु परीक्षण
ऊर्जा सचिव राइट ने बताया कि अमेरिका ने 1960 से लेकर 1980 के दशक तक कई परमाणु विस्फोट किए थे। इन परीक्षणों से अमेरिका ने बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाए थे, जिनकी मदद से अब कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए परमाणु परीक्षणों का वर्चुअल मॉडल तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा अब हमारे पास इतनी उन्नत तकनीक है कि हम बिना विस्फोट किए यह अनुमान लगा सकते हैं कि नया बम किस तरह प्रतिक्रिया देगा और उसकी क्षमता क्या होगी।
नए हथियारों पर केंद्रित होंगे परीक्षण
राइट के अनुसार, आने वाले समय में होने वाले परीक्षणों का फोकस नए परमाणु सिस्टम की जांच पर रहेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य के हथियार पुराने हथियारों से ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हों। इससे पहले भी अमेरिका कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि वह वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध का समर्थन करता है, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए तकनीकी परीक्षण करता रहेगा।
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