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US: सीनेट ने मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाने की दी मंजूरी, ट्रंप कैबिनेट के पहले सदस्य बने

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: नितिन गौतम Updated Tue, 21 Jan 2025 09:34 AM IST
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सार

मार्को रूबियो लैटिन अमेरिकी मूल के नेता हैं और साल 2011 से फ्लोरिडा से सीनेटर हैं। रूबियो को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है और यही वजह है कि उन्हें चीन ने साल 2020 में प्रतिबंधित भी कर दिया था।

US Senate confirmed Marco Rubio name as Secretary of State becomes first member of donald Trump Cabinet
मार्को रूबियो - फोटो : एक्स/व्हाइट हाउस
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अमेरिकी सीनेट ने मार्को रूबियो को देश का अगला विदेश मंत्री बनाने की मंजूरी दे दी है। सीनेट ने सर्वसम्मति से मार्को रूबियो का नाम मंजूर किया। इसके साथ ही ट्रंप की कैबिनेट में जगह पक्की करने वाले मार्को रूबियो पहले नेता बन गए हैं। सीनेट के सभी 99 सदस्यों ने रूबियो का समर्थन किया। इनमें खुद रूबियो का नाम भी शामिल है। ओहायो से सीनेटर जेडी वेंस, जो अब अमेरिका के उपराष्ट्रपति हैं, वे सीनेट से इस्तीफा दे चुके हैं। यही वजह रही कि सीनेट की एक सीट खाली है और सिर्फ 99 सदस्यों ने मतदान किया। 
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अमेरिका के 72वें विदेश मंत्री
मार्को रूबियो लैटिन अमेरिकी मूल के नेता हैं और साल 2011 से फ्लोरिडा से सीनेटर हैं। रूबियो को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है और यही वजह है कि उन्हें चीन ने साल 2020 में प्रतिबंधित भी कर दिया था। रूबियो सीनेट की खुफिया मामलों की समिति के भी सदस्य रहे हैं। लैटिन मूल के रूबियो पहले नेता हैं, जो अमेरिका के विदेश मंत्री पद तक पहुंचे हैं, साथ ही अमेरिका के 72वें विदेश मंत्री होंगे। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष जिम रीच ने रूबियो की तारीफ की और कहा कि जब अमेरिका कई चुनौतियों से जूझ रहा है और उसके दुश्मन उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, तब मार्को रूबियो का विदेश मंत्री बनना अहम है। 
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भारत समर्थक माने जाते हैं रूबियो
रूबियो ने बीते साल अमेरिकी संसद में एक विधेयक पेश किया था, जिसमें भारत को जापान, इस्राइल और नाटो सहयोगियों की तरह अमेरिका का करीबी सहयोगी बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। रूबियो ने भारत को अहम तकनीक और मदद देने की भी वकालत की थी ताकि भारत अपनी बढ़ती हुई चुनौतियों से निपट सके। इस विधेयक में रूबियो ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने का दोषी ठहराया था और आतंकवाद रोकने तक पाकिस्तान की सैन्य मदद रोकने की भी अपील की थी। विधेयक में रूबियो ने भारत को काटसा प्रतिबंध से छूट देने की भी मांग की थी ताकि भारत की रूस के हथियारों पर निर्भरता को कम किया जा सके। 
 
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