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US: ट्रंप सरकार में धड़ाधड़ रद्द हो रहे पर्यटकों से लेकर बिजनेस ट्रिप के लिए पहुंचने वालों के वीजा, जानें वजह
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 06 Nov 2025 09:20 AM IST
सार
Non-Immigrant Visas: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में गैर-अप्रवासियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, इसमें बड़े पैमाने पर वीजा रद्द करना और देश से निकाला जाना शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने मात्र 10 महीने में करीब 80 हजार लोगों के वीजा रद्द किए हैं।
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डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति
- फोटो : PTI
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विस्तार
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की तरफ से जनवरी महीने से लेकर अब तक करीब 80000 गैर-अप्रवासी वीजा रद्द किए हैं। यह जानकारी एक वरिष्ठ अमेरिकी विदेश विभाग अधिकारी ने दी। इन वीजा को रद्द करने की वजहें कई तरह की रहीं, शराब पीकर गाड़ी चलाना (डीयूआई), मारपीट और चोरी जैसी आपराधिक गतिविधियां प्रमुख कारण रहीं।
यह भी पढ़ें - US: जुलाई में पांच, फिर सात...अब आठ विमानों के मार गिराने का दावा; भारत-PAK संघर्ष का ट्रंप ने फिर लिया श्रेय
ट्रंप प्रशासन की सख्त अप्रवासन नीति के तहत कार्रवाई
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 16000 वीजा डीयूआई मामलों, 12000 मारपीट, और लगभग 8000 चोरी के मामलों में रद्द किए गए। वॉशिंगटन एग्जामिनर ने सबसे पहले यह आंकड़े प्रकाशित किए। यह कदम ट्रंप प्रशासन की सख्त अप्रवासन नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत न केवल अवैध प्रवासियों को देश से निकाला गया, बल्कि वैध वीजा धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई बढ़ाई गई।
वीजा रद्द होने की क्या हैं प्रमुख वजहें?
विदेश विभाग के अधिकारी के मुताबिक, डीयूआई, मारपीट और चोरी जैसे अपराधों ने कुल रद्द वीजाओं का लगभग आधा हिस्सा बनाया। अगस्त में एक प्रवक्ता ने बताया था कि 6000 से ज्यादा छात्र वीजा रद्द किए गए, इनमें से कई छात्रों ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया था, जबकि कुछ मामलों में आतंकवाद से जुड़े समर्थन का आरोप भी लगा। हाल ही में विभाग ने कम से कम छह लोगों के वीजा उनके सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर रद्द किए, जो कंजर्वेटिव कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या से जुड़े माने गए।
'अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ' गतिविधियां
मई में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि उन्होंने 'सैकड़ों, शायद हजारों वीजा' रद्द किए हैं, क्योंकि संबंधित लोग ऐसी गतिविधियों में शामिल थे जो अमेरिका की विदेश नीति के विरुद्ध थीं। नई नीतियों के तहत विदेश विभाग ने दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे आवेदकों से विशेष सावधानी बरतें जो राजनीतिक रूप से सक्रिय या वाशिंगटन के खिलाफ विचार रखते हैं।
यह भी पढ़ें - US: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप के वैश्विक टैरिफ पर सुनवाई, न्यायाधीशों ने कानूनी आधार पर उठाए सवाल
फलस्तीन समर्थन पर भी कार्रवाई
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि जो छात्र या ग्रीन कार्ड धारक फलस्तीन का समर्थन करते हैं या इस्राइल की कार्रवाई की आलोचना करते हैं, उन्हें भी वीजा रद्द या देश से निकाला जा सकता है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की बातें 'अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ' हैं और इन्हें हमास समर्थक रुख माना जा सकता है। इस तरह, ट्रंप शासनकाल में वीजा नीति सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक और वैचारिक कसौटी पर भी सख्त हो गई है, जिससे हजारों विदेशी छात्र, कामगार और प्रवासी प्रभावित हुए हैं।
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ट्रंप प्रशासन की सख्त अप्रवासन नीति के तहत कार्रवाई
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 16000 वीजा डीयूआई मामलों, 12000 मारपीट, और लगभग 8000 चोरी के मामलों में रद्द किए गए। वॉशिंगटन एग्जामिनर ने सबसे पहले यह आंकड़े प्रकाशित किए। यह कदम ट्रंप प्रशासन की सख्त अप्रवासन नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत न केवल अवैध प्रवासियों को देश से निकाला गया, बल्कि वैध वीजा धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई बढ़ाई गई।
वीजा रद्द होने की क्या हैं प्रमुख वजहें?
विदेश विभाग के अधिकारी के मुताबिक, डीयूआई, मारपीट और चोरी जैसे अपराधों ने कुल रद्द वीजाओं का लगभग आधा हिस्सा बनाया। अगस्त में एक प्रवक्ता ने बताया था कि 6000 से ज्यादा छात्र वीजा रद्द किए गए, इनमें से कई छात्रों ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया था, जबकि कुछ मामलों में आतंकवाद से जुड़े समर्थन का आरोप भी लगा। हाल ही में विभाग ने कम से कम छह लोगों के वीजा उनके सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर रद्द किए, जो कंजर्वेटिव कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या से जुड़े माने गए।
'अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ' गतिविधियां
मई में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि उन्होंने 'सैकड़ों, शायद हजारों वीजा' रद्द किए हैं, क्योंकि संबंधित लोग ऐसी गतिविधियों में शामिल थे जो अमेरिका की विदेश नीति के विरुद्ध थीं। नई नीतियों के तहत विदेश विभाग ने दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे आवेदकों से विशेष सावधानी बरतें जो राजनीतिक रूप से सक्रिय या वाशिंगटन के खिलाफ विचार रखते हैं।
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फलस्तीन समर्थन पर भी कार्रवाई
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि जो छात्र या ग्रीन कार्ड धारक फलस्तीन का समर्थन करते हैं या इस्राइल की कार्रवाई की आलोचना करते हैं, उन्हें भी वीजा रद्द या देश से निकाला जा सकता है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की बातें 'अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ' हैं और इन्हें हमास समर्थक रुख माना जा सकता है। इस तरह, ट्रंप शासनकाल में वीजा नीति सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक और वैचारिक कसौटी पर भी सख्त हो गई है, जिससे हजारों विदेशी छात्र, कामगार और प्रवासी प्रभावित हुए हैं।