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US: विदेश मंत्री रूबियो बोले- अधिक क्षेत्रों पर नियंत्रण चाहता है इस्लामी कट्टरपंथ, अमेरिका के लिए तत्काल खतरा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन डीसी।
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 04 Dec 2025 09:14 AM IST
सार
US: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने चेतावनी दी कि इस्लामी कट्टरपंथ दुनिया और अमेरिका के लिए तत्काल खतरा है और यह अधिक क्षेत्रों व लोगों पर नियंत्रण चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आतंकवादी गतिविधियों, हत्याओं और हिंसा के जरिये विभिन्न संस्कृतियों और समाजों पर प्रभुत्व जमाने के लिए तैयार है।
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मार्को रूबियो
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बुधवार को चेतावनी दी कि इस्लामी कट्टरपंथ का मकसद अधिक क्षेत्र और लोगों पर नियंत्रण पाना' है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के लिए 'तत्काल खतरा' है। उन्होंने कहा कि अमेरिका उन लोगों के लिए वीजा पर प्रतिबंध लगाएगा, जो नाइजीरिया और दुनियाभर के ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को समर्थन या वित्तीय मदद देते हैं।
'अधिक क्षेत्र पर नियंत्रण चाहता है इस्लामी कट्टरपंथ'
रूबियो ने फॉक्स न्यूज को साझात्कार दिया। इसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा इस्लामी कट्टरपंथ से हैं। उनके मुताबिक, ये लोग अमेरिका को धरती पर बुराई का सबसे बड़ा स्रोत मानते हैं। उन्होंने आगे कहा, कट्टरपंथी इस्लाम दिखा चुका है कि उनकी इच्छा केवल दुनिया के एक हिस्से पर कब्जा करके अपनी छोटी सी खिलाफत से खुश रहना नहीं है, वह विस्तार करना चाहता है। यह उनकी प्रकृति में क्रांतिकारी कदम है। वह विस्तार चाहता है और ज्यादा क्षेत्रों व लोगों पर नियंत्रण चाहता है।
ये भी पढ़ें: 'यूक्रेन से जंग का अंत चाहते हैं पुतिन', अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की रूसी राष्ट्रपति से बैठक पर ट्रंप का बयान
'इस्लामी कट्टरपंथ दुनिया और पश्चिम के लिए तत्काल खतरा'
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, यह दुनिया और पश्चिम के लिए, खासतौर पर अमेरिका के लिए एक स्पष्ट और तत्काल खतरा है। कट्टरपंथी आतंकवाद, हत्या और जानलेवा हमलों के लिए तैयार रहते हैं, ताकि विभिन्न संस्कृतियों और समाजों पर अपना दबदबा बना सकें। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी इस्लाम का लक्ष्य पश्चिम, अमेरिका और यूरोप हैं। रूबियो ने कहा, इस्लामी कट्टरपंथ का उद्देश्य खुलेआम पश्चिम, अमेरिका और यूरोप पर प्रभुत्व जमाना है। हमने इसमे प्रगति भी देखी है। वे आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देनेके लिए तैयार हैं। ईरान के मामले में, यह राज्य आधारित कार्रवाई, हत्याएं, जैसी चीजें हो सकती हैं। उन्होंने कहा, अपना प्रभाव बढ़ाने और आखिरकार विभिन्न संस्कृतियों व समाजों पर अपना प्रभुत्व बनाने के लिए उन्हें जो भी करना पड़े, वे करेंगे।
ईसाइयों को निशाना बनाने वालों को नहीं देंगे वीजा
इसके अलावा, रूबियो ने घोषणा की कि अमेरिका उन लोगों के लिए वीजा पर रोक लगाएगा, जो जानबूझकर ईसाइयों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार को समर्थन या वित्तीय मदद देते हैं। उन्होंने कहा कि यह नीति नाइजीरिया और अन्य देशों या व्यक्तियों पर लागू होगी, जो धार्मिक विश्वास के कारण लोगों को परेशान करते हैं। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है, क्योंकि वहां के ईसाइयों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उनके इस बयान का अमेरिका में कई दक्षिणपंथियों और ईसाई धर्मावलंबियों ने समर्थन किया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने एक दिन पहले नाइजीरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नूहू रिबादु और उनकी टीम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी बातचीत में 'देश में ईसाइयों के खिलाफ भयावह हिंसा' पर फोकस किया गया।
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'अधिक क्षेत्र पर नियंत्रण चाहता है इस्लामी कट्टरपंथ'
रूबियो ने फॉक्स न्यूज को साझात्कार दिया। इसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा इस्लामी कट्टरपंथ से हैं। उनके मुताबिक, ये लोग अमेरिका को धरती पर बुराई का सबसे बड़ा स्रोत मानते हैं। उन्होंने आगे कहा, कट्टरपंथी इस्लाम दिखा चुका है कि उनकी इच्छा केवल दुनिया के एक हिस्से पर कब्जा करके अपनी छोटी सी खिलाफत से खुश रहना नहीं है, वह विस्तार करना चाहता है। यह उनकी प्रकृति में क्रांतिकारी कदम है। वह विस्तार चाहता है और ज्यादा क्षेत्रों व लोगों पर नियंत्रण चाहता है।
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'इस्लामी कट्टरपंथ दुनिया और पश्चिम के लिए तत्काल खतरा'
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, यह दुनिया और पश्चिम के लिए, खासतौर पर अमेरिका के लिए एक स्पष्ट और तत्काल खतरा है। कट्टरपंथी आतंकवाद, हत्या और जानलेवा हमलों के लिए तैयार रहते हैं, ताकि विभिन्न संस्कृतियों और समाजों पर अपना दबदबा बना सकें। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी इस्लाम का लक्ष्य पश्चिम, अमेरिका और यूरोप हैं। रूबियो ने कहा, इस्लामी कट्टरपंथ का उद्देश्य खुलेआम पश्चिम, अमेरिका और यूरोप पर प्रभुत्व जमाना है। हमने इसमे प्रगति भी देखी है। वे आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देनेके लिए तैयार हैं। ईरान के मामले में, यह राज्य आधारित कार्रवाई, हत्याएं, जैसी चीजें हो सकती हैं। उन्होंने कहा, अपना प्रभाव बढ़ाने और आखिरकार विभिन्न संस्कृतियों व समाजों पर अपना प्रभुत्व बनाने के लिए उन्हें जो भी करना पड़े, वे करेंगे।
ईसाइयों को निशाना बनाने वालों को नहीं देंगे वीजा
इसके अलावा, रूबियो ने घोषणा की कि अमेरिका उन लोगों के लिए वीजा पर रोक लगाएगा, जो जानबूझकर ईसाइयों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार को समर्थन या वित्तीय मदद देते हैं। उन्होंने कहा कि यह नीति नाइजीरिया और अन्य देशों या व्यक्तियों पर लागू होगी, जो धार्मिक विश्वास के कारण लोगों को परेशान करते हैं। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है, क्योंकि वहां के ईसाइयों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उनके इस बयान का अमेरिका में कई दक्षिणपंथियों और ईसाई धर्मावलंबियों ने समर्थन किया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने एक दिन पहले नाइजीरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नूहू रिबादु और उनकी टीम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी बातचीत में 'देश में ईसाइयों के खिलाफ भयावह हिंसा' पर फोकस किया गया।