{"_id":"691ec74111d73b6fd107416f","slug":"washington-s-governor-declares-emergency-so-seattle-airport-will-get-fuel-despite-pipeline-leak-2025-11-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pipeline Leak: वॉशिंगटन में पाइपलाइन लीक, गवर्नर ने आपातकाल घोषित किया ताकि सिएटल एयरपोर्ट को ईंधन मिलता रहे","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Pipeline Leak: वॉशिंगटन में पाइपलाइन लीक, गवर्नर ने आपातकाल घोषित किया ताकि सिएटल एयरपोर्ट को ईंधन मिलता रहे
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:16 PM IST
सार
अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य के गवर्नर ने राज्य में आपातकाल घोषणा की है। दरअसल, एक बड़ी पाइपलाइन में रिसाव के कारण सिएटल-टकोमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक जेट ईंधन की सप्लाई रुक गई है। हवाई उड़ानें बाधित न हो, इसलिए गवर्नर बॉब फर्ग्युसन ने यह फैसला लिया है।
विज्ञापन
बॉब फर्ग्युसन, वाशिंगटन राज्य के गवर्नर
- फोटो : X @GovBobFerguson
विज्ञापन
विस्तार
वॉशिंगटन राज्य के गवर्नर बॉब फर्ग्युसन ने बुधवार को आपातकाल घोषित कर दिया है। वजह है, एक बड़ी पाइपलाइन में रिसाव, जिसकी वजह से सिएटल-टकोमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक जेट ईंधन की सप्लाई रुक गई है। अगर तुरंत अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए, तो एयरपोर्ट की उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें - US: ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल के खिलाफ चीन ने चलाया दुष्प्रचार अभियान, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
एयरपोर्ट पर ईंधन समय पर पहुंचाने के लिए फैसला
गवर्नर के आदेश के बाद अब ट्रकों की तरफ से जेट ईंधन लाने-ले जाने में ड्राइवरों के घंटों से जुड़े राज्य के नियम अस्थायी तौर पर ढीले कर दिए गए हैं। यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया गया है ताकि पर्याप्त ईंधन समय पर एयरपोर्ट पहुंचता रहे। साथ ही, सरकार ने बताया कि सुरक्षित ड्राइविंग के नियम लागू रहेंगे, ताकि कोई जोखिम न हो।
11 नवंबर को ओलंपिक पाइपलाइन में रिसाव मिला
दरअसल, 11 नवंबर को सिएटल के उत्तर में, एवरेट और स्नोहोमिश के बीच ओलंपिक पाइपलाइन में रिसाव पाया गया। पाइपलाइन ऑपरेटर बीपी पाइपलाइन्स उत्तरी अमेरिका ने राज्य और संघीय एजेंसियों को सूचना देकर साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। लेकिन यह साफ नहीं है कि पाइपलाइन कब तक पूरी तरह चालू हो पाएगी।
एयरपोर्ट के पास फिलहाल बहुत सीमित ईंधन
गवर्नर कार्यालय ने चेतावनी दी है कि अगर शनिवार तक सप्लाई बहाल नहीं हुई, तो एयरपोर्ट की गतिविधियां 'काफी प्रभावित' हो सकती हैं। एयरपोर्ट के पास फिलहाल बहुत सीमित ईंधन मौजूद है। इसी वजह से पिछले हफ्ते से आने वाली उड़ानों को कहा जा रहा है कि वे प्रस्थान स्थल पर ही टैंकों को पूरा भरकर आएं।
यह भी पढ़ें - यूक्रेन के लिए योजना बना रहा US: ट्रंप की रणनीति पर बड़ा अपडेट, शांति बहाली के लिए भेजे गए शीर्ष सैन्य अधिकारी
करीब 400 मील लंबी ओलंपिक पाइपलाइन वॉशिंगटन और ओरेगन में पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद पहुंचाने का मुख्य जरिया है। कैस्केड पर्वत के पश्चिमी हिस्से में अधिकांश ईंधन इन्हीं पाइपलाइन टर्मिनलों से वितरण होता है। फिलहाल, मरम्मत जारी है और राज्य सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है।
Trending Videos
यह भी पढ़ें - US: ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल के खिलाफ चीन ने चलाया दुष्प्रचार अभियान, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
विज्ञापन
विज्ञापन
एयरपोर्ट पर ईंधन समय पर पहुंचाने के लिए फैसला
गवर्नर के आदेश के बाद अब ट्रकों की तरफ से जेट ईंधन लाने-ले जाने में ड्राइवरों के घंटों से जुड़े राज्य के नियम अस्थायी तौर पर ढीले कर दिए गए हैं। यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया गया है ताकि पर्याप्त ईंधन समय पर एयरपोर्ट पहुंचता रहे। साथ ही, सरकार ने बताया कि सुरक्षित ड्राइविंग के नियम लागू रहेंगे, ताकि कोई जोखिम न हो।
11 नवंबर को ओलंपिक पाइपलाइन में रिसाव मिला
दरअसल, 11 नवंबर को सिएटल के उत्तर में, एवरेट और स्नोहोमिश के बीच ओलंपिक पाइपलाइन में रिसाव पाया गया। पाइपलाइन ऑपरेटर बीपी पाइपलाइन्स उत्तरी अमेरिका ने राज्य और संघीय एजेंसियों को सूचना देकर साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। लेकिन यह साफ नहीं है कि पाइपलाइन कब तक पूरी तरह चालू हो पाएगी।
एयरपोर्ट के पास फिलहाल बहुत सीमित ईंधन
गवर्नर कार्यालय ने चेतावनी दी है कि अगर शनिवार तक सप्लाई बहाल नहीं हुई, तो एयरपोर्ट की गतिविधियां 'काफी प्रभावित' हो सकती हैं। एयरपोर्ट के पास फिलहाल बहुत सीमित ईंधन मौजूद है। इसी वजह से पिछले हफ्ते से आने वाली उड़ानों को कहा जा रहा है कि वे प्रस्थान स्थल पर ही टैंकों को पूरा भरकर आएं।
यह भी पढ़ें - यूक्रेन के लिए योजना बना रहा US: ट्रंप की रणनीति पर बड़ा अपडेट, शांति बहाली के लिए भेजे गए शीर्ष सैन्य अधिकारी
करीब 400 मील लंबी ओलंपिक पाइपलाइन वॉशिंगटन और ओरेगन में पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद पहुंचाने का मुख्य जरिया है। कैस्केड पर्वत के पश्चिमी हिस्से में अधिकांश ईंधन इन्हीं पाइपलाइन टर्मिनलों से वितरण होता है। फिलहाल, मरम्मत जारी है और राज्य सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है।