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Volcano Eruption: इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट, माउंट सेमेरू पर 170 से ज्यादा पर्वतारोहियों को बचाया गया
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जकार्ता
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 20 Nov 2025 02:02 PM IST
सार
इंडोनेशिया का माउंट सेमेरू ज्वालामुखी, जिसे महामेरू भी कहा जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल ज्वालामुखी में अचानक विस्फोट हुआ है और वहां कैम्पिंग कर रहे 170 से ज्यादा पवर्तारोही फंस गए। हालांकि इंडोनेशियाई अधिकारियों ने सभी सुरक्षित निकाल लिया है।
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ज्वालामुखी विस्फोट (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर मौजूद देश के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी माउंट सेमेरू में अचानक हुए विस्फोट के बाद करीब 178 पर्वतारोही और स्थानीय लोग फंस गए थे। गुरुवार को इंडोनेशियाई अधिकारियों ने बताया कि सभी को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक ये लोग रानू कुम्बोलो नाम के कैम्पिंग एरिया में रुके हुए थे, जो खतरे के मुख्य क्षेत्र से बाहर है। हालांकि, वहां भी ज्वालामुखी की राख पहुंची और पर्वतारोहियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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सेंटर फॉर वोल्केनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल डिजास्टर मिटिगेशन के एक और अधिकारी, हेट्टी ट्राइस्टुटी ने कहा कि रानू कुम्बोलो एक सुरक्षित इलाका है जो क्रेटर से आठ किलोमीटर (5 मील) के मुख्य डेंजर जोन के बाहर है। कैंपिंग एरिया पहाड़ की उत्तरी ढलान पर है, जो दक्षिण-दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ते हुए देखे गए गर्म बादलों के रास्ते में नहीं है।
13 किमी तक फैली गरम राख, गैस और पत्थर
ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट बुधवार दोपहर से शाम तक लगातार चलता रहा। इस दौरान माउंट सेमेरू में 13 किलोमीटर तक गरम राख, गैस और पत्थर फैल गए। वहीं ज्वालामुखी विस्फोट के बाद करीब दो किलोमीटर ऊंचा धुएं का गुबार हवा में उठा। इस खतरनाक गतिविधि को देखकर वैज्ञानिकों ने अलर्ट के स्तर को सबसे ऊंचा कर दिया। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 8 किलोमीटर के खतरे क्षेत्र में कोई न जाए। बिसुक कोबोकन नदी घाटी के आसपास सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि यहीं से गरम लावा और गैसें नीचे की ओर बह रही हैं।
तीन गांवों से हजारों लोग सुरक्षित स्थान पर भेजे गए
लगभग 1,000 लोगों को तीन गांवों से एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। किसी मौत की खबर नहीं है, लेकिन राख के कारण कई गांवों में दिन में अंधेरा छा गया, सल्फर की तेज गंध महसूस हुई, और दो बाइक सवार भी इसके चपेट में आ गए हैं।
इंडोनेशिया की जियोलॉजी एजेंसी के चीफ मुहम्मद वाफिद ने कहा कि ईस्ट जावा प्रांत में माउंट सेमेरू से गर्म राख और चट्टान, लावा और गैस के मिक्सचर के जलते हुए बादल निकले, जो बुधवार दोपहर से शाम तक लगातार 13 किलोमीटर (8 मील) तक ढलानों से नीचे तक गए, जबकि गर्म बादलों का एक मोटा गुबार हवा में दो किलोमीटर (1.2 मील) ऊपर उठ गया, जिससे साइंटिस्ट्स ने ज्वालामुखी का अलर्ट सबसे ऊंचे लेवल पर बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि पाइरोक्लास्टिक डेंसिटी करंट की एक सीरीज पहाड़ की ढलानों से नीचे आई, और ज्वालामुखी मटीरियल के तेज हिमस्खलन दक्षिणी किनारे पर बेसुक कोबोकन नदी घाटी से नीचे उतरते हुए दिखाई दे रहे थे। वाफिद ने कहा, 'माउंट सेमेरू की भूकंपीय गतिविधि से पता चला कि विस्फोट ऊंचे लेवल पर जारी रहा और हिमस्खलन के सिग्नल की संख्या बढ़ रही थी।' '
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दिसंबर 2021 में माउंट सेमेरू में हुआ था बड़ा विस्फोट
माउंट सेमेरू, जिसे महामेरू भी कहा जाता है, इतिहास में कई बार फटा है। दिसंबर 2021 के बड़े विस्फोट में 51 लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर तबाह हो गए थे। इंडोनेशिया 'रिंग ऑफ फायर' क्षेत्र में मौजूद है, इसलिए यहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियां आम हैं।
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सेंटर फॉर वोल्केनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल डिजास्टर मिटिगेशन के एक और अधिकारी, हेट्टी ट्राइस्टुटी ने कहा कि रानू कुम्बोलो एक सुरक्षित इलाका है जो क्रेटर से आठ किलोमीटर (5 मील) के मुख्य डेंजर जोन के बाहर है। कैंपिंग एरिया पहाड़ की उत्तरी ढलान पर है, जो दक्षिण-दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ते हुए देखे गए गर्म बादलों के रास्ते में नहीं है।
13 किमी तक फैली गरम राख, गैस और पत्थर
ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट बुधवार दोपहर से शाम तक लगातार चलता रहा। इस दौरान माउंट सेमेरू में 13 किलोमीटर तक गरम राख, गैस और पत्थर फैल गए। वहीं ज्वालामुखी विस्फोट के बाद करीब दो किलोमीटर ऊंचा धुएं का गुबार हवा में उठा। इस खतरनाक गतिविधि को देखकर वैज्ञानिकों ने अलर्ट के स्तर को सबसे ऊंचा कर दिया। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 8 किलोमीटर के खतरे क्षेत्र में कोई न जाए। बिसुक कोबोकन नदी घाटी के आसपास सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि यहीं से गरम लावा और गैसें नीचे की ओर बह रही हैं।
तीन गांवों से हजारों लोग सुरक्षित स्थान पर भेजे गए
लगभग 1,000 लोगों को तीन गांवों से एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। किसी मौत की खबर नहीं है, लेकिन राख के कारण कई गांवों में दिन में अंधेरा छा गया, सल्फर की तेज गंध महसूस हुई, और दो बाइक सवार भी इसके चपेट में आ गए हैं।
इंडोनेशिया की जियोलॉजी एजेंसी के चीफ मुहम्मद वाफिद ने कहा कि ईस्ट जावा प्रांत में माउंट सेमेरू से गर्म राख और चट्टान, लावा और गैस के मिक्सचर के जलते हुए बादल निकले, जो बुधवार दोपहर से शाम तक लगातार 13 किलोमीटर (8 मील) तक ढलानों से नीचे तक गए, जबकि गर्म बादलों का एक मोटा गुबार हवा में दो किलोमीटर (1.2 मील) ऊपर उठ गया, जिससे साइंटिस्ट्स ने ज्वालामुखी का अलर्ट सबसे ऊंचे लेवल पर बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि पाइरोक्लास्टिक डेंसिटी करंट की एक सीरीज पहाड़ की ढलानों से नीचे आई, और ज्वालामुखी मटीरियल के तेज हिमस्खलन दक्षिणी किनारे पर बेसुक कोबोकन नदी घाटी से नीचे उतरते हुए दिखाई दे रहे थे। वाफिद ने कहा, 'माउंट सेमेरू की भूकंपीय गतिविधि से पता चला कि विस्फोट ऊंचे लेवल पर जारी रहा और हिमस्खलन के सिग्नल की संख्या बढ़ रही थी।' '
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दिसंबर 2021 में माउंट सेमेरू में हुआ था बड़ा विस्फोट
माउंट सेमेरू, जिसे महामेरू भी कहा जाता है, इतिहास में कई बार फटा है। दिसंबर 2021 के बड़े विस्फोट में 51 लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर तबाह हो गए थे। इंडोनेशिया 'रिंग ऑफ फायर' क्षेत्र में मौजूद है, इसलिए यहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियां आम हैं।