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दुनिया के लिए मनहूस रहा साल 2020, लेकिन वियतनाम के लिए रहा शानदार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हनोई Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 23 Dec 2020 03:38 PM IST
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सार

  • वियतनाम में कोविड-19 के केवल 1400 मामले ही आए, खुद को बचाने में रहा कामयाब
  • सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अब अगले मुकाम हासिल करने की तैयारी में जुटी, 13वां महाधिवेशन जनवरी में

Year 2020 was good for Vietnam, Ruling Communist Party preparing Celebrate its 13th National Congress in January 2021
Vietnam president Nguyen Phu Trong - फोटो : Agency (File Photo)
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विस्तार
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वियतनाम के लिए अगला साल बेहद अहम होगा। इस समय यहां की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी 13वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (महाधिवेशन) की तैयारियों में व्यस्त है। महाधिवेशन जनवरी में होना तय है। वियतनाम के लिए कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे अहम राजनीतिक घटना होती है। इस बार इस महाधिवेशन पर दुनिया की निगाहें हैं, क्योंकि बीत रहे साल यानी 2020 में वियतनाम की एक खास कामयाबी ने सारी दुनिया का ध्यान खींचा। दुनिया में ऐसे बहुत कम देश हैं, जिनके लिए 2020 को सफलता का साल माना गया है।  

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वियतनाम की इस साल एक खास कामयाबी कोरोना महामारी से लगभग बेदाग बच निकलने की रही। गुजरे आठ महीनों में यहां कोविड-19 के संक्रमण के लगभग 1,400 मामले ही सामने आए। जहां इंडोनेशिया, फिलीपींस और यहां तक कि जापान जैसे देश में इस महामारी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ, वियतनाम वासियों के लिए यह वर्ष एक सामान्य वर्ष रहा।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वियतनाम की एक उपलब्धि रही दक्षिण पूर्व एशिया के दस देशों के संगठन आसियान का अध्यक्ष बनना। यह मौका उसे पहली बार मिला है। आसियान के वर्चुअल शिखर सम्मेलन के कुछ ही रोज बाद वियतनाम क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल हुआ। विश्व के इस सबसे बड़े मुक्त व्यापार समझौते का हिस्सा बनने से वियतनाम में विकास की रफ्तार तेज होने की संभावना जताई गई है।

कम्युनिस्ट पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 13वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में देश की युवा आबादी को शामिल करते हुए तीव्र आर्थिक विकास की रूपरेखा को मंजूरी दी जाएगी। लगभग दस करोड़ आबादी वाला यह देश अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना चाहता है। कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस हर पांच साल पर होती है। इसमें नए नेतृत्व का चुनाव होता है। साथ ही नए आर्थिक लक्ष्य तय किए जाते हैं।

कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव न्गुयन फू त्रोंग ने पिछले दिनों दावा किया कि जनवरी 2016 में हुई पिछली राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद देश ने प्रगति के महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। वियतनाम में सत्ता की असली कमान कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के हाथ में ही रहती है। 76 वर्षीय त्रोंग देश के राष्ट्रपति और केंद्रीय सैनिक आयोग के महासचिव भी हैं। उन्होंने कहा कि वियतनाम की अर्थव्यवस्था स्थिर है। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में सफलता और पार्टी संगठन में फेरबदल के कारण अब वियतनाम सरकार अपनी जनता का ज्यादा भरोसा हासिल करने में कामयाब रही है।  

वेबसाइट निक्कई-एशिया के मुताबिक इस साल अमेरिका और चीन के बीच तेज हुए व्यापार युद्ध का लाभ वियतनाम को मिला है। 2016 के बाद यहां कारोबारी माहौल सुधारने की नीति अपनाई गई थी। इससे प्रोत्साहित निवेशक यहां पहले से अपना निवेश बढ़ा रहे थे। चीन से जिन कंपनियों ने अपना कारोबार हटाने का फैसला किया, उनके लिए वियतनाम स्वाभाविक नया मुकाम बना है। इस साल दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे तेज आर्थिक विकास दर वियतनाम ने ही हासिल की है। अब उम्मीद की जा रही है कि अगली पार्टी कांग्रेस देश के लिए उसी तरह का एक अहम मोड़ साबित होगी, जैसी 1986 और 2006 में हुई कांग्रेस हुई थी।

कम्युनिस्ट पार्टी ने 1986 में अपनी छठी कांग्रेस के दौरान दोइ मोई (सुधार और दुनिया के लिए दरवाजे खोलने) की नीति अपनाई थी। इससे वियतनाम के विकास को तेज रफ्तार मिली। इसी कांग्रेस में तय हुई नीति का पालन करते हुए वियतनाम ने 1991 में चीन के साथ अपने संबंध सामान्य कर लिए, जिसके साथ 1979 में उसका युद्ध हुआ था। 1995 में वियतनाम ने अपने पूर्व दुश्मन अमेरिका से रिश्ते सामान्य कर लिए। उसी वर्ष वह आसियान में शामिल हो गया।

पार्टी की 2006 में हुई दसवीं कांग्रेस में वियतनाम को विश्व व्यापार संगठन में शामिल करने का फैसला किया गया। उसी नीति के परिणामस्वरूप 2009 में सैमसंग कंपनी ने विश्व बाजार के लिए अपना स्मार्टफोन बनाने का कारखाना वियतनाम में खोला। यहां से आर्थिक विकास की आगे बढ़ा वियतनाम का सफर लगतार नए मुकाम हासिल करता गया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि 2020 में नोमिनल जीडीपी (मुद्रास्फीति को बिना एडजस्ट किए सकल घरेलू उत्पाद) के मामले में वियतनाम सिंगापुर और मलेशिया से आगे निकल जाएगा। अमेरिकी शुल्कों से बचने के लिए विदेशी कंपनियां चीन की जगह अब वियतनाम में भारी निवेश कर रही हैं। इससे अर्थव्यवस्था को और बल मिलने का अनुमान है।

इस साल जून तक के 12 महीनों में अमेरिका से वियतनाम का व्यापार मुनाफा 58 अरब डॉलर तक बढ़ गया। इस मामले में अब वह सिर्फ चीन और मेक्सिको से पीछे है। उसकी इसी कामयाबियों के कारण पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वियतनाम को मुद्रा से हेरफेर करने वाले (करेंसी मैनुपुलेटर) देश की सूची में डाल दिया। लेकिन वियतनाम को आशा है कि जो बाइडन प्रशासन इससे अलग नीति अपनाएगा और उसके विकास में सहायक बनेगा।

दुनिया में तमाम बदलावों के बावजूद वियतनाम में कम्युनिस्ट पार्टी का एकछत्र राज बना हुआ है। लेकिन हाल में मीडिया को कंट्रोल करने को लेकर वियतनाम सरकार की कई हलकों से आलोचना हुई है। सोशल मीडिया के विस्तार और वियतनामियों के बाकी दुनिया से बढ़ते संपर्कों के बीच ये सवाल लगातार पूछा जाता है कि आखिर कम्युनिस्ट पार्टी अपना दबदबा कब तक कायम रख पाएगी। यहां अनुमान लगाया जा रहा है कि 13वीं कांग्रेस में इस चुनौती का जवाब ढूंढना भी पार्टी का एक प्रमुख एजेंडा होगा।

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