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Budh Gochar 2025: बुध का कन्या राशि में परिवर्तन, जानें तुला राशि वालों पर प्रभाव
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 14 Sep 2025 11:22 AM IST
सार
Budh Gochar 2025: तुला राशि के लिए बुध का कन्या राशि में गोचर मिला जुला साबित होगा। इस दौरान आपको लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। तुला राशि के जातकों के लिए बुधदेव नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं।
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बुध का गोचर और तुला राशि में प्रभाव
- फोटो : अमर उजाला
Budh Gochar 2025: बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध 15 सितंबर को राशि परिवर्तन करेंगे। बुध का यह राशि परिवर्तन सुबह 10 बजकर 58 मिनट सिंह राशि से कन्या राशि में होगा। कन्या राशि बुध की अपनी स्व राशि होती है। जिसके चलते भद्र नाम का राजयोग भी इस राशि परिवर्तन के कारण बनेगा। वैदिक ज्योतिष में बुध को व्यापार, बुद्धि, गणित, तर्कशास्त्र, वाणी और तार्किक क्षमका का कारक ग्रह माना जाता है। बुध 15 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर सिंह राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

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Budh Gochar
- फोटो : अमर उजाला
बुध के गोचर करने से विशेष रूप से शेयर मार्केट पर प्रभाव देखने को मिलता है। बुधदेव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। यह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है उनकी बुद्धि बहुत ही तेज होती है और ऐसे लोग बातों में बहुत ही निपुण होते हैं। बुध के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं बुध के राशि परिवर्तन से तुला राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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Budh Gochar 2025
- फोटो : अमर उजाला
बुध के गोचर का तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि के लिए बुध का कन्या राशि में गोचर मिला जुला साबित होगा। इस दौरान आपको लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। तुला राशि के जातकों के लिए बुधदेव नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। 15 सितंबर को बुध का कन्या राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। ऐसे में आपके धन खर्च बढ़ सकते हैं। इस दौरान आपको छोटी-मोटी यात्राओं का सिलसिला भी जारी रहेगा। भाग्य का साथ कम मिलेगा जिससे अवसरों का अच्छा लाभ आपको नहीं मिल पाएगा। करियर कारोबार में आपके लिए मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। कामकाज को लेकर आपके मन में संतुष्टि का भाव रहेगा। इस दौरान आपकी रणनीति में बदलाव देखने को मिलेगा। धन के मामलों में आपको अधिक सतर्क रहना होगा। वैवाहिक जीवन में आपका अच्छा तालमेल रहेगा।
तुला राशि के लिए बुध का कन्या राशि में गोचर मिला जुला साबित होगा। इस दौरान आपको लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। तुला राशि के जातकों के लिए बुधदेव नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। 15 सितंबर को बुध का कन्या राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। ऐसे में आपके धन खर्च बढ़ सकते हैं। इस दौरान आपको छोटी-मोटी यात्राओं का सिलसिला भी जारी रहेगा। भाग्य का साथ कम मिलेगा जिससे अवसरों का अच्छा लाभ आपको नहीं मिल पाएगा। करियर कारोबार में आपके लिए मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। कामकाज को लेकर आपके मन में संतुष्टि का भाव रहेगा। इस दौरान आपकी रणनीति में बदलाव देखने को मिलेगा। धन के मामलों में आपको अधिक सतर्क रहना होगा। वैवाहिक जीवन में आपका अच्छा तालमेल रहेगा।
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Budh Gochar 2025
- फोटो : freepik
ज्योतिष में बुध ग्रह
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
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