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Budh Gochar 2025: बुध का वृश्चिक राशि में परिवर्तन, जानें सिंह राशि वालों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव ?
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Mon, 15 Dec 2025 03:17 PM IST
सार
Budh Gochar 2025: बुध ग्रह के वृश्चिक राशि में गोचर करने से आइए जानते हैं सिंह राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Budh Gochar 2025: 6 दिसंबर 2025 को बुध वृश्चिक राशि में गोचरस्थ हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संवाद और व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है। वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध अब मंगल के स्वामित्व वाली राशि वृश्चिक में प्रवेश कर चुके हैं। बुध को मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है और ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और कौशल का ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संवाद, व्यापार, वाणी और तर्कशास्त्र कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता, निर्णय और तर्कशक्ति को नियंत्रित किया जाता है। बुध ग्रह के कुंडली में बली होने पर व्यक्ति बहुत बुद्धिमान, समझदार और व्यापार में सफल होता है वहीं बुध के कमजोर होने पर व्यक्ति भ्रमित, गलत निर्णय, संवादहीनता और व्यापार में नुकसान करने वाला होता है। बुध जल्दी-जल्दी राशि बदलने वाले ग्रह हैं। इस माह बुध 6 दिसंबर 2025 को मंगल के स्वामित्व वाली राशि वृश्चिक में गोचर कर चुके हैं। आइए जानते हैं बुध के गोचर करने से सिंह राशि वालों पर कैसा असर देखने को मिलेगा।
सिंह राशि पर बुध गोचर का प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके चौथे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बुध ग्रह के वृश्चिक राशि में गोचर करने से आपको प्रगति के अवसर मिल सकता है। शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। करियर के क्षेत्र में आपको कोई शानदार अवसर उपलब्धि हासिल हो सकती है। जिन लोगों का कोई कारोबार हैं उनको अच्छा मुनाफा होने के प्रबल योग हैं। निजी जीवन में इस दौरान कोई शुभ आयोजन किया जा सकता है। सेहत के मामले में आपके लिए खुद को फिट रखने में आपको कामयाबी मिलेगी।
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ज्योतिष में बुध ग्रह
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर बुध ग्रह शुक्र,गुरु और बली चंद्रमा के साथ हों तो अच्छे फल प्रदान करते हैं। वहीं पापी ग्रहों के साथ होने पर जैसे राहु-केतु, शनि, सूर्य और मंगल तो अशुभ फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय
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सिंह राशि पर बुध गोचर का प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके चौथे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बुध ग्रह के वृश्चिक राशि में गोचर करने से आपको प्रगति के अवसर मिल सकता है। शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। करियर के क्षेत्र में आपको कोई शानदार अवसर उपलब्धि हासिल हो सकती है। जिन लोगों का कोई कारोबार हैं उनको अच्छा मुनाफा होने के प्रबल योग हैं। निजी जीवन में इस दौरान कोई शुभ आयोजन किया जा सकता है। सेहत के मामले में आपके लिए खुद को फिट रखने में आपको कामयाबी मिलेगी।
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ज्योतिष में बुध ग्रह
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर बुध ग्रह शुक्र,गुरु और बली चंद्रमा के साथ हों तो अच्छे फल प्रदान करते हैं। वहीं पापी ग्रहों के साथ होने पर जैसे राहु-केतु, शनि, सूर्य और मंगल तो अशुभ फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय
- बुधवार को भगवान गणेश को 11 मोदक का भोग लगाएं।
- बुधवार के व्रत रखें।
- बुधवार के दिन हरि चूड़ियों का दान करें।
- रोजाना आप बुध स्तोत्र का पाठ करें।
- बुध ग्रह से जुड़े मंत्रों का 108 बार जाप करें।
- यदि संभव हो, तो आप पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।
- बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें।
- रोजाना तुलसी को जल चढ़ाएं।
- बुधवार के दिन गाय को घास खिलाएं।
- हरी मूंग की दाल का दान करें।
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