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Kharmas 2025: 16 दिसंबर से लगेगा खरमास, मांगलिक कार्यों पर रहेगा विराम, जानें फिर कब होगी शुरुआत

ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी Published by: ज्योति मेहरा Updated Mon, 15 Dec 2025 11:43 AM IST
सार

Kharmas 2025: जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तभी से खरमास की शुरुआत होती है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की ऊर्जा कम हो जाती है, इसके चलते इस अवधि में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। आइए जानते हैं शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत कब से होगी।

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kharmas 2025 - फोटो : Amar Ujala

Kharmas 2025: भगवान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास लग जाता है। 16 दिसंबर 2025 को प्रातः काल 04 बजकर 26 मिनट पर भगवान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास लग जाएगा। खरमास की अवधि पूरे एक महीने की होगी। 14 जनवरी 2026 मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की अवधि समाप्त होगी। खरमास का प्रारंभ 16 दिसंबर मंगलवार को प्रातः काल 4 बजकर 26 मिनट पर भगवान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही आरंभ हो रहा है। इससे आगामी 14 जनवरी तक के लिए मांगलिक कार्य थम जाएंगे।



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खरमास 2025 - फोटो : Adobe Stock

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तभी से खरमास की शुरुआत होती है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की ऊर्जा कम हो जाती है, इसके चलते इस अवधि में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि, शुभ मांगलिक कार्यों पर लगी रोक 1 फरवरी को हटेगी। 12 दिसंबर 2025 को शुक्र ग्रह अस्त हो चुके हैं। शुक्र को प्रेम, दांपत्य सुख और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है।

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शुक्र के अस्त होने पर नहीं किए जाते शुभ कार्य - फोटो : Adobe Stock

शुक्र के अस्त होने पर नहीं किए जाते शुभ कार्य
शुक्र के अस्त होने के कारण शादियों के शुभ मुहूर्त नहीं माने जाते हैं। इस तरह से 12 दिसंबर से ही विवाह समारोहों पर रोक लग चुकी है, जो आगे आने वाले समय तक बनी रहेगी। शुक्र को विवाह, प्रेम, सौंदर्य, दांपत्य जीवन और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। जब शुक्र अस्त होता है, तब उसकी शुभ ऊर्जा क्षीण मान ली जाती है। इसी कारण विवाह, सगाई, उपनयन और नए दांपत्य जीवन की शुरुआत रोक दी जाती है।

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52 दिनों तक अस्त रहेंगे शुक्र  - फोटो : adobe stock

52 दिनों तक अस्त रहेंगे शुक्र 
खरमास 14 जनवरी 2026 को दिन में 3 बजकर 13 मिनट पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही समाप्त हो जाएगा। इस बार विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि शुक्र ग्रह 52 दिनों तक अस्त रहेंगे और 1 फरवरी 2026 को फिर से उदय होंगे । इसके तीन दिन बाद शुभ कार्य शुरू होंगे।

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क्या होता है खरमास? - फोटो : Adobe Stock

क्या होता है खरमास?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब नवग्रहों के राजा सूर्य, देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु राशि में गोचर करते हैं, तो यह अवधि खरमास कहलाती है। हिंदू धर्म में खरमास में कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। भगवान सूर्य जब देवगुरु बृहस्पति के घर में आते हैं तो वो अपना तेज कम कर देते हैं। साथ ही इस दौरान बृहस्पति ग्रह की शुभता कम हो जाती है। भगवान सूर्य के तेज कम होने और देवगुरु बृहस्पति की शुभता का प्रभाव कम होने के वजह से ही खरमास में विवाह, सगाई,यज्ञोपवीत, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं कराए जाते हैं।

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