सुख-समृद्धि के लिए वास्तु में कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन मकान हो या दुकान हमें अवश्य करना चाहिए। यदि आप कोई कारखाना या फैक्ट्री का निर्माण करने जा रहे हैं तो वास्तु के नियमों का विशेष ख्याल रखें अन्यथा इसकी अनदेखी के कारण आपको तमाम तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। फैक्ट्री बनाने के बाद आपको उससे धन लाभ हो, इसके लिए किन वास्तु नियमों पर ध्यान देना जरूरी है, जानने के लिए आगे की स्लाइड क्लिक करें —
Factory Vastu Tips : अगर फैक्ट्री में हो रहे घाटे से हैं परेशान तो जरूर करें वास्तु का यह महाउपाय
शुभ रहेगा सिंहमुखी भूखंड
फैक्ट्री का निर्माण आर्थिक समृद्धि के लिए किया जाता है, अतः इसके लिए सिंहमुखी ज़मीन (जिसका आगे का भाग चौड़ा हो और पीछे की तरफ चलने पर सकरा होता जाए) अत्यंत लाभप्रद मानी जाती है।
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ऐसी हो बाउंड्री की दीवार
फैक्ट्री जिस भूखंड पर लगाईं जाए उसकी बाउंड्री वाल या फिर कहें चाहरदीवारी पश्चिम एवं दक्षिण की तुलना में पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ नीची एवं अपेक्षाकृत हल्की होनी चाहिए।
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गेट बनवाते समय रखें इस बात का ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार फैक्ट्री की भूमि के पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर मुख्यद्वार रखना चाहिए। वहीं छोटा द्वार उत्तर-पश्चिम में रखा जा सकता है। यदि मुख्य द्वार पूर्व में है, तो संतरी की कोठरी फाटक के दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। यदि द्वार उत्तर की और है, तो संतरी की कोठरी फाटक के उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए।
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ऐसा होना चाहिए ईशान कोण
भूखंड का ईशान कोण कभी भी कटा हुआ नहीं होना चाहिए। वास्तु में इसको अशुभ माना गया है और न ही वहां किसी भी तरह का भारी-भरकम सामान रखा होना चाहिए।पानी की व्यवस्था जैसे बोरिंग या अंडरग्राउंड टैंक ईशान कोण में बनाना लाभप्रद रहता है, परंतु ओवरहैड पानी की टंकी सदैव नैऋत्य कोण में ही रखना उपयुक्त है।
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