Vastu Tips For Roti: रसोई को मां अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है, इसलिए रसोई में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है। वास्तु शास्त्र में आटा गूथने से लेकर रोटी बनाने तक कई वास्तु उपाय बताए गए हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में धन-धान्य और समृद्धि बनी रहे। हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है, रोटी बनाते समय भी कुछ खास वास्तु टिप्स का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है, ताकि घर का वातावरण सकारात्मक रहे और वास्तु दोष से बचा जा सके।
Vastu Tips: रोटियां गिनकर बनाना या परोसना पड़ सकता है भारी, भूलकर भी न करें ये गलतियां
Roti Vastu Niyam: रसोई में रोटी बनाते समय ध्यान रखने वाली छोटी-छोटी बातों से हम न सिर्फ अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं, बल्कि घर में सुख और समृद्धि का वास भी सुनिश्चित कर सकते हैं। आइए जानते हैं, रोटी बनाते वक्त और खिलाते समय किन-किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
हमेशा ताजा आटा गूंथकर ही रोटी बनाएं और बचे हुए आटे को अगले दिन न इस्तेमाल करें। वास्तु के अनुसार, बासी आटे का संबंध राहु से जोड़ा जाता है और इसका उपयोग घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा बासी आटे की रोटी घर में कलह और धन की कमी का कारण बन सकती है।
चूल्हे की सही दिशा
वास्तु के अनुसार, रसोई में चूल्हे का स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि यह अग्नि देव की दिशा मानी जाती है। रोटी बनाते समय व्यक्ति का चेहरा पूर्व दिशा में होना चाहिए ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहे।
रात के समय रोटी बनाने के बाद तवे को कभी भी जूठा छोड़कर न रखें। वास्तु के अनुसार, तवा राहु का प्रतीक होता है और इसे बिना धोए छोड़ने से घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है। रात में तवे को अच्छे से साफ करके सूखे स्थान पर रखें।
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रोटी बनाने के बाद चकला-बेलन को हमेशा साफ और सही स्थान पर रखें। वास्तु के अनुसार, गंदे चकला-बेलन से घर में दरिद्रता और नकारात्मकता का प्रवेश हो सकता है। यदि चकला-बेलन से रोटी बनाने में आवाज आ रही हो, तो उसके नीचे एक कपड़ा रखकर रोटी बनाएं। इससे घर में लक्ष्मी माता का आशीर्वाद और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
पहली और आखिरी रोटी का महत्व
वास्तु के अनुसार, पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए निकालनी चाहिए। ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यदि गाय उपलब्ध न हो तो आप पहली रोटी किसी जरूरतमंद को भी दे सकते हैं।
रोटी का संबंध सूर्य देव से होता है। वास्तु के अनुसार, जब हम रोटी गिनकर बनाते हैं, तो यह सूर्य देव का अपमान माना जाता है, जो घर में धन और सुख-शांति की कमी ला सकता है। इसके अलावा, इससे घर के सदस्यों को नौकरी या व्यापार में नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, रोटियां गिनने के बजाय जरूरत से थोड़ी अधिक बनाएं ताकि कोई भी अचानक घर पर आ जाए तो वह भूखा न जाए।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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