ड्राइविंग लाइसेंस देने से पहले ट्रक ड्राइवरों को ट्रेनिंग देगी सरकार, खोलेगी 2 लाख स्किल सेंटर्स
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने पहल की है कि भारी वाहनों यानी हैवी मोटर लाइसेंस या कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए अनिवार्य न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की खत्म कर दिया जाए। वहीं मंत्रालय अब ड्राइवरों की ट्रेनिंग और उनके स्किल्स बढ़ाने पर फोकस करना चाहता है। अभी भारी वाहन चलाने वाले ड्राइवरों का 8वीं पास होना जरूरी है।
शिक्षा से ज्यादा कुशलता की जरूरत
मंत्रालय के मुताबिक ड्राइविंग के लिए शिक्षा से ज्यादा कुशलता की जरूरत होती है। वहीं इस फैसले से बेरोजगार लोगों को फायदा होगा। सरकार केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 8 में संशोधन करने का फैसला करने जा रही है। मौजूदा नियम के मुताबिक फिलहाल 8वीं पास करना जरूरी होती है।
2 लाख से ज्यादा स्किल सेंटर
मंत्रालय के मुताबिक सरकार ट्रक डाइवरों को ट्रेनिंग देने के लिए देशभर में 2 लाख से ज्यादा स्किल सेंटर भी खोलेगी। इन सेंटरों में मोटर व्हीकल एक्ट 1998 के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाएगी। जहां उन्हें रोड साइन को पढ़ने के साथ दूसरी लॉजिस्टिकल ड्यूटी निभाना भी सिखाया जाएगा।
कड़ा स्किल टेस्ट पास करना अनिवार्य
इनमें ड्राइवर लॉग का रखरखाव, ट्रक और ट्रेलरों की जांच, प्री-ट्रिप और पोस्ट ट्रिप के रिकॉर्ड का रखरखाव, सुरक्षा खतरों की रिपोर्ट करने के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई और कम्यूनिकेशन स्किल्स के साथ पेपर वर्क की गलतियों में सुधार सिखाया जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वाले हर व्यक्ति के लिए कड़ा स्किल टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा।
हरियाणा सरकार ने किया था अनुरोध
हाल ही में हरियाणा सरकार के साथ बैठक में राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े मेवात क्षेत्र के ड्राइवरों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त को समाप्त करने का अनुरोध किया था, जहां ड्राइविंग के जरिए लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं।
22 लाख ड्राइवरों की जरूरत
मंत्रालय का कहना है कि के इस फैसले से बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे। साथ ही, इस फैसले से ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 22 लाख ड्राइवरों की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।