MACT: सड़क हादसे के दो साल बाद बढ़ई की मौत, एमएसीटी ने चालक को ठहराया जिम्मेदार, कहा- 31 लाख रुपये मुआवजा दें
MACT: ठाणे एमएसीटी ने एक बढ़ई की मौत के बाद उनके परिजनों को 31 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने कार चालक को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया।
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महाराष्ट्र के ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए सड़क हादसे में पीड़ित बढ़ई के परिवार को 31 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने इस मामले में कार चालक को पूर्ण रुप से लापरवाह ठहराया और बीमा कंपनी व वाहन मालिक को संयुक्त रूप से भुगतान करने के निर्देश दिए।
ठाणे के उपवन-गांधीनगर रोड पर पेशे से बढ़ई मनोज कुमार श्यामनारायण शर्मा 14 अगस्त 2018 को पैदल चल रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रही तेज रफ्तार कार चालक ने नियंत्रण खाे दिया और शर्मा समेत दो महिलाओं व कई मोटरसाइकिलों को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और दो साल बाद 24 दिसंबर 2020 को उनकी मौत हो गई।
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मूल रूप से यूपी के गाजीपुर निवासी शर्मा की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी, दो बेटे व बुजुर्ग माता-पिता ने एमएसीटी में न्याय की गुहार लगाई। वकील एसएम पवार ने ट्रिब्यूनल को बताया कि यह दुर्घटना चालक की लापरवाही से हुई थी और तकनीकी खराबी की दलील निराधार है। एमएसीटी सदस्य आरवी मोहिते ने अपने फैसले में कहा कि यह हादसा चालक की पूर्ण लापरवाही से हुआ है। तकनीकी खराबी का कोई ठोस सबूत नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि हैंड ब्रेक की तकनीकी खराबी से कार अनियंत्रित हुई थी। आदेश में कहा गया कि ड्राइविंग के दौरान हैंड ब्रेक हटाना मानक प्रक्रिया नहीं है और ऐसी स्थिति में चालक को कानूनी जिम्मेदारी से नहीं बख्शा जा सकता।
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मुआवजे का बंटवारा
ट्रिब्यूनल ने मेडिकल दस्तावेजों को स्वीकार करते हुए यह माना कि शर्मा लंबे इलाज और पैराप्लेजिया (रीढ़ की हड्डी के पक्षाघात) से पीड़ित थे। इस आधार पर 31 लाख पांच हजार 235 रुपये का मुआवजा नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। इस राशि में मृतक की पत्नी को दस लाख पांच हजार 235 रुपये (जिसमें 3 लाख रुपये सावधि (एफडी) जमा में) को दिए जाएंगे। दो लाख रुपये प्रत्येक माता व पिता को और दोनों बेटे को 8.5 लाख-8.5 लाख रुपये (वयस्कता तक सावधि (एफडी) जमा में) दिए जाएंगे।