Bike Taxi: कर्नाटक में बाइक टैक्सी विवाद पर हाईकोर्ट ने सुनवाई टाली, 15 अक्तूबर को होगा फैसला
कर्नाटक हाईकोर्ट में बाइक टैक्सी विवाद पर सुनवाई अब 15 अक्टूबर को होगी। ओला, उबर और रैपिडो ने सरकार के आदेश को चुनौती दी है। जानें पूरी खबर।
विस्तार
कर्नाटक हाईकोर्ट में सोमवार को रैपिडो, उबर और ओला जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की अपीलों पर सुनवाई हुई। ये अपीलें उस सिंगल जज बेंच के आदेश को चुनौती देती हैं, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार जब तक मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गाइडलाइन और नियम नहीं बनाती, तब तक बाइक टैक्सियां कर्नाटक में नहीं चल सकतीं।
हाईकोर्ट ने क्या कहा ?
हाईकोर्ट ने साफ कहा, “हमने सरकार को एक महीने का समय दिया था कि वह पॉलिसी लेकर आए। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। अब हम 15 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे और कोशिश करेंगे कि उसी दिन फैसला हो।”
सरकार का क्या है पक्ष ?
राज्य सरकार का कहना है कि बिना नियम और सुरक्षा मानकों के बाइक टैक्सी सेवाएं सुरक्षित नहीं हैं। इन सेवाओं को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नियंत्रित करने की जरूरत है। यात्रियों और सड़क पर चलने वालों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कैब एग्रीगेटर कंपनियों की दलीलें
दूसरी ओर, कंपनियों ने अदालत में कहा कि बाइक टैक्सी सेवाएं सस्ती और तेज परिवहन सुविधा देती हैं। इससे रोजगार के नए अवसर मिलते हैं और हजारों लोगों की आय सीधे हमसे जुड़ी है। सरकार को नियम बनाकर इन सेवाओं को वैध करना चाहिए।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें 15 अक्तूबर पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि अदालत इस दिन कंपनियों को अंतरिम राहत दे सकती है और सरकार को स्पष्ट नीति लाने का आदेश दे सकती है। अगर कोर्ट ने कंपनियों के पक्ष में फैसला दिया तो यह फैसला न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए बड़ा रास्ता खोल सकता है।