{"_id":"683e59985f7361ed780d25e9","slug":"ev-policy-companies-should-have-a-minimum-revenue-of-rs-10-000-crore-to-avail-manufacturing-incentives-2025-06-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"EV में विदेशी निवेश को बढ़ावा: सरकार ने घटाया आयात कर, 10000 करोड़ के वैश्विक राजस्व वाली कंपनियां होंगी पात्र","category":{"title":"Auto News","title_hn":"ऑटो न्यूज़","slug":"auto-news"}}
EV में विदेशी निवेश को बढ़ावा: सरकार ने घटाया आयात कर, 10000 करोड़ के वैश्विक राजस्व वाली कंपनियां होंगी पात्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शुभम कुमार
Updated Tue, 03 Jun 2025 07:40 AM IST
विज्ञापन
सार
सरकार ने घरेलू ईवी निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति अधिसूचित की। विदेशी कंपनियों को भारी निवेश पर आयात कर में छूट मिलेगी, पात्रता के लिए 10,000 करोड़ का वैश्विक राजस्व और 3,000 करोड़ का संपत्ति निवेश जरूरी।

निवेश
- फोटो : Istock
विज्ञापन
विस्तार
सरकार ने घरेलू ईवी उत्पादन में निवेश करने वाले विदेशी वाहन निर्माताओं के लिए आयात कर में भारी कमी करने का फैसला लिया है। ईवी की नई नीति को सोमवार को अधिसूचित कर दिया। योजना के तहत योग्यता और लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास ऑटोमोटिव विनिर्माण से न्यूनतम 10,000 करोड़ रुपये का वैश्विक समूह राजस्व होना आवश्यक है।
नई नीति के तहत आवेदन दाखिल करते समय वार्षिक वित्तीय विवरणों के आधार पर किसी कंपनी या उसके समूह की कंपनियों का अचल संपत्तियों में वैश्विक निवेश कम से कम 3,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। नए संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास पर किया गया खर्च इस योजना के अंतर्गत निवेश से संबंधित लाभ लेने के लिए पात्र होगा। जमीन पर किए गए खर्च पर विचार नहीं होगा। हालांकि, मुख्य संयंत्र और उपयोगिताओं की नई इमारतों को निवेश का हिस्सा माना जाएगा, बशर्ते यह प्रतिबद्ध निवेश के 10 फीसदी से अधिक न हो।
ये भी पढ़ें:- अध्ययन: करोड़ों साल पहले धरती की करवट ने रचा जीवन का अध्याय, एशिया-अफ्रीका पुल ने शुरू किया जीवन का नया दौर
आवेदकों को तीन साल के भीतर हासिल करना होगा
योजना के तहत आवेदकों के लिए अनुमोदन पत्र जारी करने की तिथि से तीन वर्षों के भीतर न्यूनतम 25 फीसदी घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) प्राप्त करना होगा। पांच वर्षों के भीतर न्यूनतम 50 फीसदी डीवीए प्राप्त करना होगा। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया गया खर्च प्रतिबद्ध निवेश का 5 फीसदी तक माना जाएगा।
ये भी पढ़ें:- सफलता: स्वदेशी कार टी-सेल थेरेपी बनी जीवनरक्षक, ल्यूकोमिया-ट्यूमर में आईआईटी-TMH को मिली बड़ी कामयाबी
कंपनियों को भारतीय बैंकों की गारंटी से मिलेगा समर्थन
विनिर्माण संयंत्र लगाने, डीवीए की प्राप्ति और योजना के तहत निर्धारित शर्तों के अनुपालन के लिए आवेदक की प्रतिबद्धता को भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से गारंटी द्वारा समर्थित किया जाएगा। यह छोड़े जाने वाले कुल शुल्क के बराबर या 4,150 करोड़ रुपये, जो भी अधिक हो, के बराबर होगा। आवेदन आमंत्रित करने वाले नोटिस के जरिये आवेदन पाने की अवधि 120 दिन (या अधिक) की होगी। भारी उद्योग मंत्रालय को 15 मार्च, 2026 तक आवश्यकतानुसार आवेदन विंडो खोलने का अधिकार होगा। आवेदन पत्र दाखिल करते समय आवेदक को पांच लाख रुपये आवेदन शुल्क देना होगा, जो वापस नहीं होगा।

Trending Videos
नई नीति के तहत आवेदन दाखिल करते समय वार्षिक वित्तीय विवरणों के आधार पर किसी कंपनी या उसके समूह की कंपनियों का अचल संपत्तियों में वैश्विक निवेश कम से कम 3,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। नए संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास पर किया गया खर्च इस योजना के अंतर्गत निवेश से संबंधित लाभ लेने के लिए पात्र होगा। जमीन पर किए गए खर्च पर विचार नहीं होगा। हालांकि, मुख्य संयंत्र और उपयोगिताओं की नई इमारतों को निवेश का हिस्सा माना जाएगा, बशर्ते यह प्रतिबद्ध निवेश के 10 फीसदी से अधिक न हो।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें:- अध्ययन: करोड़ों साल पहले धरती की करवट ने रचा जीवन का अध्याय, एशिया-अफ्रीका पुल ने शुरू किया जीवन का नया दौर
आवेदकों को तीन साल के भीतर हासिल करना होगा
योजना के तहत आवेदकों के लिए अनुमोदन पत्र जारी करने की तिथि से तीन वर्षों के भीतर न्यूनतम 25 फीसदी घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) प्राप्त करना होगा। पांच वर्षों के भीतर न्यूनतम 50 फीसदी डीवीए प्राप्त करना होगा। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया गया खर्च प्रतिबद्ध निवेश का 5 फीसदी तक माना जाएगा।
ये भी पढ़ें:- सफलता: स्वदेशी कार टी-सेल थेरेपी बनी जीवनरक्षक, ल्यूकोमिया-ट्यूमर में आईआईटी-TMH को मिली बड़ी कामयाबी
कंपनियों को भारतीय बैंकों की गारंटी से मिलेगा समर्थन
विनिर्माण संयंत्र लगाने, डीवीए की प्राप्ति और योजना के तहत निर्धारित शर्तों के अनुपालन के लिए आवेदक की प्रतिबद्धता को भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से गारंटी द्वारा समर्थित किया जाएगा। यह छोड़े जाने वाले कुल शुल्क के बराबर या 4,150 करोड़ रुपये, जो भी अधिक हो, के बराबर होगा। आवेदन आमंत्रित करने वाले नोटिस के जरिये आवेदन पाने की अवधि 120 दिन (या अधिक) की होगी। भारी उद्योग मंत्रालय को 15 मार्च, 2026 तक आवश्यकतानुसार आवेदन विंडो खोलने का अधिकार होगा। आवेदन पत्र दाखिल करते समय आवेदक को पांच लाख रुपये आवेदन शुल्क देना होगा, जो वापस नहीं होगा।