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Mexico Tariff: मैक्सिको एशियाई देशों से आने वाली गाड़ियों पर लगाएगा 50 प्रतिशत टैक्स
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 12 Sep 2025 06:07 PM IST
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सार
मैक्सिको ने चीन और दूसरे एशियाई देशों से आने वाली गाड़ियों पर टैक्स (टैरिफ) बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का एलान किया है। सरकार का कहना है कि इसका मकसद नौकरियां बचाना है, जबकि विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला अमेरिका को खुश करने के लिए भी है।

BYD Sealion 7
- फोटो : BYD
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विस्तार
मैक्सिको ने एलान किया है कि वह चीन और दूसरे एशियाई देशों से आने वाली गाड़ियों पर टैक्स (टैरिफ) बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देगा। यह कदम एक बड़े इंपोर्ट सुधार का हिस्सा है। सरकार का कहना है कि इसका मकसद नौकरियां बचाना है, जबकि विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला अमेरिका को खुश करने के लिए भी है।

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ऑटोमोबाइल पर सीधा असर
मैक्सिको के इकोनॉमी मंत्रालय ने बताया कि स्टील, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल्स समेत कई सेक्टर्स पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे, जिससे करीब 52 अरब डॉलर के आयात प्रभावित होंगे।
फिलहाल चीन से आने वाली गाड़ियों पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे अब 50 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इकोनॉमी मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड ने कहा, "बिना एक लेवल की सुरक्षा के, आप लगभग मुकाबला ही नहीं कर सकते।"
उन्होंने बताया कि यह कदम वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) की तय सीमा के भीतर है और इसका मकसद मैक्सिको में नौकरियां बचाना है> क्योंकि चीनी गाड़ियां बहुत सस्ते दामों में बिक रही थीं।
यह भी पढ़ें - Two-Wheelers: जीएसटी संशोधन के बाद दोपहिया और छोटी कारें होंगी 10 प्रतिशत से भी सस्ती, जानें क्यों
मैक्सिको के इकोनॉमी मंत्रालय ने बताया कि स्टील, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल्स समेत कई सेक्टर्स पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे, जिससे करीब 52 अरब डॉलर के आयात प्रभावित होंगे।
फिलहाल चीन से आने वाली गाड़ियों पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे अब 50 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इकोनॉमी मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड ने कहा, "बिना एक लेवल की सुरक्षा के, आप लगभग मुकाबला ही नहीं कर सकते।"
उन्होंने बताया कि यह कदम वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) की तय सीमा के भीतर है और इसका मकसद मैक्सिको में नौकरियां बचाना है> क्योंकि चीनी गाड़ियां बहुत सस्ते दामों में बिक रही थीं।
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चीन की नाराजगी
चीन ने इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है। उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह "किसी भी तरह के दबाव और झूठे बहानों" के खिलाफ है। चीन ने उम्मीद जताई कि मैक्सिको उसके साथ मिलकर आर्थिक सुधार और व्यापार को बढ़ावा देगा।
यह भी पढ़ें - 2026 Kawasaki Ninja ZX-10R: भारत में लॉन्च हुई नई 2026 कावासाकी निंजा ZX-10R, जानें कीमत और फीचर्स
चीन ने इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है। उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह "किसी भी तरह के दबाव और झूठे बहानों" के खिलाफ है। चीन ने उम्मीद जताई कि मैक्सिको उसके साथ मिलकर आर्थिक सुधार और व्यापार को बढ़ावा देगा।
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किन देशों पर असर होगा
यह नया प्लान खास तौर पर उन देशों पर असर डालेगा जिनके साथ मैक्सिको का कोई ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है। इनमें चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, रूस, थाईलैंड और तुर्की शामिल हैं।
सरकारी दस्तावेज के अनुसार, यह कदम मैक्सिको के कुल 8.6 प्रतिशत इंपोर्ट्स पर असर डालेगा और लगभग 3.25 लाख इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों की सुरक्षा करेगा।
इसके अलावा स्टील, खिलौनों और मोटरसाइकिलों पर 35 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। टेक्सटाइल्स पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लागू होगा।
यह भी पढ़ें - SIAM: भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट इकोसिस्टम बनाने पर जोर देना चाहिए, सियाम अध्यक्ष ने कहा- ये बड़े बदलाव का दौर
यह नया प्लान खास तौर पर उन देशों पर असर डालेगा जिनके साथ मैक्सिको का कोई ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है। इनमें चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, रूस, थाईलैंड और तुर्की शामिल हैं।
सरकारी दस्तावेज के अनुसार, यह कदम मैक्सिको के कुल 8.6 प्रतिशत इंपोर्ट्स पर असर डालेगा और लगभग 3.25 लाख इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों की सुरक्षा करेगा।
इसके अलावा स्टील, खिलौनों और मोटरसाइकिलों पर 35 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। टेक्सटाइल्स पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लागू होगा।
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अमेरिका का दबाव और राजनीतिक पहलू
यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका लैटिन अमेरिका के देशों पर चीन के साथ आर्थिक रिश्तों को सीमित करने का दबाव डाल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका नहीं चाहता कि चीन मैक्सिको के रास्ते (चोर दरवाजे से) उसके बाजार तक पहुंचे। पिछले 10 वर्षों में मैक्सिको का चीन के साथ ट्रेड घाटा दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दो मकसद पूरे करेगा। पहला, सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा और दूसरा, अमेरिका (खासतौर पर ट्रंप) को खुश किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें - India-EU Deal: यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौता भारतीय ऑटो उद्योग के लिए लाएगा बड़े मौके, विशेष सचिव ने कही ये बात
यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका लैटिन अमेरिका के देशों पर चीन के साथ आर्थिक रिश्तों को सीमित करने का दबाव डाल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका नहीं चाहता कि चीन मैक्सिको के रास्ते (चोर दरवाजे से) उसके बाजार तक पहुंचे। पिछले 10 वर्षों में मैक्सिको का चीन के साथ ट्रेड घाटा दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दो मकसद पूरे करेगा। पहला, सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा और दूसरा, अमेरिका (खासतौर पर ट्रंप) को खुश किया जा सकेगा।
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अमेरिका-मेक्सिको का ट्रेड रिश्ता
मैक्सिको और अमेरिका के बीच पहले से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA/USMCA) है, जिसमें कनाडा भी शामिल है। दोनों देश एक-दूसरे के सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर हैं। यही वजह है कि अमेरिका के दबाव का असर मैक्सिको की नीतियों पर साफ दिख रहा है।
यह एग्रीमेंट अगले साल रिव्यू के लिए आने वाला है। ऐसे में मैक्सिको की यह चाल अपने उद्योग की रक्षा करते हुए अमेरिका को संतुलित करने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।
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