कार में लगवाते हैं ये 10 एसेसरीज तो जोखिम में है आपकी जान, हो जाएं सावधान

कुछ लोग ऑफ्टरमार्केट ऑटो एसेसरीज लगवाने के शौकीन होते हैं, लेकिन ये एसेसरीज कई बार कार के लिये नुकसानदायक साबित हो जाती हैं। इन दिनों लॉन्च होने वाली ज्यादातर कारों के साथ कंपनी कस्टमाइज्ड एसेसरीज भी उपलब्ध कराती हैं। जिन्हें कार की जरूरत के हिसाब डिजाइन किया जाता है। हालांकि ऑरिजनल कस्टमाइज्ड एसेसरीज के मुकाबले आफ्टरमार्केट एसेसरीज कम कीमत वाली होती हैं, लेकिन खतरनाक भी होती हैं। जानते हैं ऐसी 10 एसेसरीज के बारे में...

सस्ती फ्लोर मैट्स

कई लोग बाहर से फ्लोर मैट्स लगवाना पसंद करते हैं। वहीं कुछ लोग पैसे बचाने के चक्कर में सस्ती फ्लोर मैट्स खरीद लेते हैं, जो हार्ड प्लास्टिक की बनी होती हैं। वहीं इनमें से कई की फिटिंग कार के फ्लोर के मुताबिक नहीं होती है। ऐसी फ्लोर मैट्स कई बार एक्सीडेंट का कारण बन जाती हैं। क्योंकि कई बार ये मैट्स ब्रैक पेडल या एक्सीलेटर पेडल में फंस जाती हैं, जो सड़क हादसों का कारण बनती है। इसलिये कार के लिए फ्लोरमैट खरीदते वक्त सावधान रहने की जरूरत है।
स्टीयरिंग कवर

कार की हैंडलिंग में स्टीयरिंग का अहम रोल होता है। लोग पैसे बचाने के लिए घटिया क्वालिटी के कवर लगवा लेते हैं। लेकिन इनकी क्वालिटी इतनी बेकार होती है कि ये स्टीयरिंग व्हील्स पर सही से फिट नहीं होती हैं। स्टीयरिंग घुमाने के दौरान कई बार ये फिसल जाती हैं, जिससे वाहन का नियंत्रण बिगड़ जाता है। बेहतर है कि सिलाई वाली स्टीयरिंग ग्रिप्स लगवाएं, ताकि स्टीयरिंग कंट्रोल में रहे।
बुलबार्स

आजकल एसयूवी में आगे की तरफ बुलबार्स लगवाने का ट्रेंड है। लोग सोचते हैं इन्हें लगाने के बाद बंपर की सुरक्षा हो जाती है। लेकिन ये सोच बिल्कुल गलत है। आजकल की गाड़िय सेफ्टी फीचर्स के चलते एयरबैग्स सिस्टम के साथ लॉन्च हो रही हैं। ऐसे में इन गाड़ियों के आगे बुलबार्स लगवाना महंगा साबित हो सकता है। क्योंकि इन्हें लगाने के बाद बंपर में लगे सेंसर्स कवर हो जाते हैं, जिससे हादसे की स्थिति में एयरबैग्स नहीं खुलते। वहीं इनसे कई बार राह चलते लोगों को भी चोट पहुंच सकती है।
काले हेडलैंप्स

लोग अपनी कारों या एसयूवी के हेडलैंप्स को काला कर देते हैं। लोग ऐसा अपनी गाड़ियों को स्पोर्टी बनाने के चलते करते हैं। लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। इससे हेडलैंप्स की क्षमता कम हो जाती है। हेडलैंप्स और टेललैंप्स को काला करने से दूसरे वाहनों को भी ठीक से दिखाई नहीं देता है, जिससे दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
पार्सल ट्रे पर खिलौने

कुछ लोग पीछे लगी पार्सल ट्रे को सामान रखने की जगह समझते हैं। वहीं पार्सल ट्रे पर सॉफ्ट टॉयज वगैरहा रखने लगते हैं। वहीं कुछ लोग छोटे तकिये भी रख देते हैं। लेकिन पार्सल ट्रे पर सामान रखना ड्राइविंग के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। पीछे सामान रखने से ड्राइवर का व्यू खत्म हो जाता है, साथ ही रिअर व्यू मिरर भी ब्लॉक हो जाता है। वहीं कई बार जोर से ब्रेक लगाने पर सामान पीछे की सीटों पर गिर जाता है, जिससे ड्राइवर का ध्यान भटकता है।
रूफ माउंटेड वीडियो प्लेयर्स

आजकल लोग गाड़ियों में एक्स्ट्रा स्क्रीन लगा लेते हैं। हालांकि कार कंपनियां महंगी कारों में बैक सीट के हेडरेस्ट पर स्क्रीन देती हैं, लेकिन ये टॉप-एंड वेरियंट्स में ही मिलते हैं। लोग इस शौक को पूरा करने के लिए कार की रूफ पर अलग से स्क्रीन लगा लेते हैं। जिससे ड्राइवर का रिअर व्यू पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है। वहीं कुछ लोग आगे की तरफ भी लगवा लेते हैं, जो और भी खतरनाक है, क्योंकि इससे ड्राइविंग के दौरान ध्यान भंग होता है।
रंगबिरंगे हेडलैंप्स और टेल लैंप्स

आजकल यंगस्टर्स कारों और एसयूवी में रंग-बिरंगी हेडलाइट्स लगा लेते हैं ताकि गाड़ी कुछ स्पेशल दिखाई दे। लेकिन ये कलर लाइट्स केवल खिलौना कारों में ही अच्छी लगती हैं। असलियत में ये आपकी कार के लिए खतरनाक हैं। इन लाइट्स से न केवल साथ रहे दूसरे वाहनों को परेशानी होती है, बल्कि हेडलाइट की क्षमता भी घट जाती है। फ्लैशिंग या रंगबिरंगी हेडलाइट लगाने से दूसरे लोगों का ध्यान भटकता है जिससे हादसा होने की संभावना होती है।
इलेक्ट्रिक एसेसरीज

ऐसी कोई भी एसेसरीज लगाने से परहेज करें, जिससे कार की वायरिंग में किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत पड़े। लोग अपनी गाड़ियों में डबल हॉर्न, महंगे ऑडियो सिस्टम लगवाते हैं, तो वहीं कुछ कार के नॉर्मल हेडलैंप्स की जगह प्रोजेक्टर या फिर जिनोन हेडलैंप्स लगवाते हैं। इन्हें लगाने के लिये कार की वायरिंग में बदलाव करना पड़ता है। जिससे कई बार वायरिंग हीट भी हो जाती है और कार में आग लग सकती है। इसलिये बेहतर होगा कि कार की ऑरिजनल एसेसरीज खरीदें और किसी अच्छे मैकेनिक से उन्हें फिट कराएं।
स्टीयरिंग स्पिनर

अगर आपने गाड़ी के स्टीयरिंग में यह स्पिनर लगवाया हुआ है, तो सावधान हो जाएं। असल में ये स्पिनर न हो कर सुसाइड नोब है। इसका इस्तेमाल बेहद खतरनाक हो सकता है। इन्हें स्टीयरिंग व्हील पर लगाया जाता है और शार्प टर्न लेने में लोग इनका इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ लोग इनके जरिये एक हाथ से ड्राइविंग भी करते हैं। कार कंपनियां इनके इस्तेमाल को खतरनाक बताती हैं। इसकी वजह है कि इनकी क्वालिटी बेहद घटिया होती है और कई बार टर्न लेने के दौरान ये बीच में से टूट जाते हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
सीटबेल्ट हुक

हाल ही में एक बैंगलुरू में रहने वाला एक ज्वैलर अपने परिवार के साथ कार से सफर कर रहा था, तभी कार में आग लग गई। किसी तरह से उन्होंने पत्नी और बच्चों की सीट बेल्ट तो खोल दी लेकिन खुद की नहीं खोल पाए। बाद में पुलिस तफ्तीश में पता चला कि कार की सीटबेल्ट हुक को उन्होंने बाहर लगवाया था, क्योंकि पुराना टूट गया था। लोग अकसर पैसे बचाने के चक्कर में यही गलती कर बैठते हैं और घटिया क्वालिटी वाले प्रोडक्ट खरीद लेते हैं। बेहतर है कि कंपनी से असली हुक ही खरीदें, क्योंकि इमरजेंसी की स्थिति में घटिया हुक आपको धोका दे सकता है।