मानसून में कैसे करें अपनी कार-बाइक की देखभाल, पढ़ें ये जरूरी टिप्स
अम्फान तूफान के बाद एक और चक्रवात के उत्पन्न होने का खतरा दिखाई दे रहा है। निसर्ग नाम का ये चक्रवात गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। पूर्वानुमान है कि यह इन राज्यों के निचले इलाकों जैसे मुंबई जैसे शहरों को काफी नुकसान पहुंचाएगा। वहीं केरल में मानसून पहुंच चुका है।
हाल ही में कोलकाता ने भी भीषण चक्रवात अम्फान का सामना किया था, जिसमें राज्य में जमकर तबाही मचाई। तबाही के बाद तस्वीरें देख कर हर कोई अवाक रह गया कि कैसे तूफान ने पेड़ों, घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया। गाड़ियों पर पेड़ गिरे देखे गए, यहां तक कि कई जगहों पर गाड़ियां पानी में डूबी हुई थीं। वहीं मुंबई में अगर यह तूफान आता है, तो वहां कितना कहर मचाएगा इसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है, वो भी ऐसे में जहां सामान्य मानसून में ही सड़कें डूब जाती हैं।
अपने वाहनों को बचाने के लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है...
खुले में पार्क करने से बचें
अगर आप अपनी कार खुले में खड़ी करते हैं, तो आपको ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। माना जा रहा है कि चक्रवात की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा के आसपास होगी। ऐसे में खुले पार्किंग एरिया में खड़ी कारों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। ध्यान रखें कार को पेड़ के नीचे या बिजली के खंबों के नीचे पार्क न करें। अगर कवर्ड जगह पर पार्क कर सकते हैं तो बेहतर होगा। गाड़ी के हैंडब्रेक लगा कर पार्क करें। वहीं दोपहिया वाहनों को पार्क करने के बाद किसी मजबूत चीज से बांध दें, ताकि हवा उसे धकेल नहीं पाए।
बेसमेंट पार्किंग से करें तौबा
आजकल सोसाइटीज या रेजिडेंशियल कॉम्प्लैक्स में बेसमेंट पार्किंग होती है, लेकिन चक्रवात के दौरान ऐसी जगहों पर गाड़ी पार्क न करें। इसकी वजह है कि बेसमेंट एरिया में पानी भर जाता है, जिससे वाहन को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। अगर इंजन में पानी घुस जाए तो लाखों में रकम खर्च करनी पड़ सकती है।
वहीं चक्रवात आने के दौरान तेज हवाएं चलती हैं और उसके बाद तेज बारिश होती है। वहीं अगर बाढ़ या तेज बारिश से आपके वाहन को कोई नुकसान पहुंचता है तो आप ऐसे अपने वाहन की जांच कर सकते हैं...
बाहरी नुकसान की ऐसे करें जांच
तेज हवा के बाद सबसे ज्यादा खतरा पानी के जमा होने से होता है। वहीं तेज हवाओं के साथ मलबा भी उड़ता है, जो गाड़ियों को खासा नुकसान पहुंचाता है। भले ही आपकी गाड़ी किसी सुरक्षित जगह पर क्यों न खड़ी हो। अपने वाहन के चारों ओर किसी भी टूटे हुए तार से सावधान रहें, विशेष रूप से उस स्थिति में जब गाड़ी आपने किसी जलभराव वाले इलाके में पार्क की हुई हो।
इंश्योरेंस कंपनी से करें संपर्क
अगर आपकी गाड़ी को कोई नुकसान पहुंचा है या फिर पानी से कोई नुकसान हुआ है, जो नुकसान का आकलन करने के लिए इंश्योरेंस एजेंस से संपर्क करें। संभव है कि जो नुकसान हुआ हो उसकी भरपाई बीमा से हो जाए।
जांचे पानी का स्तर
यदि आप अपने वाहन को आंशिक रूप से पानी में डूबा हुआ पाते हैं, तो पहले पानी के स्तर की जांच करें। यदि पानी का स्तर आपके वाहन के दरवाजों से ऊपर है, तो संभव है कि इंटीरियर जरूर गीला हुआ होगा। यदि जलस्तर आपके वाहन के बोनट या ग्रिल तक पहुंच जाता है, तो तुरंत बीमा कंपनी से संपर्क करें।
वाहन के सूखने का इंतजार करें
अगर पानी से का स्तर कम है, तो गाड़ी के सूखने का इंतजार करें। फ्लोर मैट्स को साफ करें, कार की अपहोल्स्ट्री की ड्राइक्लीनिंग कराएं। गीला इंटीरियर कार में बदबू पैदा कर सकता है। इंटीरियर को सुखाने के लिए वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग कर सकते हैं।
लीकेज की जांच करें
वाहन को स्टार्ट करने से पहले नीचे और इंजन के पार्ट्स में देख लें कि कोई लीकेज तो नहीं है। ब्रेक फ्लूइड, कूलेंट या ईंधन तो नहीं रिस रहा है, अच्छे से देख लें। लीकेज है, तो मैकेनिक को संपर्क करें। अगर तटीय इलाकों में रहते हैं, तो संभव है कि गाड़ी के निचले हिस्सों पर जंग लग जाए, इसका ट्रीटमेंट करवा लें।
ऑयल इंडीकेटर को चेक करें
अगर पानी का स्तर बोनेट से ऊपर है, तो कार को बिल्कुल भी स्टार्ट न करें। संभव है कि पानी इंजन में घुस चुका होगा। गाड़ी को स्टार्ट करने से पहले ऑयल इंडीकेटर देंखे, इससे आपको नमी का अंदाजा हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक पार्ट्स की जांच
गाड़ी में इंजन पार्ट्स के अलावा इलेक्ट्रिकल पार्ट्स भी बेहद संवेदनशील होते हैं। बैटरी और उससे जुड़े तारों की जांच करें। देखें कि कहीं पानी तो नहीं पहुंच गया है, इससे वायरिंग शॉर्ट हो सकती है। अगरप इंजन स्टार्ट हो जाता है तो हेडलाइट्स, एसी, पावर विंडो और डोर लॉक्स की जांच करें।
टायर की जांच
अगर आप सारी जांचों से सुंतष्ट हैं और कार ठीक से स्टार्ट भी हो रही है, तो टायर भी चेक कर लें। पानी में लंबे समय तक खड़े रहने से टायर्स को नुकसान हो सकता है। कई बार भी टायर्स पुराने होने पर पानी भी उनमें चला जाता है, इससे नुकसान हो सकता है।