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Car Headlights: चमकदार हेडलाइट्स से बढ़ती परेशानी, क्यों रात में गाड़ी चलाना हो रहा है मुश्किल भरा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 01 Dec 2025 02:47 PM IST
सार
आजकल रात में ड्राइव करते समय तेज रोशनी का सामना करना लगभग हर चालक की सामान्य शिकायत बन गया है। लेकिन सड़क पर थोड़ी सी संवेदनशीलता और शिष्टाचार कई बड़ी दिक्कतों को रोक सकता है।
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Car Headlight
- फोटो : Freepik
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विस्तार
Car Headlights: आजकल रात में ड्राइव करते समय तेज रोशनी का सामना करना लगभग हर चालक की सामान्य शिकायत बन गया है। पहले जहां कारों की हेडलाइट्स हल्की पीली रोशनी देती थीं, वहीं अब LED और लेजर तकनीक ने उन्हें बेहद तेज, सफेद-नीली चमक में बदल दिया है। यह रोशनी वाहन के ड्राइवर को आगे देखने में मदद तो करती है, लेकिन सामने से आने वाले वाहन के लिए यह तेज चमक असहजता, चकाचौंध और कुछ क्षणों के लिए दृश्य बाधित कर सकती है, यानी उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता।
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नई तकनीक और बढ़ती दिक्कतें
LED और लेजर हेडलाइट्स ऊर्जा की बचत करती हैं और मॉडर्न दिखती हैं, इसलिए ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इन्हें धड़ाधड़ अपनाया है। छोटी कारों में तो यह रोशनी नियंत्रित रहती है, लेकिन बड़े एसयूवी और पिकअप्स में ऊंचाई के कारण यह सीधे सामने वाले वाहन के ड्राइवर की आंखों में पड़ती है। बारिश के दौरान यह परेशानी दोगुनी हो जाती है, जब चमक सड़क और साइनबोर्ड पर प्रतिबिंबित होकर और भी ज्यादा तेज दिखाई देती है।
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LED और लेजर हेडलाइट्स ऊर्जा की बचत करती हैं और मॉडर्न दिखती हैं, इसलिए ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इन्हें धड़ाधड़ अपनाया है। छोटी कारों में तो यह रोशनी नियंत्रित रहती है, लेकिन बड़े एसयूवी और पिकअप्स में ऊंचाई के कारण यह सीधे सामने वाले वाहन के ड्राइवर की आंखों में पड़ती है। बारिश के दौरान यह परेशानी दोगुनी हो जाती है, जब चमक सड़क और साइनबोर्ड पर प्रतिबिंबित होकर और भी ज्यादा तेज दिखाई देती है।
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सभी ड्राइवर एक ही समस्या बताने लगे हैं
दिलचस्प बात यह है कि यह शिकायत किसी एक शहर या उम्र वर्ग तक सीमित नहीं है। पूरे देशनयहां तक कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोग अब एक ही मुद्दा उठा रहे हैं कि हेडलाइट्स जरूरत से ज्यादा चमकीली हो चुकी हैं। कई ड्राइवर ऑनलाइन फोरम पर रात की ड्राइव को थका देने वाला और तनावपूर्ण बताते हैं। लगातार चमक आंखों पर दबाव डालती है और सुरक्षित ड्राइविंग को चुनौतीपूर्ण बना देती है।
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दिलचस्प बात यह है कि यह शिकायत किसी एक शहर या उम्र वर्ग तक सीमित नहीं है। पूरे देशनयहां तक कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोग अब एक ही मुद्दा उठा रहे हैं कि हेडलाइट्स जरूरत से ज्यादा चमकीली हो चुकी हैं। कई ड्राइवर ऑनलाइन फोरम पर रात की ड्राइव को थका देने वाला और तनावपूर्ण बताते हैं। लगातार चमक आंखों पर दबाव डालती है और सुरक्षित ड्राइविंग को चुनौतीपूर्ण बना देती है।
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क्या हो सकते हैं समाधान
अच्छी बात यह है कि तकनीकी समाधान मौजूद हैं। यूरोप में इस्तेमाल होने वाली 'एडैप्टिव हेडलाइट्स' सामने वाहन को पहचानकर अपनी रोशनी को अपने आप कम या दूसरी दिशा में मोड़ लेती हैं। इससे सड़क भी साफ दिखाई देती है और सामने वाले ड्राइवर को भी परेशानी नहीं होती।
हालांकि भारत में इनके व्यापक उपयोग में समय लगेगा, लेकिन तब तक ड्राइवर कुछ सावधानियां अपना सकते हैं। जैसे हेडलाइट्स की सही एलाइन्मेंट कराना, लेंस साफ रखना और हाई बीम का जिम्मेदारी से उपयोग करना।
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अच्छी बात यह है कि तकनीकी समाधान मौजूद हैं। यूरोप में इस्तेमाल होने वाली 'एडैप्टिव हेडलाइट्स' सामने वाहन को पहचानकर अपनी रोशनी को अपने आप कम या दूसरी दिशा में मोड़ लेती हैं। इससे सड़क भी साफ दिखाई देती है और सामने वाले ड्राइवर को भी परेशानी नहीं होती।
हालांकि भारत में इनके व्यापक उपयोग में समय लगेगा, लेकिन तब तक ड्राइवर कुछ सावधानियां अपना सकते हैं। जैसे हेडलाइट्स की सही एलाइन्मेंट कराना, लेंस साफ रखना और हाई बीम का जिम्मेदारी से उपयोग करना।
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संवेदनशीलता ही है असली रास्ता
सड़क पर थोड़ी सी संवेदनशीलता और शिष्टाचार कई बड़ी दिक्कतों को रोक सकता है। अगली बार जब कोई ड्राइवर तेज रोशनी की शिकायत में अपनी लाइट्स फ्लैश करे, तो इसे एक छोटे से संकेत की तरह लें। और एक-दूसरे के लिए रात की सड़कें थोड़ी सुरक्षित और आरामदायक बनाएं।
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