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Tyre Black Colour: गाड़ियों के टायर काले क्यों होते हैं? जानें सुरक्षा, मजबूती और लंबे समय तक चलने का विज्ञान
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 29 Nov 2025 07:56 PM IST
सार
आज हम सभी कारों में काले टायर देखते हैं, लेकिन शुरुआत में ऐसा नहीं था। प्राकृतिक रबर हल्का सफेद होता है और शुरुआती टायर भी लगभग उसी रंग के थे।
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Why Car Tyres Are Black
- फोटो : Freepik
आज हम सभी कारों में काले टायर देखते हैं, लेकिन शुरुआत में ऐसा नहीं था। प्राकृतिक रबर हल्का सफेद होता है और शुरुआती टायर भी लगभग उसी रंग के थे। समय के साथ वैज्ञानिकों ने पाया कि रबर में कार्बन ब्लैक नामक पदार्थ मिलाने से उसकी ताकत, टिकाऊपन और सुरक्षा कई गुना बढ़ जाती है। यह महीन काले कण टायर को गर्मी, घर्षण और धूप में होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इसलिए टायरों का रंग बदलना एक सौंदर्य निर्णय नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग की जरूरत थी।
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- फोटो : Adobe Stock
टायर की मजबूती कैसे बढ़ाता है कार्बन ब्लैक
कार्बन ब्लैक हाइड्रोकार्बन के नियंत्रित दहन से बनता है, जिससे बेहद सूक्ष्म कण तैयार होते हैं। ये कण रबर के अणुओं से मजबूती से जुड़कर उसे अधिक तन्य, लचीला और टिकाऊ बनाते हैं। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि कार्बन ब्लैक मिलाने से रबर की संरचना कई गुना मजबूत हो जाती है, जिससे वह भारी भार, तेज ब्रेकिंग और निरंतर घर्षण को आसानी से सहन कर लेता है। अगर टायर में यह सामग्री न हो, तो प्राकृतिक रबर जल्दी दब जाता है, घिसता है और टूटने लगता है। इसलिए कार्बन ब्लैक आधुनिक टायरों की मजबूती की रीढ़ है।
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कार्बन ब्लैक हाइड्रोकार्बन के नियंत्रित दहन से बनता है, जिससे बेहद सूक्ष्म कण तैयार होते हैं। ये कण रबर के अणुओं से मजबूती से जुड़कर उसे अधिक तन्य, लचीला और टिकाऊ बनाते हैं। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि कार्बन ब्लैक मिलाने से रबर की संरचना कई गुना मजबूत हो जाती है, जिससे वह भारी भार, तेज ब्रेकिंग और निरंतर घर्षण को आसानी से सहन कर लेता है। अगर टायर में यह सामग्री न हो, तो प्राकृतिक रबर जल्दी दब जाता है, घिसता है और टूटने लगता है। इसलिए कार्बन ब्लैक आधुनिक टायरों की मजबूती की रीढ़ है।
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गर्मी से बचाव और लंबी उम्र: कार्बन ब्लैक का बड़ा योगदान
ड्राइविंग के दौरान टायर लगातार सड़क से घर्षण लेते हैं, जिससे वे बेहद गर्म हो जाते हैं। यह गर्मी समय के साथ रबर को नुकसान पहुंचा सकती है। कार्बन ब्लैक टायर की थर्मल कंडक्टिविटी बढ़ाता है, यानी गर्मी पूरे टायर में समान रूप से फैल जाती है और किसी एक जगह नुकसान नहीं होता। इससे टायर जल्दी खराब नहीं होते, उनकी क्रैकिंग कम होती है और वे हजारों किलोमीटर तक अपनी क्षमता बनाए रखते हैं। गर्मी से सुरक्षा मिलने के कारण टायरों में ब्लोआउट का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
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ड्राइविंग के दौरान टायर लगातार सड़क से घर्षण लेते हैं, जिससे वे बेहद गर्म हो जाते हैं। यह गर्मी समय के साथ रबर को नुकसान पहुंचा सकती है। कार्बन ब्लैक टायर की थर्मल कंडक्टिविटी बढ़ाता है, यानी गर्मी पूरे टायर में समान रूप से फैल जाती है और किसी एक जगह नुकसान नहीं होता। इससे टायर जल्दी खराब नहीं होते, उनकी क्रैकिंग कम होती है और वे हजारों किलोमीटर तक अपनी क्षमता बनाए रखते हैं। गर्मी से सुरक्षा मिलने के कारण टायरों में ब्लोआउट का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
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UV किरणों और ओजोन से बचाव: काला रंग क्यों जरूरी है
रोजमर्रा के इस्तेमाल में टायर सीधे सूरज की रोशनी, ऑक्सीजन और ओजोन के संपर्क में आते हैं। यूवी किरणें रबर की रासायनिक संरचना को तोड़ देती हैं, जिससे वह भंगुर होकर क्रैक करने लगता है। कार्बन ब्लैक एक ढाल की तरह काम करता है। उसका गहरा रंग यूवी किरणों को रोक लेता है और रबर को सख्त या भंगुर होने से बचाता है। इस तरह टायर लंबे समय तक लचीले बने रहते हैं और जल्दी खराब नहीं होते।
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रोजमर्रा के इस्तेमाल में टायर सीधे सूरज की रोशनी, ऑक्सीजन और ओजोन के संपर्क में आते हैं। यूवी किरणें रबर की रासायनिक संरचना को तोड़ देती हैं, जिससे वह भंगुर होकर क्रैक करने लगता है। कार्बन ब्लैक एक ढाल की तरह काम करता है। उसका गहरा रंग यूवी किरणों को रोक लेता है और रबर को सख्त या भंगुर होने से बचाता है। इस तरह टायर लंबे समय तक लचीले बने रहते हैं और जल्दी खराब नहीं होते।
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स्टैटिक बिजली को नियंत्रित करने में कैसे मदद करता है कार्बन ब्लैक
शुद्ध रबर विद्युत इन्सुलेटर होता है। चलते समय टायर पर स्टैटिक चार्ज जमा हो सकता है। यह कुछ स्थितियों में खतरा पैदा कर सकता है, खासकर ईंधन टैंकरों या हवाई जहाजों के टायरों में। कार्बन ब्लैक टायर को हल्का विद्युत चालक बनाता है, जिससे चार्ज आसानी से जमीन में डिस्चार्ज हो जाता है और कोई जोखिम नहीं रहता।
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शुद्ध रबर विद्युत इन्सुलेटर होता है। चलते समय टायर पर स्टैटिक चार्ज जमा हो सकता है। यह कुछ स्थितियों में खतरा पैदा कर सकता है, खासकर ईंधन टैंकरों या हवाई जहाजों के टायरों में। कार्बन ब्लैक टायर को हल्का विद्युत चालक बनाता है, जिससे चार्ज आसानी से जमीन में डिस्चार्ज हो जाता है और कोई जोखिम नहीं रहता।
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