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Toll Tax: इलेक्ट्रिक ट्रकों को मिल सकती है टोल टैक्स में छूट, गडकरी ने दिए संकेत
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 28 Aug 2025 01:20 PM IST
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सार
Electric Truck Toll Tax Exemption: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि इलेक्ट्रिक ट्रकों को टोल टैक्स में छूट दी जा सकती है। बैटरी के कारण ये ट्रक डीजल ट्रकों से करीब 2 टन भारी होते हैं और ज्यादा टोल चुकाना पड़ता है।

इलेक्ट्रिक ट्रकों को मिलेगी टोल में छूट
- फोटो : AI
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विस्तार
भारत सरकार इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए बड़ा कदम उठा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रकों के अतिरिक्त वजन को देखते हुए उन्हें टोल टैक्स में छूट देने पर विचार किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक ट्रक डीजल ट्रकों की तुलना में करीब 2 टन ज्यादा भारी होते हैं। इस वजह से उन्हें टोल पर अधिक शुल्क देना पड़ता है। गडकरी ने इंडस्ट्री राउंडटेबल में कहा कि नई तकनीक जैसे फ्लैश चार्जिंग और क्विक चार्जिंग से सड़कों को डिकार्बोनाइज किया जा सकता है।
ईंधन आयात बिल घटाना बड़ी चुनौती
गडकरी ने कहा कि भारत हर साल करीब 20 अरब डॉलर का ईंधन आयात करता है। इसे कम करना बेहद मुश्किल है, लेकिन अगर नई तकनीक अपनाई जाए तो इससे लागत कम हो सकती है और प्रदूषण पर भी नियंत्रण मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रूवन टेक्नोलॉजी, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार उत्पाद का मार्केट – ये सभी फैक्टर किसी भी नई तकनीक को अपनाने के लिए जरूरी हैं।
उद्योग जगत की मांग
बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों ने सरकार से अपील की कि इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ट्रकों पर भारी टोल टैक्स कम किया जाए या माफ किया जाए। उनका कहना है कि ऐसा कदम व्यवसायों को ग्रीन टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
भारत में ट्रकों पर टोल शुल्क उनके आकार और ग्रॉस व्हीकल वेट (GVW) के आधार पर तय होता है। छोटे कैरियर्स (N1 श्रेणी) की सीमा 3.5 टन तक है, जबकि मध्यम ट्रक 3.5–12 टन और भारी ट्रक 12 टन से ऊपर तक होते हैं। ओवरलोडिंग के चलते ट्रकों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है।
क्यों जरूरी है बदलाव
देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर का डिकार्बोनाइजेशन बेहद अहम है क्योंकि भारत में कुल वाहनों का सिर्फ 3% हिस्सा डीजल ट्रकों का है, लेकिन यही करीब एक-तिहाई कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में सरकार और उद्योग दोनों मिलकर समाधान ढूंढने पर जोर दे रहे हैं।

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ईंधन आयात बिल घटाना बड़ी चुनौती
गडकरी ने कहा कि भारत हर साल करीब 20 अरब डॉलर का ईंधन आयात करता है। इसे कम करना बेहद मुश्किल है, लेकिन अगर नई तकनीक अपनाई जाए तो इससे लागत कम हो सकती है और प्रदूषण पर भी नियंत्रण मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रूवन टेक्नोलॉजी, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार उत्पाद का मार्केट – ये सभी फैक्टर किसी भी नई तकनीक को अपनाने के लिए जरूरी हैं।
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उद्योग जगत की मांग
बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों ने सरकार से अपील की कि इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ट्रकों पर भारी टोल टैक्स कम किया जाए या माफ किया जाए। उनका कहना है कि ऐसा कदम व्यवसायों को ग्रीन टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
भारत में ट्रकों पर टोल शुल्क उनके आकार और ग्रॉस व्हीकल वेट (GVW) के आधार पर तय होता है। छोटे कैरियर्स (N1 श्रेणी) की सीमा 3.5 टन तक है, जबकि मध्यम ट्रक 3.5–12 टन और भारी ट्रक 12 टन से ऊपर तक होते हैं। ओवरलोडिंग के चलते ट्रकों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है।
क्यों जरूरी है बदलाव
देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर का डिकार्बोनाइजेशन बेहद अहम है क्योंकि भारत में कुल वाहनों का सिर्फ 3% हिस्सा डीजल ट्रकों का है, लेकिन यही करीब एक-तिहाई कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में सरकार और उद्योग दोनों मिलकर समाधान ढूंढने पर जोर दे रहे हैं।