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Flex Fuel: पेट्रोल के मुकाबले कैसा है फ्लेक्स फ्यूल, कैसे बनता है और इंजन पर क्या होता है असर, जानें डिटेल
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: समीर गोयल
Updated Wed, 30 Aug 2023 11:26 AM IST
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सार
फ्लेक्स फ्यूल पेट्रोल के मुकाबले कितना कारगर है। यह कैसे बनता है और इंजन पर इसका क्या असर होता है। आइए जानते हैं।

Toyota Innova HyCross Flex Fuel MPV
- फोटो : Toyota
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विस्तार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में ही दुनिया की पहली 100 फीसदी फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली कार को पेश किया है। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि यह पेट्रोल के मुकाबले कैसा है। यह कैसे बनता है और इसका इंजन पर क्या असर होता है। इसकी जानकारी भी इस खबर में दे रहे हैं।

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क्या है फ्लेक्स फ्यूल
ईंधन का ऐसा विकल्प जिससे आपकी कार आसानी से चल सकती है। जब पेट्रोल में इथेनॉल या मेथनॉल को मिलाकर नया ईंधन बनाया जाता है तो उसे फ्लेक्स फ्यूल कहते हैं।
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कैसे बनाया जाता है
फ्लेक्स फ्यूल को अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है क्योंकि इसे बनाने के लिए गन्ने, मक्का जैसे उत्पादों से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन होता है। भारत में गन्ने की फसल बहुत बड़ी मात्रा में होती है इसलिए ऐसे ईंधन को बड़े स्तर पर बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।
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किस तरह करता है काम
मौजूदा समय में हम जिन कारों का इस्तेमाल करते हैं उनमें सिर्फ एक तरह के ही ईंधन का उपयोग किया जाता है हालांकि कुछ वाहनों में पेट्रोल के साथ सीएनजी जैसे ईंधन का भी विकल्प मिलता है लेकिन उसके लिए अलग से किट लगवानी होती है या फिर कंपनी से फिट किट वाली कार खरीदनी पड़ती है। लेकिन जो वाहन फ्लेक्सी इंजन के साथ आएंगे उनमें एक ही फ्यूल टैंक में हम दो तरह के ईंधन का उपयोग कर सकते हैं। जैसे अगर हमारी कार फ्लेक्सी इंजन वाली कार होगी तो हम उसको या तो पेट्रोल से चला पाएंगे या फिर उसी कार में बिना किसी बदलाव के इथेनॉल का भी इस्तेमाल कर पाएंगे।
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इंजन पर क्या होगा असर
अगर आप फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहन में सामान्य पेट्रोल से वाहन चलाते हैं तो इसका कोई खराब असर इंजन पर नहीं होगा। क्योंकि नए वाहनों के इंजन को फ्लेक्स फ्यूल से चलने के लिए बनाया जा रहा है। फिलहाल देश में ई-20 ईथेनॉल से चलने वाले वाहन ऑफर किए जा रहे हैं। लेकिन जल्द ही 20 फीसदी ईथेनॉल से ज्यादा क्षमता वाले वाहनों को भी पेश किया जाएगा।
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