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Fog Driving Tips: घने कोहरे में कई वाहन टकराए, हाईवे पर चला रहे हैं गाड़ी, तो इन जरूर टिप्स की ना करें अनदेखी

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Sat, 13 Dec 2025 07:43 PM IST
सार

सर्दियों के दौरान घना कोहरा एक आम घटना है। इस तरह के घने कोहरे के कारण अक्सर बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर बड़े पैमाने पर वाहन आपस में टकरा जाते हैं। यहां कुछ जरूरी और जीवनरक्षक टिप्स बताए गए हैं।

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How To Drive In Dense Fog At Night Highway Driving Safety Tips for Winter
Fog Driving Tips - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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ग्रेटर नोएडा के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे की वजह से शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। दादरी क्षेत्र के पास अचानक दृश्यता बेहद कम हो जाने के कारण करीब एक दर्जन वाहन आपस में टकरा गए। अधिकारियों के अनुसार, कोहरे की वजह से सामने का रास्ता साफ दिखाई नहीं दे रहा था। और चालक समय पर प्रतिक्रिया नहीं कर पाए। जिससे एक के बाद एक वाहन टकराते चले गए। 
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सर्दियों में कोहरा और बढ़ता हादसों का खतरा
सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं की खबरें आम हो जाती हैं, खासकर उत्तर भारत में। हर साल ठंड के मौसम में घना कोहरा राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर खतरनाक हालात पैदा करता है। तेज रफ्तार वाली सड़कों पर जब दृश्यता अचानक घट जाती है, तो जरा सी चूक भी बड़े हादसे में बदल जाती है। और कई बार वाहनों का लंबा ढेर लग जाता है।

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कम दृश्यता में गलतियां बनती हैं जानलेवा
कोहरे के दौरान सड़क और आसपास की दृश्यता बेहद सीमित हो जाती है, जिससे वाहन चालकों को सही अंदाजा नहीं लग पाता। ऐसे में अगर कोई चालक सिग्नल जंप करता है, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाता है, फॉग लैंप का इस्तेमाल नहीं करता, बिना संकेत दिए मुड़ता है या अचानक लेन बदलता है, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार और कम दृश्यता का यह मेल अक्सर गंभीर और जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनता है।

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कोहरे में हाईवे ड्राइविंग क्यों है ज्यादा खतरनाक
हाईवे पर वाहन सामान्य तौर पर तेज रफ्तार से चलते हैं। कोहरे में जब आगे चल रहे वाहन, सड़क किनारे खड़े लोग या कोई अवरोध अचानक नजर आता है, तो ब्रेक लगाने का समय नहीं मिल पाता। पीछे से आ रहे वाहन भी समय पर रुक नहीं पाते। जिससे चेन रिएक्शन की तरह कई गाड़ियां टकरा जाती हैं और बड़ा हादसा हो जाता है।

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धीमी और नियंत्रित रफ्तार है क्यों है सबसे सुरक्षित विकल्प
कोहरे वाले मौसम में हाईवे पर गाड़ी चलाते समय धीमी लेकिन स्थिर रफ्तार बेहद जरूरी है। खाली सड़क देखकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि कोहरे में यह अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि आगे अचानक कौन सा वाहन या पैदल यात्री सामने आ जाए। धीमी रफ्तार से वाहन चलाने पर चालक को बेहतर नियंत्रण मिलता है और आपात स्थिति में प्रतिक्रिया देने का समय भी मिल जाता है।

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सही रोशनी से बढ़ती है सुरक्षा
वाहनों में फॉग लैंप खास तौर पर इसी स्थिति के लिए दिए जाते हैं। घने कोहरे में इनका इस्तेमाल करने से सड़क की दृश्यता बेहतर होती है। कुछ वाहन अतिरिक्त सहायक लाइट्स का भी इस्तेमाल करते हैं। जो धुंध में ड्राइविंग के दौरान मददगार साबित हो सकती हैं। सही रोशनी न सिर्फ आपको आगे देखने में मदद करती है, बल्कि दूसरे चालकों को भी आपके वाहन की मौजूदगी का संकेत देती है।

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एलईडी लाइट्स से क्यों बनती है परेशानी
कई चालक अपनी गाड़ियों में तेज सफेद एलईडी लाइट्स लगवाते हैं, जो देखने में आकर्षक लगती हैं। लेकिन कोहरे और बारिश में ये लाइट्स कारगर नहीं होतीं। एलईडी की तेज सफेद रोशनी कोहरे की पानी की बूंदों से टकराकर बिखर जाती है, जिससे आगे की सड़क साफ दिखने के बजाय चमक और धुंध बढ़ जाती है। इसके मुकाबले पीली हेलोजन लाइट्स कोहरे और बारिश में बेहतर दृश्यता देती हैं।

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इंडिकेटर से बढ़ता है आपसी तालमेल
धुंध के मौसम में टर्न इंडिकेटर का सही इस्तेमाल बेहद जरूरी हो जाता है। इंडिकेटर से दूसरे चालकों को आपकी अगली चाल का अंदाजा हो जाता है, जिससे टक्कर का खतरा कम होता है। मोड़ लेने या लेन बदलने से पहले इंडिकेटर का इस्तेमाल करना जरूरी है। हालांकि हाईवे पर बार-बार लेन बदलने से बचना चाहिए। लेकिन अगर मजबूरी हो तो संकेत देना अनिवार्य है।

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समस्या होने पर वाहन रोकना है समझदारी
हर हादसा केवल खराब दृश्यता की वजह से नहीं होता। कई बार चालक को खुद की आंखों या ध्यान से जुड़ी समस्या भी हो सकती है, जो कोहरे में और गंभीर हो जाती है। अगर ड्राइविंग के दौरान आपको देखने में परेशानी हो रही है या आत्मविश्वास महसूस नहीं हो रहा। तो बेहतर यह होता है कि वाहन को सुरक्षित तरीके से सड़क के किनारे रोक दिया जाए। दृश्यता बेहतर होने तक पार्किंग लाइट ऑन करके वाहन खड़ा रखना कई बार जान बचाने वाला फैसला साबित हो सकता है। 

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