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Auto Tariffs: ट्रंप के ऑटो टैरिफ से पहले, भारत अमेरिका से आने वाले ऑटो पार्ट्स पर घटा सकता है टैक्स!
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 31 Mar 2025 05:05 PM IST
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सार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारत अब एक बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रहा है। भारत अमेरिका से आयात होने वाले ऑटो पार्ट्स पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी (आयात कर) को कम या पूरी तरह खत्म करने की योजना बना सकता है।

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- फोटो : iStock
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारत अब एक बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रहा है। भारत अमेरिका से आयात होने वाले ऑटो पार्ट्स पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी (आयात कर) को कम या पूरी तरह खत्म करने की योजना बना सकता है।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने एलान किया था कि सभी ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जो 2 अप्रैल से लागू होगा। इसी दिन से वे 'रिसीप्रोकल टैरिफ' (प्रतिशोधी शुल्क) लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं। ट्रंप पहले भी कई बार भारत को टैरिफ को लेकर निशाना बनाते रहे हैं। उनके नए सेक्टोरल टैरिफ और संभावित जवाबी टैरिफ की वजह से भारत को झटका लग सकता है।
यह भी पढ़ें - Auto Tariffs: ट्रंप के 25 प्रतिशत ऑटो टैरिफ से भारत के सात अरब डॉलर के कंपोनेंट निर्यात पर अनिश्चितता, जानें क्या होगा असर

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पिछले हफ्ते ट्रंप ने एलान किया था कि सभी ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जो 2 अप्रैल से लागू होगा। इसी दिन से वे 'रिसीप्रोकल टैरिफ' (प्रतिशोधी शुल्क) लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं। ट्रंप पहले भी कई बार भारत को टैरिफ को लेकर निशाना बनाते रहे हैं। उनके नए सेक्टोरल टैरिफ और संभावित जवाबी टैरिफ की वजह से भारत को झटका लग सकता है।
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भारत क्यों घटाना चाहता है टैक्स?
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इस टैरिफ के असर को कम करने के लिए अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर लगने वाले 10-15 प्रतिशत के कस्टम ड्यूटी को घटाने या खत्म करने पर विचार कर रहा है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर टैक्स घटाने से भारतीय ऑटो उद्योग को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। इसके पीछे यह सोच है कि महंगे अमेरिकी ऑटो पार्ट्स, भारत में बने सस्ते ऑटो पार्ट्स की जगह नहीं ले पाएंगे, भले ही उन पर से टैक्स हटा दिया जाए।
यह भी पढ़ें - Auto Tariffs: टैरिफ बढ़ने के डर से अमेरिका में कार खरीदने की होड़, कुछ कंपनियों को नजर आया बिक्री का मौका!
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इस टैरिफ के असर को कम करने के लिए अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर लगने वाले 10-15 प्रतिशत के कस्टम ड्यूटी को घटाने या खत्म करने पर विचार कर रहा है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर टैक्स घटाने से भारतीय ऑटो उद्योग को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। इसके पीछे यह सोच है कि महंगे अमेरिकी ऑटो पार्ट्स, भारत में बने सस्ते ऑटो पार्ट्स की जगह नहीं ले पाएंगे, भले ही उन पर से टैक्स हटा दिया जाए।
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व्यापार में संतुलन बनाने की कोशिश
यह कदम भारत की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें भारत उन उत्पादों पर टैक्स कम करने पर विचार कर रहा है जिनका भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात करता है, लेकिन जिनका खुद ज्यादा आयात नहीं करता।
वित्त वर्ष 2024 में, भारत ने अमेरिका को करीब 7 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए थे, जबकि अमेरिका से सिर्फ 1.5 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए थे। ऐसे में, अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर ड्यूटी खत्म करने से भारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
यह भी पढ़ें - 2025 MG Astor: भारत में लॉन्च हुई 2025 एमजी एस्टर एसयूवी, जानें कीमत, फीचर्स और क्या है नया
यह कदम भारत की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें भारत उन उत्पादों पर टैक्स कम करने पर विचार कर रहा है जिनका भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात करता है, लेकिन जिनका खुद ज्यादा आयात नहीं करता।
वित्त वर्ष 2024 में, भारत ने अमेरिका को करीब 7 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए थे, जबकि अमेरिका से सिर्फ 1.5 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए थे। ऐसे में, अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर ड्यूटी खत्म करने से भारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
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व्हाइट हाउस और भारत के बीच बातचीत जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच सिर्फ ऑटो पार्ट्स को लेकर चर्चा हुई है, पूरी गाड़ियों को लेकर नहीं। दोनों देश इस समय आपसी व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं, ताकि ट्रंप की टैरिफ नीति से बीच का कोई रास्ता निकाला जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका को साफ तौर पर कहा है कि व्यापार से जुड़ी बाकी समस्याओं का समाधान व्यापार समझौते के जरिए किया जाना चाहिए, न कि टैरिफ के जरिए।
एक सूत्र ने बताया कि भारत ने अमेरिका से कहा है कि जब दोनों देश व्यापार को लेकर बातचीत कर रहे हैं, तो 2 अप्रैल से शुरू होने वाले जवाबी टैरिफ (रिसीप्रोकल टैरिफ) लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका को साफ तौर पर कहा है कि व्यापार से जुड़ी बाकी समस्याओं का समाधान व्यापार समझौते के जरिए किया जाना चाहिए, न कि टैरिफ के जरिए।
एक सूत्र ने बताया कि भारत ने अमेरिका से कहा है कि जब दोनों देश व्यापार को लेकर बातचीत कर रहे हैं, तो 2 अप्रैल से शुरू होने वाले जवाबी टैरिफ (रिसीप्रोकल टैरिफ) लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
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