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Vehicle Scrapping: महाराष्ट्र सरकार एक जनवरी तक 15 साल पुराने 13,000 वाहनों को करेगी स्क्रैप, जानें डिटेल्स
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 15 Nov 2024 04:30 PM IST
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सार
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 13,000 वाहनों को स्क्रैप करने का फैसला किया है।

Vehicle Scrapping
- फोटो : Freepik
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विस्तार
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 13,000 वाहनों को स्क्रैप करने का फैसला किया है। यह केंद्र सरकार की 2021 वाहन स्क्रैपिंग नीति का अनुसरण करता है, जो सरकारी और निजी स्वामित्व वाले दोनों वाहनों पर लागू होती है।

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इस नीति के तहत 15 साल से ज्यादा पुराने, जो इस्तेमाल के लायक नहीं या प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाना चाहिए। भारत सरकार ने इसे लागू करने के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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इसके अनुसार, राज्य ने अपने विभागों, अर्ध-सरकारी निकायों, स्थानीय और नागरिक निकायों और सार्वजनिक परिवहन उपक्रमों से 13,000 वाहनों की पहचान की है। जिन्हें 2024-25 में स्क्रैप किया जाएगा।
9 अगस्त को केंद्र सरकार ने राज्य को इन पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का निर्देश दिया था। 14 नवंबर को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रक्रिया अगले साल 1 जनवरी से पहले पूरी कर ली जाए।
9 अगस्त को केंद्र सरकार ने राज्य को इन पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का निर्देश दिया था। 14 नवंबर को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रक्रिया अगले साल 1 जनवरी से पहले पूरी कर ली जाए।
निजी वाहन मालिकों को भी इन दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। राज्य परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार के अनुसार, जो लोग अपने पुराने वाहनों का इस्तेमाल जारी रखना चाहते हैं, उन्हें तीन काम करने होंगे।
भीमनवार के अनुसार, इन तीन चरणों में पहला है ऑटोमोटिव फिटनेस सेंटर से वार्षिक फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करना। जिसकी लागत 1600 से 1800 रुपये तक होती है। और जरूरी पार्ट्स को बदलना। दूसरा, आरटीओ में वाहन का फिर से पंजीकरण कराना, जिसमें 5,500 रुपये का भुगतान करना होगा। और तीसरा, वाहन के टाइप के आधार पर ग्रीन टैक्स का भुगतान करना शामिल है।