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PLI Scheme: ऑटो सेक्टर में पीएलआई स्कीम के तहत 75000 करोड़ रुपये का होगा निवेश, सरकार के लक्ष्य से 75 प्रतिशत ज्यादा, मारुति सुजुकी, टाटा, हीरो को मिली मंजूरी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Tue, 15 Mar 2022 06:56 PM IST
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सार
कुल 95 कंपनियों ने नरेंद्र मोदी सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए 74,850 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

Automobile Sector Cars
- फोटो : PTI
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विस्तार
मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प, अशोक लीलैंड, बजाज ऑटो और बॉश सहित कुल 95 कंपनियों ने नरेंद्र मोदी सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए 74,850 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। भारी उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पांच साल की अवधि में प्रस्तावित निवेश सरकार के लक्ष्य अनुमान से 75 प्रतिशत ज्यादा है। इस योजना के तहत, अनुमोदित कंपनियों को भारत में निर्माण करने पर सरकार से 18 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा।

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मारुति, बॉश जैसी घरेलू और विदेशी कंपनियों को दी मंजूरी
ऑटो निर्माताओं और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं जैसे मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ह्यूंदै मोटर, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर, फोर्ड इंडिया, भारत फोर्ज लिमिटेड, बॉश लिमिटेड और हीरो साइकिल्स लिमिटेड को कंपोनेंट निर्माण योजना के तहत सरकार ने मंजूरी दे दी है। जबकि भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और CEAT लिमिटेड जैसी नई गैर-ऑटोमोटिव कंपनियों को भी इस योजना के तहत सरकार द्वारा मंजरी मिली है।
ऑटो निर्माताओं और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं जैसे मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ह्यूंदै मोटर, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर, फोर्ड इंडिया, भारत फोर्ज लिमिटेड, बॉश लिमिटेड और हीरो साइकिल्स लिमिटेड को कंपोनेंट निर्माण योजना के तहत सरकार ने मंजूरी दे दी है। जबकि भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और CEAT लिमिटेड जैसी नई गैर-ऑटोमोटिव कंपनियों को भी इस योजना के तहत सरकार द्वारा मंजरी मिली है।
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Bosch
- फोटो : For Reference Only
सरकार के लक्ष्य से 75 प्रतिशत ज्यादा
कुल मिलाकर, सरकार ने पीएलआई योजना – चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और कंपोनेंट चैंपियन प्रोत्साहन योजना के तहत ऑटो और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं दोनों के लिए 42,500 करोड़ रुपये के निवेश अनुमान का लक्ष्य रखा था। सरकार ने कहा कि उसने घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदकों से 29,834 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को मंजूरी दी है, जो इसके 25,938 करोड़ रुपये के लक्ष्य से ज्यादा है।
कुल मिलाकर, सरकार ने पीएलआई योजना – चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और कंपोनेंट चैंपियन प्रोत्साहन योजना के तहत ऑटो और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं दोनों के लिए 42,500 करोड़ रुपये के निवेश अनुमान का लक्ष्य रखा था। सरकार ने कहा कि उसने घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदकों से 29,834 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को मंजूरी दी है, जो इसके 25,938 करोड़ रुपये के लक्ष्य से ज्यादा है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय।
- फोटो : amar ujala
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा, "जबरदस्त प्रतिक्रिया से पता चलता है कि उद्योग ने विश्व स्तरीय विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास दिखाया है, जो माननीय प्रधान मंत्री के आत्म-निर्भार भारत के स्पष्ट आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है - एक आत्म-निर्भर भारत। भारत निश्चित रूप से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाएगा।"

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ऑटो, ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं के लिए 18% तक वित्तीय प्रोत्साहन
कंपोनेंट निर्माताओं के लिए प्रस्तावित प्रोत्साहन निर्धारित बिक्री मूल्य के 8 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक है। जबकि ओईएम (ओरिजिनल इक्यूप्मेंट मैन्युफेकचरर्स) के लिए 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक है। एक अप्रैल, 2022 से पांच साल के लिए भारत में निर्मित उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों (वाहन और घटकों दोनों) की बिक्री के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना के तहत बजट में सरकार ने ऑटो और ऑटो घटक निर्माताओं के लिए 25,938 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया है।
कंपोनेंट निर्माताओं के लिए प्रस्तावित प्रोत्साहन निर्धारित बिक्री मूल्य के 8 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक है। जबकि ओईएम (ओरिजिनल इक्यूप्मेंट मैन्युफेकचरर्स) के लिए 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक है। एक अप्रैल, 2022 से पांच साल के लिए भारत में निर्मित उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों (वाहन और घटकों दोनों) की बिक्री के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना के तहत बजट में सरकार ने ऑटो और ऑटो घटक निर्माताओं के लिए 25,938 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया है।