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Vehicle Scrapping: गाड़ी की एंड-ऑफ-लाइफ पर आपके वाहन को कबाड़ में कैसे बदला जाएगा, सरकार ने बनाए नए नियम

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Sat, 11 Jan 2025 05:23 PM IST
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सार

सरकार ने घोषणा की है कि वह 1 अप्रैल से एनवायरमेंट प्रोटेक्शन (एंड ऑफ लाइफ) रूल्स, यानी पर्यावरण संरक्षण (जीवन-काल समाप्त कर चुके वाहन) नियम, 2025 लागू करेगी। जिसका मसौदा पिछले साल साझा किया गया था। 

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Vehicle Scrapping - फोटो : Freepik
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विस्तार
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सरकार ने घोषणा की है कि वह 1 अप्रैल से एनवायरमेंट प्रोटेक्शन (एंड ऑफ लाइफ) रूल्स, यानी पर्यावरण संरक्षण (जीवन-काल समाप्त कर चुके वाहन) नियम, 2025 लागू करेगी। जिसका मसौदा पिछले साल साझा किया गया था। 
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संशोधित नियम निर्माता, पंजीकृत वाहन मालिकों, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा, थोक उपभोक्ताओं, कलेक्शन सेंटर, ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों और जीवन-काल समाप्त कर चुके वाहनों की हैंडलिंग, प्रोसेसिंग और स्क्रैपिंग में शामिल संस्थाओं पर लागू होंगे। 
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वाहनों को कैसे स्क्रैप करना चाहिए?
वाहनों के पंजीकृत मालिक और थोक उपभोक्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका परीक्षण केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 52 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 56 के अनुसार किया जाए।

मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के कार्य) नियम, 2021 के अनुसार, वाहन के एंड-ऑफ-लाइफ तक पहुंचने के बाद, मालिक को 180 दिनों के भीतर वाहन को निर्माता के किसी भी निर्दिष्ट संग्रह केंद्र या नामित बिक्री आउटलेट या पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा पर छोड़ना होगा।

थोक उपभोक्ताओं को राज्य बोर्ड के केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। उन्हें पिछले वित्तीय वर्ष के लिए 30 जून तक या उससे पहले फॉर्म 2 में दाखिल वार्षिक रिटर्न में अपने स्वामित्व वाले वाहनों के साथ-साथ अपने जीवन-काल समाप्त होने वाले वाहनों का डिटेल भी दर्ज करना होगा।

पर्यावरण मुआवजा क्या है? यह आप पर कैसे लगाया जा सकता है?
अगर जीवन-काल समाप्त होने वाले वाहनों से संबंधित प्रावधान का अनुपालन करने में नाकाम होने की वजह से पर्यावरण को नुकसान होता है। तो थोक उपभोक्ता, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग या किसी भी उत्पादक को पर्यावरण मुआवजा दिया जाएगा। केंद्रीय बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मुआवजे की राशि पर्यावरण को हुए नुकसान के बराबर होगी।

मामले में शामिल दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद ही मुआवज़ा लगाया जाएगा।

उत्पादक पर केंद्रीय बोर्ड और थोक उपभोक्ता और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा पर राज्य बोर्ड द्वारा पर्यावरण मुआवजा लगाया जाएगा। 

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Vehicle Scrapping - फोटो : Freepik
अगर थोक उपभोक्ता, उत्पादक या स्क्रैपिंग सुविधा आखिरकार प्रावधान का अनुपालन करती है, तो उनका पर्यावरण मुआवजा उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

अगर एक वर्ष के भीतर प्रावधानों का पालन किया जाता है, तो दूसरे पक्ष को पर्यावरण मुआवजे का 75 प्रतिशत मिलेगा। दो वर्षों में, पर्यावरण मुआवजे का 60 प्रतिशत, और तीन वर्षों में, पर्यावरण मुआवजे का 40 प्रतिशत हासिल होगा।

लोगों से इकट्ठा किया गया मुआवजा केंद्रीय बोर्ड या राज्य बोर्ड द्वारा एक अलग खाते में रखा जाएगा।

सरकार पर्यावरण मुआवजे का इस्तेमाल प्रक्रियाओं के गैर-अनुपालन से पर्यावरण या स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान या हानि की भरपाई के लिए करेगी। 

सरकार केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करेगी
पंजीकरण के नियम प्रकाशित होने और उत्पादकों और थोक उपभोक्ताओं द्वारा रिटर्न दाखिल किए जाने के बाद, छह महीने के भीतर केंद्रीय बोर्ड द्वारा एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाएगा।

पोर्टल पर, केंद्रीय बोर्ड हर समय एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों की प्राप्ति के साथ-साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा की अपशिष्ट सामग्री (वेस्ट मटेरियल) पर दर्ज डेटा को दर्शाएगा।

पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं और उत्पादक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल पर विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व प्रमाणपत्रों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।

पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा और थोक उपभोक्ताओं को पंजीकृत करने के लिए राज्य बोर्ड द्वारा केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल किया जाएगा। वे पोर्टल के जरिए रिटर्न भी दाखिल कर सकेंगे।
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