Volkswagen: फॉक्सवैगन ने श्रमिकों को दिया स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प, 2,300 कर्मचारी होंगे प्रभावित
जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन ने अपने दो प्लांट्स में काम करने वाले 2,300 श्रमिकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का विकल्प दिया है। प्लांट्स की क्षमता का पूरा उपयोग न हो पाने और श्रम क्षमता को संतुलित करने के लिए योजना शुरू की गई है।
विस्तार
जर्मनी की दिग्गज कार कंपनी फॉक्सवैगन (Volkswagen) ने अपने दो भारतीय कारखानों में काम करने वाले 2,300 कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS/Early Retirement) का विकल्प दिया है। कंपनी यह कदम इसलिए उठा रही है ताकि वह अपने कामकाज को बेहतर तरीके से चला सके और भारत में बिजनेस को मजबूत कर सके। महाराष्ट्र में मौजूद दोनों प्लांट इस समय अपनी पूरी क्षमता पर काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए कर्मचारियों के लिए यह योजना शुरू की गई है। अच्छी बात यह है कि कर्मचारी यूनियनों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है।
रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक, यह स्कीम कारखानें में काम करने वाले सभी 2,300 श्रमिकों के लिए है। कंपनी का लक्ष्य है कि स्टाफ की संख्या को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नियंत्रण में लाया जा सके और कर्मचारियों को अच्छा वेतन मिलता रहे। ताकि प्लांट बिना किसी परेशानी के चल सके।
कंपनी पर चल रहा है 1.4 अरब डॉलर का टैक्स विवाद
कंपनी इस समय देश में अपने अब तक के सबसे बड़े 1.4 बिलियन डॉलर के इंपोर्ट टैक्स विवाद का सामना कर रही है। आरोप है कि कंपनी ने कुछ टैक्स सही से नहीं चुकाए हैं। फॉक्सवैगन ग्रुप कई बड़े ब्रांड जैसे फॉक्सवैगन, स्कोडा, ऑडी, पोर्श, लैंबॉर्गिनी और बेंटले जैसे प्रीमियम ब्रांड्स भारत में बेचती है। फिर भी कंपनी का मार्केट शेयर भारत में सिर्फ 2% है। स्कोडा के सीईओ क्लाउस जेलमर पहले ही कह चुके हैं कि भारत कंपनी के लिए बड़ा मौका है। क्योंकि चीन में उनकी पकड़ कमजोर हुई है और रूस से कंपनी बाहर आ चुकी है।
पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहे प्लांट
महाराष्ट्र में फॉक्सवैगन के दोनों प्लांट अपनी तय क्षमता से कम पर काम कर रहे थे। इसी वजह से श्रमिकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया गया। ताकि श्रमिक शक्ति को जरूरत के हिसाब से संतुलित किया जा सके।
कंपनी के अनुसार
कंपनी की मानें तो, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का विकल्प पूरी तरह स्वैच्छिक है। इसे कर्मचारी यूनियनों के कहने पर शुरू किया गया है। यह कदम भारत में कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है।
योजना से श्रमिकों को कैसे मिलेगा लाभ?
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी में कुल किए गए काम के वर्षों में या रिटायरमेंट के बचे वर्षों में (जो कम हो) 75 दिन का वेतन मिलेगा। यह प्रस्ताव तभी मान्य होगा जब कर्मचारी पहली 5-10 दिनों के भीतर योजना को चुन लेते हैं। ऐसा करने पर उन्हें अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी।
प्लांट में होता है इन गाड़ियों का उत्पादन
महाराष्ट्र के इन दोनों प्लांट्स में भारत और विदेशों के लिए स्कोडा कुशाक (एसयूवी), फॉक्सवैगन वर्टस (सेडान), ऑडी Q3 और ऑडी Q5 जैसे कई मॉडल बनाए जाते हैं। इन मॉडलों का निर्यात मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी किया जाता है।